Last Updated on July 24, 2019 by admin
अक्सर कुछ बच्चे सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं,जिसके कारण उनके माता-पिता परेशान रहते हैं। इस तकलीफ से पीड़ित बच्चों को कहीं बाहर ले जाने में भी उनको परेशानी होती है। बारिश के दिनों में तो यह बहुत ही ज्यादा तकलीफदेय होता है। कई बार माता-पिता इसके लिए बच्चों को सजा देते हैं। सबके सामने अपमानित करते हैं ताकि बच्चे बिस्तर गीला न करें, लेकिन इन सब से बच्चे के मन में हीनभावना आ जाती है, और उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। माता-पिता स्वयं दूसरों के सामने शर्मिंदा होते हैं लेकिन इसमें न तो शर्मिंदा होने की जरुरत है न ही बच्चे को सजा देने की ,क्योंकि बच्चा ये सब जान कर नहीं करता है। आइए जानते हैं कि ये किस कारण से होता है और इसको कैसे रोका जा सकता है।आइये जाने बच्चो के बिस्तर गीला करने की समस्या के घरेलु उपचार ,Bistar gila karne ke Gharelu upchar, bedwetting treatment in ayurveda in hindi.
बिस्तर में पेशाब करने का इलाज :
सोने से पूर्व ठण्डे पानी से हाथ पैर धुलायें।
बिस्तर गीला उपचार- सोंठ, काली मिर्च, पीपर, इलायची, एवं सेंधा नमक प्रत्येक का 1-1 ग्राम का मिश्रण 5 से 10 ग्राम शहद के साथ देने से अथवा काले तिल एवं खसखस समान मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच चबाकर खिलाने एवं पानी पिलाने से लाभ होता है। पेट के कृमि की चिकित्सा भी करें।
1. आंवला :
- लगभग 10-10 ग्राम आंवला और काला जीरा लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में इतनी ही मिश्री पीसकर मिला लें। यह 2-2 ग्राम चूर्ण रोजाना पानी के साथ खाने से बच्चे का बिस्तर में पेशाब करना बंद हो जाता है।
- आंवले को बहुत अच्छी तरह से बारीक पीसकर कपड़े में छानकर चूर्ण बना लें। यह 3-3 ग्राम चूर्ण रोजाना शहद में मिलाकर बच्चों को सुबह-शाम चटाने से बच्चे बिस्तर में पेशाब करना बंद कर देते हैं।
2. मुनक्का : रोजाना 5 मुनक्का खाने से बच्चे का बिस्तर में पेशाब करने का रोग दूर होता है।
3. शहद :
- सोते समय बच्चों को शहद खिलाने से बच्चों के नींद में पेशाब निकल जाने का रोग समाप्त हो जाता है।
- कुछ बच्चे रात में सोते समय बिस्तर में ही मूत्र (पेशाब) कर देते हैं। यह एक बीमारी होती है। सोते समय शहद का सेवन करते रहने से बच्चों का निद्रावस्था में मूत्र (पेशाब) निकल जाने का रोग दूर हो जाता है।
4. अखरोट : बच्चों को अखरोट खिलाने से बच्चों की रात को सोते समय बिस्तर पर पेशाब करने की आदत खत्म हो जाती है।
5. राई : लगभग 120 ग्राम राई के चूर्ण को पानी के साथ बच्चे को खिलाने से बिस्तर पर पेशाब करने का रोग खत्म हो जाता है।
6. जटामांसी : अश्वगंधा और जटामांसी को बराबर मात्रा में लेकर पानी में डालकर काफी देर उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को छानकर बच्चे को 3 से 4 दिनों तक पिलाने से बिस्तर में पेशाब करने का रोग समाप्त हो जाता है।
