Last Updated on July 10, 2020 by admin
नासूर के लिये अक्सीर तेल : Purane Ghav ka ilaj
जो घाव पुराना होकर नासूर बन जाये, और किसी भी प्रकार ठीक न होता हो, उनके लिए यह तेल रसायन है। इससे निश्चय ही लाभ हो जाता है।
एक रोगिणी के घाव से अत्यधिक पीप निकला करता था। घाव काफी बड़ा और गहरा था। वह घाव भी इस तेल के लगाने से कुछ दिनों में ही ठीक हो गया।
तेल बनाने की विधि – कपूर 58 ग्राम बारीक पीस कर शीशी में डालें और उसमें 12 ग्राम कार्बोलिक एसिड मिला कर रख दें। थोड़ी देर में स्वयं ही तेल का रूप धारण कर लेगा । ढक्कन लगा कर शीशी को सुरक्षित रख ले ।
उपयोग विधि – पिचकारी से दवा को नासूर के भीतर पहुंचावें या बत्ती भिगो कर घाव में भर दिया करें। गिनती के दिनों में ही घाव ठीक हो जायेगा ।
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आयुर्वेदिक औषधियों से नासूर का घरेलू उपचार : Nasoor ka Ayurvedic Gharelu Upchar
1) पापोरन: नासूर के जख्म में पड़े कीड़े व पीब को खत्म करने के लिए पापोरन की जड़ को पानी में घिसकर नासूर पर लगाने से रोगी को लाभ मिलता है।
2) थूहर : थूहर का दूध, आक का दूध तथा दारूहल्दी को पीसकर बत्ती बनाकर घाव में रखने से हर तरह का नासूर मिट जाता है।
3) नीम :
- बेर और नीम के पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बांधने से नासूर का रोग दूर हो जाता है।
- नीम की पत्तियों को पीसकर लेप बना लें। इस लेप को नासूर के घाव पर लगाकर बांधने से लाभ मिलता है।
- नासूर का रोग दूर करने के लिए नीम के पत्तों को पानी में उबालें। कम गर्म पानी से नासूर के जख्म को धोकर एरण्ड के तेल में सिन्दूर मिलाकर रूई से लगाने से नासूर के रोगी का रोग दूर हो जाता है।
4) आम : आम की गुठली, रेणुका, बड़ के अंकुर, शंखाहूली के बीज, बहेड़ा तथा सुअर के मल को जलाकर राख कर लें। इस राख को तेल में मिलाकर नासूर पर लगाने से नासूर रोग ठीक हो जाता है।
5) शहद : सेंधानमक तथा शहद को रूई में भिगोकर बत्ती बना लें। इस बत्ती को नासूर पर रखने से नासूर में पीब का बनना बंद हो जाता है।
6) इमली : इमली के बीजों को पानी में भिगोकर छिलके निकाल दें। इसके अन्दर की गिरी को पीसकर रूई की बत्ती बनाकर नासूर पर रखने से नासूर ठीक हो जाता है।
7) पत्थरचट्टा : नये घाव व पुराने घावों पर पत्थरचट्टा के पत्तों का कल्क (चटनी) बनाकर हल्का गर्म करके पट्टी बांधने से घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाते है।
8) एलोवेरा : हड्डी के घाव और पुराने घाव पर एलोवेरा (ग्वारपाठा) की जड़ को लगाने से घाव ठीक हो जाते हैं।
9) आक : घाव पर आक के पत्तों के चूर्ण छिड़कने से पुराने से पुराना घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
10) हरड : हरड चूर्ण को शहद में मिलाकर लेप करने से पुराने से पुराना घाव भी शीघ्र ही ठीक हो जाता है।
11) जायफल : नासूर (पुराने घाव) को अगर जायफल के काढ़े से नित्य धोया जाय व जायफल का चूर्ण डालकर पट्टी बांधी जाये तो वह घाव शिघ्र ही ठीक हो जाता है।
12) दारूहल्दी : दारूहल्दी की जड़ का काढ़ा बनाकर पुराने घाव को धोते रहने से वह जल्दी ही ठीक हो जाता है।
12) नील : नासूर (पुराने घाव) पर नील का लेप करने से घाव अच्छा हो जाता हैं।
13) कुन्द फूल : कुन्द फूल के पत्तों को पीसकर पट्टी बांधी जायें तो पुराने से पुराना घाव भी शीघ्र भर जाता है।
14) बेलिया पीपल : नित्य बेलिया पीपल की जड़ और पत्तों से सिद्ध तेल को नासूर (पुराने घाव) पर लगाने से घाव में आराम के साथ यह घाव के दर्द को भी शांत करता है।
15) सहोरा : सहोरा की जड़ को पीसकर पुराने घाव पर लगाया जाये तो वह जल्दी ठीक हो जाता है।
16) मसूर : मसूर को पीसकर नासूर (पुराने घाव) पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
17) तिल : नासूर (पुराने घाव) पर तिल की पट्टी बांधने से घाव शीघ्र ठीक हो जाता है। घाव पर तिल का तेल भी लगाया जाता है।
(दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
ज्यादा विलंब करना रोग की विकृति को और ज्यादा बढ़ा सकता है । अविलंब किसी अनुभवी वैद्य या एलोपैथिक डॉक्टर से परामर्श का इसका उपचार कराएं ।
Non healing ulcer right foot met with accident three month before.