Last Updated on November 15, 2019 by admin
बेहोश होने के कारण एवं लक्षण : behosh hone ke karan
जब किसी कारण से मस्तिष्क में अचानक रक्त का अभाव हो जाता है, तब मनुष्य मूर्छित हो जाता है। उस समय रोगी का मुख पीला पड़ जाता है, माथे से ठण्डा पसीना छूटने लगता है, आँखों के सामने अन्धेरा छा जाता है और मनुष्य अचेत होकर गिर पड़ता है।
मस्तिष्क में रक्त का अभाव कई कारणों से होता है। उनमें उपवास, अचानक अधिक रक्त शरीर से निकल जाना, तीव्र वेदना अथवा चोट, दूषित गैस का साँस के साथ भीतर चले जाना एवं भावावेग आदि मुख्य हैं। आइये जाने बेहोशी के घरेलू उपचार / उपाय के बारे में |
बेहोशी का इलाज : behoshi ka ilaj in hindi
(1) मुख पर ठण्डे पानी के छींटे मारने तथा मुख पर हवा करने से बेहोशी दूर हो जाती है ।
(2) आँखो में गुलाबजल के छींटे देने से गर्मी की बेहोशी दूर हो जाती है।
(3) साबुन घिसकर आँखों में लगाने से कफज मूर्च्छा दूर हो जाती है।
(4) मैनसिल, महुआ, सेंधानमक, बच और कालीमिर्च को पीसकर पानी के साथ नस्य देने से हर तरह की मूर्च्छा मिट जाती है।
(5) एक माशा कपूर और 6 माशा चन्दन घिसकर मस्तक पर लगाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
(6) ठण्डा शर्बत पिलाने से पित्त-मूर्च्छा दूर हो जाती है।
(7) कौंच की सूखी फली को शरीर पर रगड़ने से बेहोशी दूर हो जाती है। जब रोगी को होश आ जाये तो गाय के घी की मालिश कर देने से कौंच का विष मिट जाता है।
(8) पानी में छोटी पीपल घिसकर आँखों में लगाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
(9) पोदीने के हरे पत्ते सूंघने से बेहोशी हट जाती है।
(10) खीरा का इत्र सूचँने से बेहोशी दूर हो जाती है।
(11) बाल मुंडवाकर सिर पर इमली का गूदा ठण्डे पानी में पीसकर लगाने से बेहोशी और लू का असर मिट जाता है।
(12) पके हुए सेब के रस में मिश्री मिलाकर पिलाने से बेहोशी मिट जाती है।
(13) राई पीसकर सूचँने से बेहोशी दूर हो जाती है।
(14) छोटी कटेरी, गिलोय, सोंठ और पीपरामूल बराबर मात्रा में लेकर कूट लें। इस 2 तोला चूर्ण को क्वाथ बनाकर उसमें 2 तोला पीपल का चूर्ण डालकर पिलाने से घोर बेहोशी भी दूर हो जाती है।
(15) कालीमिर्च का चूर्ण किसी नली में रखकर रोगी की नाक में फेंक देने से भी बेहोशी मिट जाती है।
(16) लोबान की धूनी नाक में देने से अथवा खीरा काटकर सँघाने से बेहोशी दूर होती है।
(17) बेर का गूदा, कालीमिर्च, खस तथा नागकेसर बराबर मात्रा में लेकर ठण्डे पानी के साथ पीसकर पीने से बेहोशी मिट जाती है।
(18) 6 ग्राम असगन्ध नागौरी और 6 ग्राम शितावर को कूटकर 250 ग्राम । गाय के दूध में डाल दें। फिर 250 ग्राम पानी डालकर आग पर चढ़ा दें। जब पानी जल जाय, तब मिश्री मिलाकर रोगी को एक सप्ताह तक पिलाएं। यह औषधि हिस्टीरिया में भी हितकर सिद्ध होती है।
(19) आँवलों के स्वरस में घी पकाकर पिलाने से बेहोशी में लाभ होता है।
(20) शहद, सेंधानमक, मैनसिल और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर महीन पीस लें, इसे अंजन की तरह आँखों में लगाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
(21) तीन ग्राम कपूर और 3 ग्राम हींग को बारीक पीसकर दो-दो रत्ती सुबह-शाम पानी के साथ खिलायें । बेहोशी दूर हो जाती है।
(22) दो ग्रेन केसर का अर्क और सौंफ मिलाकर खाने से बेहोशी दूर हो जाता है।
(23) रीठे को पानी में पीसकर 2-3 बूंद पानी नाक में टपकाने से तुरन्त होश आ जाता है।
(24) सर्पगन्धा और पीपरामूल को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। 1 से 2 ग्राम तक दवा सौंफ के अर्क के साथ सुबह-शाम खिलाने से अवश्य लाभ होता है।
नोट – ये लेख केवल जानकारी के लिए है। MyBapuJi किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है। आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।