Last Updated on August 26, 2021 by admin
पेट दर्द : pet dard in hindi
उदरशूल अर्थात् पेट में दर्द की विकृति सभी छोटे-बड़ों को, कभी-न-कभी अवश्य पीड़ित करती है। कुछ स्त्री-पुरुष व किशोर तो अपने खाने-पीने की अनुचित आदतों के कारण आए दिन उदरशूल से पीड़ित होते रहते हैं। अनियमित, दूषित, बासी और गरिष्ठ खाद्य पदार्थों के सेवन से अधिकांश स्त्री-पुरुष उदरशूल से पीड़ित रहते हैं।
घर की अपेक्षा बाजार में उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थ छोले-भठूरे, समोसे, कचौड़ी, आलू की टिक्की आदि खाने वाले उदर शूल से अधिक पीड़त होते हैं। इन खाद्य पदार्थों की पाचन क्रिया सरलता से नहीं होती। दूसरे इन खाद्य पदार्थों से उत्पन्न दूषित वायु (गैस) उदर में आध्मान, कोष्ठबद्धता आदि की उत्पत्ति के साथ उदरशूल की उत्पत्ति करती है।
पाचन क्रिया की विकृति होने पर उदरशूल की उत्पत्ति होती है। कुछ स्त्री-पुरुष उदरशूल के प्रारंभ में उसकी चिकित्सा पर बिलकुल ध्यान नहीं देते। भोजन में भी शूल उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण नहीं रख पाते। ऐसी स्थिति में जब तीव्र रूप से उदरशूल होता है तो चिकित्सक के पास दौड़े जाते हैं।
पेट में दर्द के कारण : pet dard ke karan in hindi
- उदरशूल की विकृति पाचन क्रिया की विकृति से होती है और पाचन क्रिया हर समय कुछ-न-कुछ खाते रहने, भोजन की पाचन क्रिया संपन्न होने से पहले खाने-पीने से होती है।
- यदि भोजन में वसायुक्त खाद्य पदार्थों (घी, तेल, मक्खन व दूध से बने) का अधिक अभाव रहे तो उदर में शुष्कता बढ़ती है और पुरीष (मल) अधिक शुष्क और कठोर हो जाता है।जब पुरीष अधिक शुष्क व कठोर होता है तो आंतों से उसका निष्कासन सरलता से नहीं होता। पुरीष आंतों में एकत्र होकर सड़ने लगता है, तब दूषित वायु (गैस), उदर शूल, आध्मान (अफारा) आदि रोगों की उत्पत्ति होती है।
- कोष्ठबद्धता की विकृति अम्लपित्त, अरुचि, आमाशयिक व्रण, आंत्र शोथ व अर्श रोग को भी जन्म देती है। यकृत और प्लीहा की वृद्धि भी कोष्ठबद्धता के निरंतर बने रहने से होती है।
- आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार मल-मूत्रादि का वेग रोकने, अधिक मात्रा में भोजन करने, भोजन में गरिष्ठ खाद्य पदार्थों का सेवन करने और अधिक उष्ण मिर्च-मसालों के व्यंजनों का सेवन करने से उदरशूल की उत्पत्ति होती है। अधिक
- रात्रि तक जागरण करने वाले, शीत ऋतु में दिन में सोने वाले, भोजन करते ही बिस्तर पर सोने वाले और पौष्टिक भोजन करने वाले स्त्री-पुरुष व किशोर जब शारीरिक श्रम नहीं करते हैं तो उदर शूल से पीड़ित होते हैं।
- कुछ स्त्री-पुरुष कचालू, अरबी, भिण्डी, गोभी, उड़द की दाल के बने व्यंजन अधिक मात्रा में खाते हैं। वात विकार उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थ, सब्जियां, वायु की उत्पत्ति करके उदरशूल की उत्पत्ति करती हैं।
- मांस-मछली की तरह इन गरिष्ठ खाद्य पदार्थों की पाचन क्रिया विलंब से होती है और उदरशूल की उत्पत्ति कर देती है। कुछ एलोपैथी औषधियों के साइड इफेक्ट के रूप में भी उदरशूल की उत्पत्ति हो सकती है।
- आंत्र कृमि (पेट में कीड़े) भी अनेक व्यक्तियों के उदर में शूल की उत्पत्ति करते हैं।
पेट दर्द के घरेलू उपाय : pet dard ke gharelu upay
pet dard kaise dur kare
1) हींग :
- हींग को गर्म पानी में पीसकर नाभि के आस-पास गाढ़ा लेप लगाने से पेट का दर्द शांत होता है।
- शुद्ध हींग को देशी घी में पीसकर चाटने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- सेंकी हुई हींग और जीरा, सोंठ व सेंधानमक पीसकर चौथाई चम्मच गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- pet dard ke liye dawai हींग का चने की आकार की गोली बनाकर घी के साथ खाने से कब्ज और पेट दर्द नष्ट होता है।
- हींग को पानी के साथ गर्म करके पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- हींग, अजवायन और काला नमक को पीसकर चूर्ण बनाकर गर्म पानी के साथ रोगी को देने से पेट दर्द में लाभ होता है।
- एक चौथाई ग्राम भुनी हुई हींग को गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार पीने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- हींग 2 से 3 ग्राम की मात्रा में घोलकर बस्ति पर लगाने से अफारा (गैस) के कारण उत्पन्न पेट का दर्द समाप्त होता है।
