सफेद बालों से छुटकारा पाने के 14 रामबाण उपाय | Safed Balon ka Desi ilaj

Last Updated on June 2, 2020 by admin

पलित रोग (बालों का सफेद होना) क्या है ?:

आधुनिक परिवेश में सभी स्त्री-पुरुष अधिक से अधिक सज-संवरकर सबसे सुंदर और आकर्षक बने रहना चाहते हैं। एक-दो दशक पहले नवयुवतियां ही ‘ब्यूटी पार्लर’ में जाकर अपने चेहरे और बालों का सौंदर्य आकर्षण विकसित कराते थे। लेकिन अब पुरुष भी अधिक संख्या में ब्यूटी पार्लर जाने लगे हैं। बालों को लंबा, घना और काला बनाए रखने के लिए नवयुवतियां तरह-तरह के क्रीम,तेल व शैंपुओं का इस्तेमाल करती हैं। पुरुष भी महंगे तेलों व क्रीमों का इस्तेमाल करके बालों को लंबे समय तक अर्थात् अधिक आयु तक काले बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन तेल व क्रीम में मिले कृत्रिम रसायनों के कारण उनके बाल अल्प आयु में सफेद होने लगते हैं। सफेद होने के साथ जड़ों से बालों के निर्बल होने से जल्दी टूटने की विकृति भी दिखाई देने लगती है।

आयुर्वेद चिकित्सा में बालों के सफेद हल्का पीला होने की विकृति को पलित रोग कहा जाता है। आयुर्वेदाचार्य वाग्भट के अनुसार पलित केश रोग है। वात-पित्त दोषों की विकृति के कारण पलित रोग की उत्पत्ति होती है। आधुनिक परिवेश में 30 वर्ष की आयु तक पहुंचते-पहुंचते स्त्री पुरुषों को पलित रोग पीड़ित करने लगता है। पलित रोग में बाल तीव्र गति से सफेद व कुछ पीले-पीले होने लगते हैं। अल्प आयु में बालों के सफेद होने से बालों का सौंदर्य आकर्षण नष्ट हो जाता है। | पलित रोग को अनेक नामों से संबोधित किया जाता है। पालित्य, कपिकेश, पम्बकेश, श्वेत केश आदि पलित रोग के नाम हैं।
आइये जाने बाल सफेद होने का क्या कारण है,बाल पकने के कारण,कम उम्र में बाल सफेद होने के कारण,bal safed kyu hote hai,kam umar me safed baal

बाल सफेद होने के कारण : bal safed hone ke karan

1)   आयुर्वेद चिकित्सा में आयुर्वेदाचार्यों ने दूषित, बासी, उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रसों से बने प्रकृति -विरुद्ध खाद्य पदार्थों वाले आहार को पलित रोग की उत्पत्ति का प्रमुख कारण बताया है। अधिक उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय (खट्टे) रसों से निर्मित भोजन शरीर में पहुंचकर वात-पित्त को अधिक विकृत करता है।

2)   महर्षि सुश्रुत ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ सुश्रुत संहिता में पलित रोग के संबंध में लिखा है, ‘क्रोध शोक श्रम कृतः शरीरोष्मा शिरोगतः । पित्तं च केशान् पचति पलितं तेन जायते। (सु. नि. 13/37) क्रोध, शोक और श्रम करने से पलित रोग की उत्पत्ति होती है। क्रोध, शोक और श्रम की अधिकता के कारण शरीर की उष्मा और पित्त सिर में पहुंचकर, अपने प्रभाव से समय से पहले बालों को पकाकर सफेद कर देते हैं।baal safed hone se rokne ke upay

3)   महर्षि चरक ने वात, पित्त के साथ कफ दोष को भी पलित रोग में बहुत हानिकारक वर्णन किया है। क्रोध करने से पित्त की विकृति होती है। शोक (गहरी चिंता व दु:ख) वात को कुपित करते हैं। वायु के प्रभाव से ऊष्मा और पित्त जब सिर में पहुंच जाते हैं तो बालों में पलित रोग की उत्पत्ति करते हैं। महर्षि चरक के
अनुसार वात आदि दोषों की विकृति बालों को नष्ट करके स्त्री-पुरुष को केश विहीन अर्थात् गंजा भी बना सकती है। इंद्रलुप्त अर्थात् गंजेपन की विकृति स्त्रियों में बहुत कम होती है जबकि पुरुष बहुत अधिक संख्या में गंजे होते हैं।

4)   आधुनिक परिवेश में अधिक दौड़-धूप, शारीरिक श्रम और मानसिक तनाव के कारण 35 वर्ष की आयु में पहुंचने तक बाल तेजी से सफेद होने लगते हैं।

