Last Updated on July 22, 2019 by admin
वास्तु और विज्ञान :
वास्तुशास्त्र के सिद्धांत पूर्णतः वैज्ञानिक आधार पर बने हैं। इस बात की। पुष्टि हम कुछ वास्तु सिद्धांतों के विश्लेषण से कर सकते हैं। जैसे
❉ ईशान कोण में पानी : ईशान कोण में स्थित पानी के स्रोत पर पड़ने | वाली प्रातःकालीन सूर्य की किरणें पानी में पैदा होने वाले हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणुओं आदि को नष्ट करती है। विज्ञान ने भी स्वीकार किया है कि सूर्य की किरणों में यह शक्ति होती है।
❉ पूर्व दिशा में आंगन : सूर्य की जीवनदायी प्रातःकालीन किरणों का | अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए पूर्व दिशा में आंगन रखने की सलाह दी जाती है ताकि प्रातःकाल धूप में स्नान किया जा सके जो कि अत्यधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है।
❉ पूर्व दिशा में पेड़ : बड़ी शाखा एवं मोटी पत्तियों वाले बड़े पेड़ को | पूर्व एवं ईशान दिशा में नहीं उगाने चाहिए। यह पेड़ प्रातःकालीन सूर्य की सकारात्मक किरणों को घर में प्रवेश करने में रुकावट पैदा करते हैं।
❉ आग्नेय कोण में रसोईघर : आग्नेय कोण में स्थित रसोईघर में पूर्व | दिशा से प्रातःकालीन सूर्य की किरणें प्रवेश करती हैं जो रसोई में पैदा होने वाले हानिकारक बैक्टीरिया एवं कीटाणुओं को नष्ट करती हैं।
❉ पश्चिम दिशा की दीवारें ऊंची व मोटी होना : प्रातःकालीन सूर्य की किरणें तो लाभदायक होती हैं परंतु दोपहर के समय जब सूर्य पश्चिम दिशा में आग उगल रहा होता है उस समय सूर्य की किरणें हानिकारक होती हैं। उन हानिकारक किरणों के संपर्क में हम कम से कम आएं. इस कारण वास्तुशास्त्र में दक्षिण-पश्चिम दिशा में ऊंची व मोटी दीवार बनाने की सलाह दी जाती है।
❉ सोते समय सिर दक्षिण में : मनुष्य का सिर उत्तरी ध्रुव और पैर दक्षिण ध्रुव की भांति कार्य करते हैं। यदि सिर उत्तर की ओर किया जाए तो, पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव से दोनों में विकर्षण पैदा होगा परिणामस्वरूप मनुष्य के शरीर में रक्त प्रवाह और नींद में बाधा पैदा होने से तनाव उत्पन्न होगा। इसी कारण वास्तुशास्त्र के अनुसार अच्छे स्वास्थ्य के लिए सोते समय सिर दक्षिण में व पैर उत्तर दिशा की ओर होने चाहिए।
इस प्रकार के अनेक वैज्ञानिक तर्क वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों को प्रमाणित करते हैं ।
सुख समृद्धि के वास्तु उपाय : vastu tips for home
ऑफिस इत्यादि भवनों का वास्तु दोष निवारण करने पर चमत्कारिक, सुखद परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इसी कारण पूर्व का सदियों पुराना यह विज्ञान आज पश्चिम में भी दिन प्रतिदिन अत्यंत लोकप्रिय होता जा रहा है।
1-बिजली के बटन , बिजली का मीटर, टीवी,बिजली से चलने वाले अन्य उपकरण कमरे में आग्नेय कोण अथवा वायव्य कोण पर रखने से धन में वृद्धि होती है |( और पढ़े – वास्तु के अनुसार कैसा हो आपके घर का रंग)