- भुनी हुई हींग थोड़ी मात्रा में खाने से पेट के दर्द में आराम मिलता है। ( और पढ़ें – हींग खाने के 73 सेहतमंद फायदे )
- 2 ग्राम हींग को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब पानी एक चौथाई रह जाए तो गर्म-गर्म सेवन करने से सभी प्रकार का पेट दर्द ठीक होता है।
2). कालानमक :
- कालानमक, सोंठ और भुनी हुई हींग को पीसकर बने चूर्ण को गर्म पानी के साथ प्रयोग करने से पेट में बनी गैस के कारण होने वाला दर्द ठीक होता है।
- कालीनमक, कालीमिर्च और पीपल 20-20 ग्राम को 10 ग्राम भुना हुआ सुहागा के साथ पीसकर नींबू का रस मिलाकर 1-1 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे भूख न लगने के कारण उत्पन्न पेट दर्द ठीक होता है और भूख बढ़ती है।
- कालानमक, सेंधानमक, सादा नमक, खुरासानी, बच, जवाखार, दंती, कूट और सोंठ को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। यह चूर्ण आधी चम्मच की मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द नष्ट होता है।
- कालानमक, हींग और पुदीना पीसकर थोड़ी से पानी में पकाकर बच्चे को दो चम्मच की मात्रा में पिलाने से उसका पेट दर्द ठीक होता है।
- pet dard ke gharelu ilaaj 1 ग्राम कालानमक के साथ 3 ग्राम अजमोद मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द दूर होता है।
- एक ग्राम कालानमक और 2 ग्राम अजवायन गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
3). सौंफ :
- सौंफ 3 ग्राम को 50 मिलीलीटर पानी में उबालें और पानी एक चौथाई बच जाए तो छानकर ठंडा करके आधी-आधी चम्मच दिन में 3 बार बच्चे को पिलाएं। इससे बच्चे के पेट का दर्द ठीक होता है।
- 3 ग्राम सौंफ में चुटकी भर सेंधानमक मिलाकर खाने से पेट की पीड़ा समाप्त होती है।
- भुनी हुई सौंफ खाने से पेट की बीमारी समाप्त होती है और पाचन क्रिया तेज होता है।
- सौंफ और सेंधानमक पीसकर 2 चम्मच की मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने से पेट दर्द ठीक होता है।
- सौंफ को गर्म करके काढ़ा बनाकर या सौंफ का रस निकालकर पीने से पेट का दर्द नष्ट होता है।
- सौंफ 10 ग्राम, अजवायन 10 ग्राम और कालानमक 10 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 1-1 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ खाना खाने के बाद सेवन करें। इससे पेट दर्द में आराम मिलता है।
- 3 से 4 बूंद सौंफ के रस को तारपीन के तेल में मिलाकर पेट के ऊपर लगाने से पेट के दर्द में लाभ मिलता है।
- सौंफ, जीरा और सेंधानमक बारीक पीसकर गर्म पानी के साथ पीने से पेट दर्द में लाभ मिलता है। ( और पढ़ें – सौंफ खाने के 61 लाजवाब फायदे )
4). हरड़ :
- हरड़ का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ पीने से कब्ज के कारण होने वाला दर्द ठीक होता है।
- 3 ग्राम हरण का चूर्ण गुड़ के साथ खाने से पेट में गैस बनने के कारण उत्पन्न दर्द ठीक होता है।
- 6 ग्राम हरड़, बहेड़ा 6 ग्राम और 6 राई को पीसकर पानी के साथ पीने से कब्ज के कारण होने वाले पेट दर्द में आराम मिलता है।
- पिसी हुई हरड़ का चूर्ण एक चुटकी और आधा चुटकी पीपल का चूर्ण लेकर सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- हरड़ को बारीक पीसकर इसके चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर खाने से पेट का दर्द ठीक होता है। ( और पढ़ें – हरड़ खाने के 7 बड़े फायदे व सेवन विधि )
5). सोंठ :
- pet dard dur karne ke upay 3 ग्राम सोंठ के चूर्ण में सेंधानमक मिलाकर गर्म पानी के साथ पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- सोंठ 10 ग्राम, 50 ग्राम सौंफ व 30 ग्राम मस्तंगी को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 5 ग्राम की मात्रा में खाने से पेट दर्द से आराम मिलता है।
- सोंठ का चूर्ण, जीरे का चूर्ण, हींग एक-एक चौथाई ग्राम, 2 चुटकी काला व सेंधानमक मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- पिसी हुई सोंठ का चूर्ण आधे से एक ग्राम की मात्रा में घी, भुनी हुई हींग व कालानमक के साथ सेवन करने से पेट का पुराने से पुराना दर्द ठीक होता है।
