Last Updated on October 4, 2023 by admin
बालतोड़ (लोमपाक) क्यों होता है इसके कारण ( Baltod ka Karan in Hindi)
- असावधानी में बाल उखड़ जाने से उस स्थान पर छोटी-छोटी फुन्सियाँ निकल आती हैं।
- बालों की जड़ों में मेरिस्टे फिलोकोक्स नामक कीटाणुओं के संक्रमण से,
- रक्त विकृत हो जाने से,
- बरसात की ऋतु में कच्चे या पके आमों के अत्यधिक सेवन करने से,
- दुर्बलता आदि के कारण फुन्सियां निकल आती हैं।
बालतोड़ (लोमपाक) के लक्षण (Baltod ke Lakshan in Hindi)
- पहले इनमें सूजन और दर्द होता है और बाद में इनमें पीप पड़ जाती है।
- अनेक फुन्सियाँ बिना पके ही बैठ जाती हैं और अनेक पककर कड़ी हो जाती हैं और इनमें कील रहती है।
- पीप के साथ कील निकल जाने पर दर्द, सूजन, जलन इत्यादि कष्ट कम हो जाते हैं।
बाल तोड़ (लोमपाक) का घरेलू उपचार (Baltod ka Gharelu Ilaj in Hindi)
1). शहद – सभी प्रकार के फोड़े, शोथ और व्रण इत्यादि में मधु लगाकर पट्टी बाँधना लाभकारी है। ( और पढ़े – फोड़े फुंसी बालतोड़ के 40 घरेलू उपचार )
2). गूगल – गूगल को घिसकर फोड़े पर लेप कर दें । इस प्रयोग से फोड़ा बैठ जाएगा अथवा फूटकर ठीक हो जाएगा ।
3). कालीजीरी – कालीजीरी को पानी में पीसकर लगाने से फोड़े-फुन्सियाँ नष्ट होती हैं। ( और पढ़े – सिर के फोड़े फुंसियों के 12 रामबाण घरेलु उपचार)
4). घी – पीपल के पत्ते को घी से चिकना कर उसे अग्नि पर गरम करके सुहातासुहाता बाँधने से फोड़ा बैठ जाता है अथवा पककर फूट जाता है
5). तिल – तिल का तैल 30 ग्राम लोहे की कड़ाही में डालकर पकायें । जब पकने लगे तब उसमें 10 ग्राम सिन्दूर मिला दें और लोहे की सींक से चलाते रहें। जब रंगत स्याह होने लगे और गाढ़ा हो जाये तब उतार कर किसी चौड़े मुँह की स्वच्छ शीशी या डिबिया में सुरक्षित रखलें । आवश्यकता पड़ने पर किसी स्वच्छ कपड़े पर लगाकर यह मरहम चिपका दें। सड़े-गले घावों को यह बहुत जल्द ठीक कर देता है। ( और पढ़े –फोड़े-फुंसी के देशी इलाज )
6). शंखाहूली – शंखाहूली (ब्रह्मदण्डी, हुलहुल) 10 ग्राम, काली मिर्च 6 नग दोनों को पानी में घोट, पीस व छानकर पीने से शरीर में निकलने वाले
7). चिरायता – कुटकी और चिरायता प्रत्येक 5-5 ग्राम रात को जल में भिगोकर रखें तथा प्रात:काल छानकर 15 से 30 मि.ली. की मात्रा में पियें । इसी प्रकार प्रात:काल भिगोकर रखें और उसे शाम को पियें। बच्चों को चौथाई से आधी मात्रा दें । ( और पढ़े – फोड़े फुंसी में सीघ्र राहत देते है यह 73 देशी घरेलु उपचार )
8). शरपुंखा – सरफोंका (शरपुंखा) की जड़ की छाल एवं पत्ते 5 ग्राम, नीम के सूखे पत्ते 5 ग्राम लें । दोनों को जल के साथ पीसकर लेप तैयार करें । फिर इस लेप को फुन्सियों पर दिन में 3-4 बार लगायें तो फुन्सियाँ फूटकर घाव ठीक हो जाते हैं । जब तक घाव पूर्ण रूप से ठीक न हो जाये तब तक इस्तेमाल करते रहें। लाभप्रद योग है।
9). महामंजीष्ठारिष्ट – महामंजीष्ठारिष्ट (आयुर्वेदसार संग्रह) 15 से 30 मि.ली. बराबर जल मिलाकर भोजनोपरान्त दिन में 2 बार पियें ।
10). महातिक्त घृत – महातिक्त घृत (सिद्ध योग संग्रह) सुबह-शाम 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करें ।
11). काला जीरा – पीपल की छाल के चूर्ण में काला जीरा पीसकर मिला लें। इसमें जरा-सा सरसों का तेल मिलाकर फुंसियो पर लगाएं।
12). पीपल – पीपल की कोंपलों को पीसकर शहद में मिला लें। इस शहद को फोड़े-फुंसी वाले स्थान पर रखकर पट्टी बांध दें। दूसरे दिन नई दवा बांधे। कुछ ही दिनों में बालतोड़ या फुंसियाँ सूख जाएगी।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)