2- वास्तु अनुरूप सुंदर साज सज्जा के लिए घर के अंदर बने सभी कमरे आयताकार या वर्गाकार हों तो अच्छा रहता है। वास्तु अनुरूप बने घर में सुखद व शानदार जीवन बिताया जा सकता है।
3- घर में असली या नकली पेड़-पौधे, गुलदस्ते रखना शुभ होता है। इससे घर भी आकर्षक लगता है। ध्यान रहे कांटेदार, दूध वाले पौधे, कैक्टस इत्यादि कभी भी नहीं लगाने चाहिए।
4-किसी भवन व उसके कमरों में पूर्व, पूर्व आग्नेय, उत्तर व उत्तर वायव्य में अधिक वजन नहीं रखना चाहिए। उत्तर ईशान व पूर्व ईशान को एकदम हल्का या खाली ही रखना चाहिए। दक्षिण और पश्चिम में अधिक वजन रखा जा सकता है। नैऋत्य कोण में सबसे अधिक वजन रखना चाहिए। ध्यान रहे, मध्य अर्थात् ब्रह्म स्थान खाली रखना वास्तु अनुकूल होकर शुभ होता है।( और पढ़े –व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं दुकानों में वास्तुदोष दूर करने के उपाय )
5- घर के किसी भी कमरे की दीवारों एवं पदों पर कहीं भी हिंसक पशु पक्षियों के, उदासी भरे, रोते हुए, डूबते हुए सूरज या जहाज के, ठहरे हुए पानी की तस्वीरें, पेंटिंग या मूर्तियां न लगाएं, यह जीवन में निराशा व तनाव के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी करती हैं।
6 -घर का हर क़मरा रोशनी से भरपूर व हवादार होना चाहिए। कमरों में रोशनदान व खिड़कियों पर शीशे हल्के रंग के ही होने चाहिए। चाहें तो पारदर्शी शीशे भी लगवा सकते हैं।
7-घर की दीवारों का रंग-रोगन सुरुचिपूर्ण हल्के रंग का करना चाहिए। इससे परिवार में शांति रहती है। गहरे रंग शुरू में तो अच्छे लगते हैं, पर धीरे-धीरे वहां रहने वालों के स्वभाव में उग्रता लाते हैं।
8- घर में परदे भी हल्के रंग के लगाने । चाहिए। यदि परदों में सुंदरता बढ़ाने के लिए गहरे रंग का थोड़ा कॉम्बीनेशन देना चाहें तो दे सकते हैं।( और पढ़े –वास्तु के अनुसार कैसा हो आपका रसोईघर )
9-निवास स्थान पर ईशान कोण अर्थात् नार्थ ईस्ट में टॉयलेट होने से पैसा फ्लश होता है जिससे आर्थिक कष्ट आते हैं। आजकल टॉयलेट, बाथरूम बहुत ज्यादा सजाने का फैशन चल रहा है। यह वास्तु विपरीत कार्य है क्योंकि टॉयलेट ज्यादा सजाने से मकान में एकत्रित सकारात्मक ऊर्जा फ्लश हो जाती है।
10-उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर हैं अतः वह अलमारी जिसमें आप नगद व आभूषण रखते हैं उसे निवास स्थान की उत्तर दिशा में रखने से उसमें हमेशा बरकत रहती है, नकदी व आभूषण बढ़ते रहते हैं।
11-घर में जिस अलमारी मे नकद व आभूषण रखे जाते हैं, उसे दक्षिण या पश्चिम की दीवार से सटा कर रखें ताकि दराज उत्तर या पूर्व दिशा की ओर खुल सके, ईशान कोण में कभी भी तिजोरी या अलमारी नहीं रखनी चाहिए, इससे आर्थिक हानि होती है।
12-घर के अंदर द्वार से आते समय दाएं तरफ फिश पॉट रखना चाहिए, जिसमें आठ मछलियां लाल या सुनहरी रंग की व एक काले रंग की होनी चाहिए। फिश पॉट रखने से घर की सुंदरता के साथ-साथ परिवार में धन एवं समृद्धि बढ़ती है।