- सोंठ, कालीमिर्च, जवाखार और सेंधानमक पीसकर चूर्ण बनाकर छाछ के साथ पीएं। यह सन्निपात के कारण होने वाले पेट दर्द को समाप्त करता है।
- सोंठ को पीसकर मदार के दूध में अच्छी तरह मिलाकर छोटी-छोटी गोली बनाकर छाया में सुखा लें और यह 1-1 गोली 1-1 घंटे पर सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- सोंठ, हींग, वच, जीरा और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर 3 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- सोंठ को पीसकर गुड़ के साथ खाने से भूख के कारण पानी पीने से उत्पन्न पेट दर्द ठीक होता है।
- सोंठ, चौकिया सुहागा, सेंधानमक, हींग व नौसादर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर सहजने के रस में अच्छी तरह मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह 1-1 गोली आधे-आधे घंटे के अंतर गुनगुने पानी के साथ रोगी को देने से पेट की बीमारी ठीक होती है।
- सोंठ 10 ग्राम, काला नमक 10 ग्राम, अनारदाना 10 ग्राम व भुनी हींग 10 ग्राम को मिलाकर चूर्ण बनाकर 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- बारीक पीसी हुई सोंठ में एक चौथाई ग्राम हींग को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से किसी भी कारण से पेट में होने वाला दर्द ठीक होता है।
6). आंवला :
- pet dard dur karne ka tarika आंवला का रस और विदारीकंद का रस 10-10 ग्राम लेकर शहद के साथ सेवन करने से पेट का दर्द व अन्य रोग ठीक होता है।
- आंवला, सनाय, हरड़, बहेड़ा और कालानमक एक साथ मिलाकर बारीक पीस लें और इसमें नींबू का रस मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह 1-1 गोली खाने से पेट का दर्द ठीक होता है और भूख बढ़ती है।
7). नींबू :
- Home remedies for stomach pain कच्चे नींबू का छिलका दिन में 2 से 3 बार खाने से पेट में होने वाले बादी का दर्द ठीक होता है।
- नींबू का 12 मिलीलीटर रस, अदरक का रस 6 मिलीलीटर और शहद 6 ग्राम को मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- नींबू के 5 मिलीलीटर रस में अदरक का रस मिलाकर पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- नींबू को काटकर इसमें कालानमक, कालीमिर्च और जीरा भरकर गर्म करके चूसने से पेट का दर्द ठीक होता है और पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
- कागजी नींबू के एक छोटे चम्मच रस में पिसा हुआ कालानमक एक चुटकी डालकर एक कप गुनगुने पानी में अच्छी तरह मिलाकर रोगी को देने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- आधे नींबू के रस में थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर 100 मिलीलीटर पानी में डालकर पीने से पेट का दर्द नष्ट होता है।
- नींबू के रस में शहद व जवाखार मिलाकर चाटने से पेट दर्द में आराम मिलता है। ( और पढ़ें – रसीले नींबू के नायाब 30 घरेलू नुस्खे )
8). कालीमिर्च :
- pet dard ki dawa 2 कालीमिर्च के दाने और 4 चम्मच अनार के दाने को पीसकर चटनी बनाकर सुबह-शाम चाटने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- 2 ग्राम कालीमिर्च, 2 ग्राम हींग और सोंठ 2 ग्राम को पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से पेट की पीड़ा में आराम मिलता है।
- कालीमिर्च, सोंठ और हींग का चूर्ण बराबर की मात्रा में मिलाकर एक चम्मच की मात्रा गर्म पानी के साथ लेने पेट का दर्द ठीक होता है।
- 1 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण में अदरक व नीबू का रस मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- कालीमिर्च, सोंठ, पीपल, पांचों नमक, सज्जी और थोड़ी-सी मात्रा में जमालगोटा मिलाकर चूर्ण बनाकर छाया में सुखा लें। यह आधा चम्मच चूर्ण प्रतिदिन सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है। ( और पढ़ें – काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभ )
9). सोडा : आधा चम्मच खाने का सोडा गर्म पानी में मिलाकर पीने से पेट में गैस बनने से होने वाला दर्द व गैस दूर होता है।
10). पानी :
