Last Updated on March 20, 2023 by admin
बच्चों के हैजा रोग का होम्योपैथिक इलाज (Bacchon ke Haija Rog ka Homeopathic Ilaj)
रोग और उसमें प्रयोग की जाने वाली औषधियां –
1. इथूजा :- हैजा रोग से पीड़ित बच्चे कोपानी की तरह पतले दस्त बार-बार आते रहते हैं। दस्त हरे या पीले रंग का आता है तथा कभी-कभी दस्त लेसदार या खून मिला हुआ भी आता है। बच्चे को दूध हजम नहीं होता और दूध की उल्टी कर देता है। बच्चे में अधिक सुस्ती आ जाती है, शरीर गर्म रहता है परन्तु हाथ-पैर ठण्डे रहते हैं। इस तरह के लक्षणों वाले हैजा रोग में बच्चे को इथूजा औषधि की 6 या 30 शक्ति का सेवन कराना अत्यधिक लाभकारी होता है।
2. पोडोफाइलम :- यदि हैजा रोग से ग्रस्त बच्चे को बार-बार दस्त आते हो और दस्त अधिक बदबूदार हो तथा सुबह के समय रोग बढ़ जाता हो तो ऐसे लक्षणों में बच्चे को पोडोफाइलम औषधि की 6 शक्ति का सेवन कराना हितकारी होता है।
3. कैलि-ब्रोमेटम :- हैजा रोग में बच्चे का शरीर नीला पड़ जाना, हिचकी आना, हाथों में कंपकंपी होना, अधिक सुस्ती रहना तथा सिर में खून की कमी होना, सिर हिलना, शरीर में खिंचाव व अकड़न महसूस होना, ठण्ड लगना आदि लक्षण हो तो बच्चे को कैलि-ब्रोमेटम औषधि की 3x का चूर्ण देनी चाहिए।
हैजा रोग से पीड़ित बच्चे को ऊपर बताएं विभिन्न लक्षणों के साथ उत्पन्न रोग में बताए गए औषधि के अतिरिक्त रोग में अधिक लाभ के लिए बीच-बीच में इस औषधि का भी प्रयोग किया जाता है जैसे- ऐकोनाइट- 3, क्रोटन- 3, कैमोमिला- 6, आर्सेनिक- 3, कैल्केरिया ऐसेटिका- 3 का चूर्ण, कार्बो-वेज- 30, इपिकाक- 6, फास्फो- 6, चायना- 3, विरेट्रम- 6, क्यूप्रम- 6, क्यूप्रम-आर्स- 3x का चूर्ण, सिकेलि- 6, सल्फर- 30 तथा रुबिनीका स्पिरिट-कैम्फर औषधि आदि।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)