5)   कृत्रिम रसायनों से निर्मित क्रीम व तेलों से बालों को अधिक हानि होती है। बाल अधिक तेजी से सफेद होते जाते हैं।

6)   आधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में मैलानिन की उपस्थिति बालों को काला बनाए रखते हैं। त्वचा और भौहों को मैलानिन ही रंग देता है। जब शरीर में मैलानिन की कमी होती है तो बाल सफेद होने लगते हैं। विभिन्न संक्रामक रोग, पाचन क्रिया की विकृति के कारण जब शरीर में मैलानिन की कमी होने लगती है तो तेजी से बाल सफेद होने लगते हैं।

7)   जीर्ण प्रतिश्याय (जुकाम) और आंत्रिक ज्वर के कारण बालों के सफेद होने की विकृति अधिक होती है।

8)   अधिक सहवास के कारण शुक्र (वीर्य) की अत्यधिक कमी होने से बाल पलित रोग के शिकार होते हैं।

9)   आहार में विटामिन की कमी से शरीर में केश रंजक द्रव्य (मैलानिन) की उत्पत्ति बहुत कम हो जाने से बाल पकने लगते हैं।

10)   भोजन में अम्ल, लवण और क्षार द्रव्यों की अधिकता से पलित रोग की उत्पत्ति होती है।
आइये जाने बालों को सफेद होने से रोकने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए तथा खान-पान संबंधी जरुरी नियम |

आहार विहार : Aahar Vihar

  •  पलित रोग (सफेद बालों) की चिकित्सा में गुणकारी औषधियों का सेवन करने के साथ भोजन में वात-पित्त-कफ आदि दोषों को विकृत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
  • उष्ण वातावरण में घूमने-फिरने, अधिक शारीरिक श्रम करने से बालों को बहुत हानि पहुंचती है।
  •  मानसिक तनाव को नष्ट करके बालों को सफेद होने से रोका जा सकता है।
  • कृत्रिम रसायनों का इस्तेमाल भी पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
  • पलित रोग (सफेद बालों) को नष्ट करने के लिए आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा का वर्णन किया गया है। पंचकर्म चिकित्सा में वमन, विरेचन आदि के माध्यम से वात-पित्त के दोषों को नष्ट किया जाता है।
  • प्रतिदिन हरी सब्जियों, दालों और गेहूं चने आदि की रोटियों के साथ घी, दूध, दही और मक्खन आदि का सेवन करना चाहिए।
  • आंवला, नारियल आदि फलों के खाने से भी बालों को बहुत पौष्टिक तत्त्व मिलते हैं। बंगाल, केरल में नारियल का अधिक सेवन करने वाली स्त्रियों के बाल अधिक समय तक लंबे, घने और काले बने रहते हैं।
  • भोजन के साथ गाजर, मूली, खीरा, ककड़ी, चुकंदर आदि का सलाद सेवन करने से बालों को बहुत लाभ होता है।
  • अंकुरित दालों से भी बालों को पौष्टिक तत्त्व मिलते हैं।
  • कई बार जल की कमी से भी बालों को हानि पहुंचने लगती है। बालों की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक जल पीना चाहिए। जल से शरीर की उष्णता भी नष्ट होती है और पित्त का प्रभाव क्षीण होता है।
  • पित्त के प्रभाव से बालों को बहुत हानि होती है। इसलिए उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रसों से निर्मित चटपटे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • छोले-भठूरे, चाट-पकौड़ी, आलू की टिकिया, समोसे, कचौड़ी, चाऊमीन आदि भी शरीर में पहुंचकर वात-पित्त की अधिक उत्पत्ति करते हैं। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करके अपने बालों के पलित रोग से सुरक्षित रख सकते हैं।
    आइये जाने बाल सफेद होने से रोकने के उपाय bal safed hone se kaise roke

सफेद बालों का घरेलू उपचार : safed balon ka desi ilaj

1)   रीठा को जल में 12 घंटे तक भिगोकर उसके फेन से सिर के समस्त बालों को धोकर सूखे तौलिया से सुखायें । तदुपरान्त सूखे आँवला 250 ग्राम को 12 घंटे तक जल में भिगोकर इसके निथरे हुए जल को छानकर इससे केशों की जड़ों को भिगोते हुए धोवें । यह क्रिया (प्रयोग) प्रतिदिन 1-2 बार किया करें। अत्यन्त लाभप्रद घरेलु योग है।  ( और पढ़ेंबालों को सफेद होने से रोकेंगे यह 20 सबसे बेहतरीन घरेलु उपचार )

2)   अच्युताय हरिओम फार्मा का “केश पोषक” बालों को धो पोंछ व सुखाकर बालों की जड़ों में प्रतिदिन 1-2 बार लगाना अतिशय गुणकारी है। ( और पढ़ें – बालों का झड़ना : कारण और उपचार )