- गर्म पानी को बोतल में भरकर पेट की सिंकाई करने से सभी प्रकार के पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- पानी गर्म करके फिर उस पानी को ठंडा करके 1 चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेट की बीमारी में आराम मिलता है।
- 1 गिलास गर्म पानी में नींबू का रस निचोड़कर सेवन करने से पेट की कब्ज, बदहजमी, बदबूदार गैस और पेट दर्द ठीक होता है।
11). फिटकरी : पीसी हुई फिटकरी का चूर्ण खाने के बाद दही पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है। ( और पढ़ें – फिटकरी के अचूक उपाय )
12). सिरका : 1 गिलास पानी में थोड़ा-सा सिरका मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है।
13). सेंधानमक :
- सेंधानमक, कालानमक, नौसादर, चव्य, चित्रक, शुंठी, पिप्पली की जड़ और हींग बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे कफ के कारण उत्पन्न पेट का दर्द समाप्त होता है।
- आधे चम्मच सेंधानमक को 1 गिलास पानी में मिलाकर गर्म पानी में मिलाकर पीने से शरीर में मौजूद विजातीय तत्व बाहर निकल आते हैं और पेट दर्द में आराम मिलता है।
- सेंधानमक 5 ग्राम, छोटी इलायची का दाना 5 ग्राम, भुनी हींग 5 ग्राम और भारंगी 5 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर छान लें। यह चूर्ण एक चौथई ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है। ( और पढ़ें – सेंधा नमक खाने के फायदे )
14). राई :
- राई के एक से 2 ग्राम चूर्ण में चीनी मिलाकर आधे कप पानी के साथ पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
- राई को पीसकर पेट पर लेप करने से पेट में होने वाला दर्द और उल्टियां बंद होती है।
15). एरण्ड :
- pet dard ki ayurvedic medicine 10 मिलीलीटर एरण्ड के तेल को दूध में मिलाकर पीने से कब्ज के कारण होने वाले पेट दर्द में आराम मिलता है।
- एरण्ड के तेल में हींग को बारीक पीसकर मिलाकर पेट के ऊपर लेप करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- एरण्ड के पत्तों के रस में सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- एरण्ड के तेल में जवाखार मिलाकर सेवन करने से कफ के कारण उत्पन्न पेट दर्द में आराम मिलता है।
- एरण्ड का तेल सेवन करने से पेट में दर्द नहीं होता और रुका हुआ मल आसानी से निकल आता है। छोटे बच्चे से लेकर बूढ़ों तक के लिए यह औषधि उपयोगी है।
- एरण्ड के बीजों की मींगी पीसकर गाय के 4 गुना दूध में पकाएं और जब यह खोया की तरह हो जाए तो इसमें 20 ग्राम खांड या चीनी मिलाकर चाशनी बना लें। यह प्रतिदिन 15 ग्राम की मात्रा में खाने से पेट की गैस मिटती है और दर्द दूर होता है।
- पुराने पेट के दर्द में प्रतिदिन रात को सोते समय 125 मिलीलीटर गर्म पानी में एक नीबू का रस मिलाकर एरण्ड के तेल में मिलाकर पीने से कुछ समय में दर्द दूर हो जाता है।
16). नारियल :
- नारियल के पानी में सेंधानमक मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- ताजा नारियल का 10 लीटर पानी निकालकर पकाकर शहद की तरह गाढ़ा बना लें और इसमें जायफल, सोंठ, कालीमिर्च, पीपर और जावित्री का चूर्ण डालकर कांच के बर्तन में भरकर रख लें। यह 10 से 15 ग्राम की मात्रा में 15 दिन तक सेवन करने से अम्लपित्त, पेट का दर्द, लीवर का बढ़ना आदि रोग ठीक होता है।
- हरे नारियल का पानी पीने से पेट का दर्द और पेट में पानी भरना ठीक होता है।
17). त्रिफला :
- त्रिफला का चूर्ण 3 ग्राम और मिश्री 3 ग्राम को मिलाकर गर्म पानी के साथ पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- त्रिफला (हर्र, बहेड़ा और आंवला) को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट का दर्द ठीक होता है।
18). खुरासानी अजवायन :
- खुरासानी अजवायन के 12 ग्राम चूर्ण में आधा ग्राम कालानमक मिलाकर खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- खुरासानी अजवायन का तेल 2 से 4 बूंद को 1 ग्राम सोंठ के चूर्ण में मिलाकर खाने और ऊपर से गर्म सौंफ का रस 15-20 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से पेट का दर्द शांत होता है।
- खुरासानी अजवायन और गुड़ मिलाकर खाने से वायु के कारण होने वाली पेट की पीड़ा समाप्त होती है।
19). अजवायन :
