Last Updated on January 15, 2022 by admin
पेट फूलने (अफरा) के लक्षण : pet fulne ke lakshan
आध्मान अथवा अफारा का अर्थ है पेट में गैस रुक जाना। ऐसा प्राय: अजीर्ण, मन्दाग्नि, अतिसार, अग्निमांद्य आदि पाचन विकारों के कारण होता है । अफारा कोई साधारण रोग नहीं है इसके कारण रोगी के समक्ष जीवन और मृत्यु का प्रश्न आ खड़ा होता है। आइये जाने पेट फूलने के कारण के बारे में ।
पेट फूलना (अफरा) रोग का कारण : pet fulne ke karan
- नियमित भोजन न करना,
- जल्दी-जल्दी बिना चबाए हुए भोजन निगल जाना,
- देर तक बैठकर काम करना,
- अधिक जागना,
- अधिक शुष्क खाद्य पदार्थों का सेवन करना,
- बासी भोजन करना, इत्यादि कारणों से पेट में वायु रुक जाती है और पेट फूलने लगता है।
- मल-मूत्र का वेग रोकने के कारण भी पेट फूलने का रोग हो जाता है।
पेट फूलने का घरेलू इलाज : pet fulne ka ilaj
1. अदरक – अदरक का रस, नीबू का रस और शहद 6-6 ग्राम लेकर (तीनों को मिलाकर) दिन में 3 बार चटायें । ( और पढ़ें – पेट का फूलना रोग का आयुर्वेदिक उपचार )
2. हरड़ – प्रतिदिन 3 छोटी हरड़ मुख में डालकर चूसें । ( और पढ़ें –हरड़ खाने के 7 बड़े फायदे व सेवन विधि )
3. तालीस-पत्र – तालीस-पत्र और अजवायन का चूर्ण खाने से अफरा मिट जाता है।
4. हींग – दूषित अन्न की डकारें आती हों तथा उदर में वायु (गैस) भरी हो तो 5 ग्राम हींग, घी मिलाकर निगलवायें और चमत्कार देखें । ( और पढ़ें – हींग खाने के 73 सेहतमंद फायदे)
5. इलायची – छोटी इलायची का चूर्ण तथा भुनी हींग , थोड़े नीबू रस के साथ मिलाकर पीने से वायु का अनुलोमन होता है। ( और पढ़ें – इलाइची खायेंगे तो मिलेंगे यह 18 फायदे)
6. हीरा हींग – हीरा हींग 5 ग्राम को थोड़े जल में घिसकर कुछ गरम करके फिर रुई का फोहा भिगोकर बच्चे की नाभि पर रखने से अफारा दूर हो जाता है ।
7. पाचक चूर्ण – वच, हरड़, चित्रकमूल, जवाखार, पीपल, अतीस, कूट समभाग लें । चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें । इसे 3-3 ग्राम की मात्रा में गुनगुने जल के साथ देने से अफारा दूर हो जाता है ।
8. लौंग – लौंग का चूर्ण डेढ़ ग्राम खौलता हुआ पानी आधा किलो लें। जब पूरी तरह लौंग घुल जाये तब छान लें। इसे 25 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 3 बार सेवन करें।
9. अदरक – प्याज, अदरक व लहसुन का रस प्रत्येक 1-1 चम्मच में 3 चम्मच शहद मिलाकर भोजन से पूर्व चाटना चाहिए ।
10. सिरका – सिरके के साथ प्याज पीस कर सेवन करना भी लाभकारी है। इसमें अदरक का रस और कुछ काला नमक डालना और भी अधिक गुणकारी है ।
11. काली मिर्च – पिसी हुई काली मिर्च 2 ग्राम फांककर ऊपर से नीबू का रस मिलाये हुए गरम जल को पीयें । शाम और रात्रिकाल में 10-12 दिनों तक इसके निरन्तर प्रयोग से गैस बनना बन्द हो जाता है । ( और पढ़ें –रसीले नींबू के नायाब 30 घरेलू नुस्खे )
12. अजमोद – 5 ग्राम अजमोद को 15 ग्राम गुड़ में मिलाकर खाने से पेट का अफरा दूर हो जाता है।
13. एलुआ – एलुआ पीसकर नाभि पर लेप करने से दस्त आकर अफरा मिट जाता है।
14. काला नमक – अजवायन देशी 250 ग्राम और काला नमक 60 ग्राम को किसी चीनी-मिट्टी या काँच के बर्तन में रख दें, ऊपर से इतना नींबू का रस डालें कि दोनों दवाएं डूब जाएं। इस बर्तन को छाया में रख दें। जब नीबू रस सूख जाये तो फिर और रस डाल दें। इसी तरह सात बार करें। इस 2 ग्राम दवा को गुनगुने पानी से सुबह-शाम खाने से पेट के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।
15. बालछड़ – बालछड़ का चूर्ण 5 ग्राम तक गरम जल के साथ खाने से अफरा में लाभ होता है।
16. मेथीदाना – गुड़ और मेथीदाना को उबालकर पीने से अफारा मिट जाता है।
17. भोज-पत्र – भोज-पत्र की छाल का शर्बत पिलाने से अफरा ठीक हो जाता है।
18. कालीमिर्च – कालीमिर्च पीसकर गौमूत्र के साथ सेवन करने से पेट का अफरा नष्ट हो जाता है। ( और पढ़ें – गोमूत्र है 108 बिमारियों की रामबाण दवा )
19. दही – दही का पानी पीने से अफारे में लाभ होता है।
20. मिश्री – तीन ग्राम कालीमिर्च और 6 ग्राम मिश्री पीसकर फाँकने से अफरा मिट जाता है। ऊपर से पानी नही पीना चाहिए।
21. अरणी – अरणी के पत्तों को उबाल कर पीने से अफरा और उदर-पीड़ा मिट जाती है।
22. मरोड़फली – मरोड़फली और काला-नमक का चूर्ण खाने से उदर-शूल और अफरा मिट जाता है।
23. प्याज – प्याज के रस में हींग और कालानमकं पीसकर मिलाकर पीने से अफरा और उदर-शूल दूर हो जाता है। ( और पढ़ें – प्याज खाने के 141 फायदे )
24. पलाश – ढाक के पत्ते उबालकर पीने से अफरा और उदर-पीड़ा में लाभ होता है।
(दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
Thanks jankari ke leye