3)   आंवले के पाउडर में नीबू का रस मिलाकर उसे नियमित रूप से लगाएं। आंवला पाउडर पानी में घोलकर लगाने से भी बालों की कंडीशनिंग होती है, और बाल भी काले होते है। आंवला किसी ना किसी रुप मे सेवन भी अवश्य करते रहें। ( और पढ़ें –बालों के टूटने व झड़ने से रोकते है  26 देसी नुस्खे  )

4)   जाड़े में तिल अधिक से अधिक खाएं। तिल का तेल भी बालों को काला करने में मदद करता है।  ( और पढ़ें – रूसी हटाने वाले 11 सबसे असरकारक घरेलु नुस्खे )

5)   आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नीबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से फिर से काले होने लगेंगे।

6)   एक कटोरी मेहंदी पाउडर लें, इसमें दो बड़े चम्मच चाय का पानी, दो चम्मच आंवला पावडर, एक चम्मच नीबू का रस, दो चम्मच दही, शिकाकाई व रीठा पावडर, आधा चम्मच नारियल तेल व थोड़ा सा कत्था। यह सब चीजें लोहे की कड़ाही में डालकर पेस्ट बनाकर रात को भिगो दें। इसे सुबह बालों में लगाए। फिर दो घंटे बाद धो लें। इससे बाल बिना किसी नुकसान के काले हों जाएँगे। ऐसा माह में कम से कम एक बार अवश्य करें।  ( और पढ़ें – गंजापन का इलाज | नये बाल उगाने के 47 घरेलु नुस्खे )

7)   नहाने से आधा घंटा पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं, बाल काले होने लगेंगे। ( और पढ़ें –  प्याज खाने के 141 चमत्कारिक औषधीय प्रयोग)

8)   सप्ताह में कम से कम 3 दिन दस मिनट कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। इससे बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ भी नहीं होगी और बाल काले भी होने लगेंगे। ( और पढ़ें – पपीता खाने के 47 जबरदस्त फायदे )

9)   भृंगराज और अश्वगंधा की जड़े बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्ट नारियल के तेल के साथ बालों की जड़ों में लगाएं और 1 घंटे बाद गुनगुने पानी से अच्छी तरह से बाल धो लें। इससे भी बाल काले होते है। ( और पढ़ें – अश्वगंधा के 11 जबरदस्त फायदे )

10)   नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर उसे सिर पर लगाने से भी सफेद बाल काले हो जाते हैं। प्रतिदिन शुद्ध घी से सिर की मालिश करके भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है। ( और पढ़ें – नींबू खाने के 6 बड़े लाभ  )

11)   अदरक को कद्दूकस करके शहद के रस में मिला लें। इसे बालों पर कम से कम सप्ताह में दो बार नियमित रूप से लगाएं। बालों का सफेद होना कम हो जाएगा। ( और पढ़ेंशहद (Honey) खाएं तो इन बातों का रखें ध्यान  )

12) दही के साथ टमाटर को पीस लें। उसमें थोड़ा सा नीबू रस और नीलगिरी का तेल मिलाएं। इससे सिर की मालिश सप्ताह में दो बार करें। बाल लंबी उम्र तक काले और घने बने रहेंगे। ( और पढ़ेंदही खाने के 44 बेहतरीन फायदे )

13)   आधा कप नारियल तेल या जैतून के तेल को हल्का गर्म करें। इसमें 4 ग्राम कर्पूर मिलाकर इस तेल से मालिश करें। इसकी मालिश सप्ताह में एक बार जरूर करनी चाहिए। कुछ ही समय में रूसी खत्म हो जाएगी, बाल भी काले रहेंगे।

14)   शैंपू और साबुन से बाल धोना बिलकुल बंद कर दें। सप्ताह में कम से कम दो बार मुलतानी मिट्टी का लेप किया करें। इससे बालों की समस्या से निजात मिलती है।

बाल सफेद होने से रोकने की दवा : baal safed hone se rokne ke ki dawa

अच्युताय हरिओम फार्मा द्वारा निर्मित बालों के असमय सफेद होने से रोकने के लाभदायक आयुर्वेदिक उत्पाद |

1)  केश पोषक(Achyutaya Hariom Hair Care)
2)  आँवला-भृंगराज केश तेल(Achyutaya Hariom Amla Bhringraj Kesh Tel)

(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

1 thought on “सफेद बालों से छुटकारा पाने के 14 रामबाण उपाय | Safed Balon ka Desi ilaj”

Leave a Comment

error: Alert: Content selection is disabled!!
Share to...