- बड़ी अजवायन के बारीक चूर्ण नमक में मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- 3 ग्राम अजवायन में आधा ग्राम कालानमक मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट की गैस, पेट का दर्द, मंदाग्नि और अम्लपित्त ठीक होता है।
- अजवायन, सेंधानमक, हरड़ और सोंठ बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 1 से 2 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट का दर्द नष्ट होता है।
- गर्भवती स्त्री को अजवायन के लड्डू और भोजन के बाद अजवायन का 2 ग्राम चूर्ण देने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं। इससे भोजन ठीक से पचता है और भूख अच्छी लगती है।
- अजवायन का रस 2-2 बूंद पान के साथ सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- अजवायन 10 ग्राम, कालीमिर्च 5 ग्राम और सेंधानमक 5 ग्राम को पीसकर गर्म पानी के साथ 3-4 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- अजवायन 80 ग्राम, सेंधानमक 40 ग्राम, कालीमिर्च 40 ग्राम, कालानमक 40 ग्राम, जवाखार 40 ग्राम और कच्चे पपीते का दूध 10 ग्राम। इन सभी को महीन पीसकर कांच के बर्तन में भरकर एक किलो नींबू का रस डालकर धूप में रखकर दें और बीच-बीच में इस मिश्रण को हिलाते रहें। 30 दिन बाद जब यह बिल्कुल सूख जाए तो 2 से 4 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करें। इससे पाचन क्रिया तेजी होती है, कब्ज दूर होती है, संग्रहणी और अम्लपित्त आदि रोग ठीक होता है।
- बच्चे के पेट में दर्द होने पर बारीक स्वच्छ कपड़े के अंदर अजवायन को रखकर बच्चे को चटाने से पेट का दर्द तुरंत मिट जाता है।
- अजवायन 20 ग्राम और नौसादर 10 ग्राम को पीसकर यह चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ पीने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- 15 ग्राम अजवायन, 5 ग्राम कालानमक और आधा ग्राम हींग को अच्छी तरह पीसकर शीशी में रख लें। यह चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में दिन में 2 बार गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है और भूख खुलकर लगती है।
- 2 चम्मच अजवायन, 8 चम्मच जीरा और 2 चम्मच कालानमक को पीसकर शीशी में भरकर रख लें। यह चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में 1 गिलास पानी मिलाकर नींबू निचोड़कर पीने से पेट का दर्द, अपच में लाभ मिलता है।
- अजवायन, झाऊ का बक्कल, धनिया, त्रिफला, बड़ी पीपल, काला जीरा, अजमोद, पीपल मूल और वायबिण्डग को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर रख लें। इस चूर्ण को 4 गुना थूहर के दूध के साथ मिलाकर थोड़ी-सी मात्रा में प्रयोग करने से पेट की बीमारियों में लाभ मिलता है।
- अजवायन के रस को पानी में मिलाकर पानी के साथ मिलाकर पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- अजवायन का चूर्ण 60 ग्राम और कालानमक 10 ग्राम को गर्म पानी के साथ पीने से पेट का दर्द, पेट की गैस, वायु गोला बनना ठीक होता है।
- अजवायन, सेंधानमक, संचर नमक, यवाक्षार, हींग और सूखा आंवला मिलाकर 5 से 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन शहद के साथ सुबह-शाम चाटने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- अजवायन, सेंधानमक, जीरा, चीता को अच्छी तरह पीसकर छाछ के साथ पीने से बादी के कारण होने वाला दर्द मिटता है।
- अजवायन के चूर्ण को पोटली में बांधकर पेट पर सिंकाई करने से पेट की पीड़ा शांत होती है।
- अजवायन 3 ग्राम को लाहौरी नमक 1 ग्राम को पीसकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
20). पोदीना :
- पोदीना के पत्तों का शर्बत बनाकर पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- 4 ग्राम पोदीने में आधा चम्मच सौंफ, आधा चम्मच अजवायन, थोड़ा सा कालानमक और एक चौथाई ग्राम हींग मिलाकर बारीक पीसकर गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट में होने वाला दर्द ठीक होता है।
- 3 ग्राम पोदीना, जीरा, हींग, कालीमिर्च और नमक आदि को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- पोदीना, सौंफ, सोंठ और गुलकंद को पीसकर पानी में उबालकर दिन में 3 बार सेवन करने से पेट का दर्द और कब्ज की शिकायत दूर होती हैं।