7. जामुन : जामुन की गुठलियों को छाया में सुखाकर पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस 2-2 ग्राम चूर्ण को दिन में 2 बार पानी के साथ खाने से बच्चे बिस्तर पर पेशाब करना(Bistar gila karne) बंद कर देते हैं।
8. गोरखमुण्डी : 10 से 20 मिलीलीटर गोरखमुण्डी (मुण्डी) के पंचांग का रस सुबह-शाम बच्चे को पिलाने से मूत्राशय बिल्कुल साफ हो जाता है और बार-बार पेशाब करने का रोग भी बंद हो जाता है।
9. सिंघाड़ा : लगभग 50 ग्राम सिंघाड़े की गिरी को बारीक पीसकर इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के अन्दर 50 ग्राम खांड मिलाकर यह चूर्ण 1 चम्मच सुबह-शाम बच्चे को पानी से देने से बिस्तर में पेशाब करने के रोग में लाभ होता है।
10. बबूल : बबूल की कच्ची फलियों को छाया में सुखाकर, घी में भूनकर उसमें मिश्री मिलाकर 4-4 ग्राम सुबह और शाम गर्म दूध के साथ पीने से बिस्तर पर पेशाब करने(Bistar gila karne) का रोग ठीक हो जाता है।
11. मुनक्का : 2 मुनक्का के बीज निकालकर उसमें एक-एक कालीमिर्च डालकर बच्चों को दो मुनक्के रात को सोने से पहले 2 हफ्तों तक लगातार खिलाने से बच्चों की बिस्तर पर पेशाब करने की बीमारी दूर हो जाती है।
12. कुलंजन : 50 ग्राम कुलंजन को पीसकर शहद में मिलाकर 1 चम्मच सुबह-शाम बच्चे को चटाने से बच्चे के बिस्तर में पेशाब करने का रोग मिट जाता है।
13. छुहारा :
* 250 मिलीलीटर दूध में 1 छुहारा डालकर उबाल लें। जब दूध अच्छी तरह से उबल जाये और उसके अन्दर का छुहारा फूल जाये तो इस दूध को ठंडा करके छुहारे को चबाकर खिलाने के बाद ऊपर से बच्चे को दूध पिला दें। ऐसा रोजाना करने से कुछ दिनों में ही बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है। बच्चे को रात को सोते समय पीठ के बल सुलाने की बजाय करवट लेकर सुलाना चाहिए।
* यदि बच्चे बिस्तर में पेशाब करते हों तो प्रतिदिन रात को सोते समय 2 छुहारे खाने चाहिए।
14. अजवाइन : सोने से पूर्व एक ग्राम अजवायन का चूर्ण कुछ दिनों तक नियमित रूप से खिलाने से बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करने का रोग ठीक हो जाता है।
15. अखरोट : प्राय: कुछ बच्चों को बिस्तर में पेशाब करने की शिकायत हो जाती है। ऐसे बाल रोगियों को 2 अखरोट और 20 किशमिश प्रतिदिन दो सप्ताह तक सेवन करने से यह शिकायत दूर हो जाती है।
16. खजूर : बिस्तर पर पेशाब या बार-बार पेशाब आने पर दो छुहारे दिन में दो बार और सोते समय दो छुहारे दूध के साथ खाने से लाभ होता है।
17. शंखपुष्पी : शहद में शंखपुष्पी के पंचांग का आधा चम्मच चूर्ण मिलाकर आधे कप दूध से सुबह-शाम रोज 6-8 सप्ताह सेवन करना चाहिए।
18. अतीस : अतीस का चूर्ण एक ग्राम और बायविडंग चूर्ण दो ग्राम मिलाकर, इसकी एक मात्रा दिन में तीन बार सेवन कराने से रोग में आराम मिलेगा।
19. तिल : तिल और गुड़ को एक साथ मिलाकर बच्चे को खिलाने से बच्चे का बिस्तर पर पेशाब करने का रोग समाप्त हो जाता है। तिल और गुड़ के साथ अजवायन का चूर्ण मिलाकर खिलाने से भी लाभ होता है।