- 2 चम्मच सूखे पुदीने को कालानमक के साथ सेवन करने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- सूखा पोदीना और चीनी को बराबर मात्रा में पीसकर 2 चम्मच की मात्रा में गर्म पानी के साथ पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- 5 मिलीलीटर पोदीने का रस और 5 मिलीलीटर अदरक का रस मिलाकर इसमें थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- पुदीना नियमित रूप से खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
21). अमृतधारा : अमृतधारा की 2 से 3 बूंद को बताशे या खांड या पानी के साथ खाने से पेट का दर्द शांत होता है। दस्त, आंव के दस्त, पेट में मरोड़, पेचिश, हैजा, खट्टी डकारें, तेज प्याज, अधिक प्यास, पेट फूलना, पेट का दर्द, भोजन करते समय उल्टी, मंदाग्नि, बादी आदि में आराम मिलता है।
22). जामुन :
- जामुन के 10 मिलीलीटर सिरके को 50 मिलीलीटर पानी में घोलकर पीने से पेट की पीड़ा में लाभ मिलता है।
- पके हुए जामुन के रस में कालानमक मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
- जामुन में सेंधानमक मिलाकर खाने से पेट का दर्द शांत होता है।
23). लहसुन :
- लहसुन, कालीमिर्च, घी और नमक मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर खाने से लाभ मिलता है।
- आधा चम्मच लहसुन का रस और 4 चम्मच पानी व नमक मिलाकर खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- 3 मिलीलीटर लहसुन के रस में सेंधानमक मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- आधे चम्मच लहसुन के रस को पानी में मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
24). अमलतास : पेट दर्द और अफारे में अमलतास के मज्जा को पीसकर बच्चों की नाभि के चारों ओर लेप करने से लाभ मिलता है।
25). धनिया :
- 2 चम्मच धनिया को 1 कप पानी में गर्म करके शर्बत के रूप में पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- एक चम्मच धनिया और थोड़ी मात्रा में सोंठ को एक कप पानी में उबालकर पीने से पेट का दर्द, आंव आना व बदहजमी दूर होती है।
- पेट के दर्द में रोगी बुरी तरह से चीखता और चिल्लाता है। इसके लिए 10 ग्राम सूखा धनिया, 5 ग्राम सोंठ, 5 ग्राम अजवायन, 5 ग्राम भुना हुआ जीरा, 2 ग्राम कालानमक को पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार लेना चाहिए। यह चूर्ण पेट में गैस बनने के कारण उत्पन्न पेट का दर्द ठीक करता है।
- अदरक के रस में सूखे धनिया का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द ठीक होता है।
- पेट दर्द में धनिया का शर्बत लाभप्रद होता है। 2 चम्मच धनिया एक कप पानी में गर्म करके पीना चाहिए।
26). गुड़ :
- गुड़ के साथ लालमिर्च का सेवन करने से पेट की पीड़ा में आराम मिलता है।
- गुड़ और काकजंगा मिलाकर खाने से पेट की बीमारी ठीक होती है।
- भोजन करने के बाद थोड़ा सा गुड़ मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसने से मुंह में खट्टा पानी आना बंद हो जाता है। यह अम्लपित्त, पेट की गैस, मुंह के छाल, हृदय की कमजोरी और शरीर के ढीलापन दूर करता है।
27). प्याज :
- प्याज का रस, कालानमक एवं देशी घी में भुनी हुई हींग मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द में आराम होता है।
- प्याज का रस आधा चम्मच की मात्रा में पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
28). अनन्नास : अनन्नास का 10 मिलीलीटर रस में अदरक का रस एक चौथाई ग्राम, भुनी हींग एक चौथाई ग्राम और सेंधानमक एक चौथाई ग्राम को मिलाकर पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
29). तुलसी :
- 5 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों का रस और 5 मिलीलीटर अदरक का रस मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट की पीड़ा शांत होती है।
- 12 मिलीलीटर तुलसी का रस पीने से पेट के अंदर होने वाली मरोड़ ठीक होता है।
30). जीरा :
- सफेद जीरा को शराब के साथ पीसकर पेट पर लेप करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- काला जीरा का बारीक पिसा हुआ चूर्ण 3 ग्राम गर्म पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से बदन दर्द और पेट का दर्द ठीक होता है।
- भुने हुए काले जीरे का लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- जीरा 20 ग्राम, सोंठ 20 ग्राम, भुनी हुई हींग 20 ग्राम एवं कालीमिर्च 20 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर छान लें। यह चूर्ण 5 ग्राम की मात्रा में शाम को गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट की पीड़ा में आराम मिलता है।
31). नीम :
- नीम की चार कोपल, 2 कालीमिर्च और एक चुटकी कालानमक पीसकर काढ़ा बनाकर दिन में 2 बार पीने से पेट की पीड़ा शांत होती है।
- नीम के पेड़ की छाल 40-50 ग्राम को जौ के साथ कूटकर 400 मिलीलीटर पानी में पकाएं और जब पानी 200 मिलीलीटर बच जाए तो इसमें 10 ग्राम नमक मिलकर छानकर सेवन करें। इससे पेट दर्द ठीक होता है।
32). मेथी :
- एक चम्मच मेथी के दाने को पीसकर पानी के साथ पीने से पेट दर्द ठीक होता है।
- 3 चम्मच दाना मेथी एक गिलास पानी में उबालकर पीने से पेट की गैस, ऐंठन व दर्द दूर होता है।
- दाना मेथी और अजवायन बराबर मात्रा में लेकर पीसकर कालानमक मिलाकर गर्म पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से पेट दर्द ठीक होता है।
- दाना मेथी, अजवायन, हरड़ और जीरा 50-50 ग्राम की मात्रा में लेकर 40 ग्राम कालानमक और एक चौथाई ग्राम सौंफ मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 2 चम्मच चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम भोजन के बाद पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द व दस्त रोग ठीक होता है।
- 15-20 मिलीलीटर मेथी का रस प्रतिदिन पीने से वायु विकार से उत्पन्न पेट का दर्द तुंरत बंद होता है।
- 2 चम्मच मेथी के दाने में नमक मिलाकर गर्म पानी के साथ दिन में 2 बार 10 से 15 दिनों तक सेवन करने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
- 20 ग्राम मेथी, सनाय 20 ग्राम, कालीमिर्च 20 ग्राम, सौंफ 20 ग्राम, कालानमक 20 ग्राम, सांभर नमक 20 ग्राम, छोटी हरड़ 20 ग्राम, बड़ी हरड़ 20 ग्राम, सोंठ 20 ग्राम, फिटकरी 20 ग्राम, अजवायन 20 ग्राम, राई 20 ग्राम और मिश्री 25 ग्राम। इन सभी को मिलाकर अच्छी तरह बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। यह चूर्ण 4 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ भोजन करने के बाद सेवन करने से पेट की अनेक बीमारियां दूर होती है।
33). सोआ : सोआ (बनसौंफ) का काढ़ा बनाकर 40 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन पीने से कब्ज दूर होती है और पेट दर्द ठीक होता है। यह मंदाग्नि को भी तेज करता है।
34). हल्दी : हल्दी 5 ग्राम और सेंधानमक 5 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से गैस के कारण होने वाला पेट का दर्द ठीक होता है।
35). जायफल :
- जायफल का एक चौथाई चम्मच चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- जायफल को भूनकर लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग से लगभग 1 ग्राम की मात्रा में देने से पेट की पीड़ा और गैस में लाभ मिलता है। ध्यान रहें की इसका अधिक मात्रा में सेवन करना रोगी को चक्कर और बेहोशी आ सकती हैं।
- जायफल, हल्दी, कपूर को बारीक पीसकर पानी के साथ आधा चम्मच की मात्रा में लेने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
- जायफल लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग को कूटकर जावित्री के साथ पीसकर लेने से पेट का दर्द में आराम मिलता है।
36). लौंग :
- लौंग का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर चाटने से पेट का दर्द ठीक होता है और सफेद दस्त में आना खत्म होता है।
- लौंग का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग की मात्रा में पानी में घोलकर सुबह-शाम सेवन करने से पेट की पीड़ा में लाभ मिलता है।
- प्रतिदिन खाना खाने के बाद एक लौंग चूसने से अम्लपित्त की बीमारी दूर होती है। लौंग आमाशय की रस क्रिया को बल देने, भूख बढ़ाने, मन को खुश करने, पेट के कीड़े को मारने, बलगम को नष्ट करने, श्वांस की बीमारी और वात रोग आदि को नष्ट करता है।
- लौंग का तेल 1 से 3 बूंद मिश्री पर डालकर सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- 10 लौंग, 2 चुटकी कालानमक और आधी चुटकी हींग पीसकर दिन में सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।
37). छोटी इलायची : छोटी इलायची को बारीक पीसकर शहद के साथ सेवन करने से पेट की पीड़ा में राहत मिलती है।
38). इलायची :
- 2 इलायची पीसकर उसे शहद में मिलाकर खाने से पेट का दर्द दूर होता है।
- लाल इलायची पिसी हुई चौथाई चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से पेट की बीमारियों में लाभ मिलता है।
- लाल इलायची के दाने और पिसी हुई सौंफ को मिलाकर चूर्ण बनाकर एक चुटकी चूर्ण मां के दूध में मिलाकर बच्चे को सेवन कराने से लाभ मिलता है।
39). दालचीनी :
- दालचीनी का तेल एक से 3 बूंद मिश्री के साथ सेवन करने से पेट का दर्द दूर होता है।
- दालचीनी को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर इसमें थोड़ी सी हींग मिलाकर 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर ठंडा करके दिन में 3 से 4 बार पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- यदि शहद और दालचीनी समान मात्रा में मिलाकर नित्य एक चम्मच सेवन किया जाए तो पेट दर्द, गैस, पेट के घाव ठीक होता है।
- दालचीनी और हींग मिलाकर चूर्ण बनाकर एक गिलास पानी में पीसकर उबालकर ठंडा करके सेवन से आराम मिलता है।
- 2 ग्राम दालचीनी में थोड़ी-सी हींग और कालानमक मिलाकर प्रयोग करने से पेट की पीड़ा में आराम मिलता है।
- थोड़ी सी दालचीनी और थोड़ी सी हींग को लगभग एक गिलास पानी में उबालकर दिन में 2 बार 4-4 चम्मच की मात्रा में पीएं। इससे पेट का दर्द ठीक होता है।
- दालचीनी और नागदोन के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से पेट की बीमारियां दूर होती है।
40). गिलोय : गिलोय का रस 70 मिलीलीटर की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम प्रयोग करने से पेट का दर्द दूर होता है।
41). ग्वारपाठे : ग्वारपाठे की जड़ और थोड़ी हींग को भूनकर पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
अन्य घरेलू नुस्खे :
- खाना खाने के डेढ़ घंटे के बाद पानी पीना चाहिए।
- दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीना शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है।
- रात को 1 चम्मच ईसबगोल की भूसी को दूध के साथ सेवन करने से पाचनतंत्र ठीक रहता है और पेट दर्द नहीं होता।
- जब तक पेट के दर्द बंद न हो जाए तब तक खाने को कुछ नहीं लेना चाहिए। रोगी को केवल सोडा वाटर पीना चाहिए।
पेट दर्द में खान-पान और परहेज : pet dard me kya khaye kya nahi
उदरशूल में आहार के सेवन का बहुत महत्त्व होता है, क्योंकि गरिष्ठ व वात कारक खाद्य पदार्थों के सेवन से उदरशूल की उत्पत्ति होती है। इसलिए उदरशूल के चलते ऐसे खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण रखना आवश्यक होता है।
- मांस-मछली व अधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थों, घी, तेल से बने पकवान, पकौड़ी, कचौड़ी, समोसे आदि भी उदरशूल की उत्पत्ति करते हैं। ऐसे चटपटे पकवानों का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
- कुछ स्त्री-पुरुष उड़द की दाल व चावलों का अधिक सेवन करते हैं। उड़द की दाल व दाल से बने हुए व्यंजन वात की उत्पत्ति करके उदरशूल की उत्पत्ति करते हैं।
- रात्रि के समय चावलों का सेवन करने, दही के साथ चावलों का सेवन करने से भी वात विकार के कारण अधिक उदरशूल होता है।
- उदरशूल के चलते उपवास रखने से अधिक लाभ होता है। उपवास के समय | मूंग की दाल, दलिया, खिचड़ी आदि सेवन कर सकते हैं। हल्के सुपाच्य, खाद्य पदार्थों के सेवन से उदरशूल से सुरक्षा होती है।
- अरवी, कचालू, भिण्डी, गोभी, मटर, शलजम, जिमीकंद, बैंगन, गाजर, मूली, सिंघाड़ा, आदि भी उदरशूल की उत्पत्ति करते हैं।
- उदरशूल के रोगी को अधिक शारीरिक श्रम, दौड़ने, बार-बार सीढ़ियां चढ़ने व भारी वजन उठाने से भी अलग रहना चाहिए।
- अधिक दूरी तक पैदल चलने से भी उदरशूल हो सकता है।
- शीत ऋतु में शीतल पेय (कोल्ड ड्रिंक) भी उदरशूल की उत्पत्ति करते हैं।
- एक बार भोजन करने के बाद उसकी पाचन क्रिया से पहले खाने से उदरशूल होने लगता है।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)