Last Updated on July 24, 2019 by admin
★ हृदय लाल रंग के थैले जैसा और चार खण्डों वाला अंग होता है जो शरीर दोनाें फेफड़ों के बीच और छाती की बांयी तरफ होता है।
★ इंसान के जीवन से मृत्यु तक हृदय अपना काम करता रहता है।
★ महिलाओं की उपेक्षा पुरूषों का हृदय का आकार बड़ा होता है।
★ हृदय को रोग से बचाना बहुत जरूरी है। हृदय की मुख्य समस्या जैसे हृदय घात, ब्ल्डपे्रशर और सीने में जलन आदि।
★ इसलिए हम आपको बता रहे हैं कैसे एक्यूपे्रशर के जरिए आप दिल की बीमारी से बच सकते हो।
एक्यूप्रेशर से हृदय रोग का उपचार:acupressure points for heart problems
१] ह्रदय से संबंधित प्रतिबिम्ब केंद्र बायें तलवे तथा बायीं हथेली में ऊँगलियों से थोडा नीचे होते हैं | जहाँ दबाने से अपेक्षाकृत अधिक दर्द हो अर्थात काँटे जैसी चुभन हो, उन केन्द्रों पर विशेष रूप से दबाव दें | ( देखें चित्र -१ )
२] ह्रदयरोगों (heart problem)के निवारण के लिए स्नायु संस्थान, गुर्दों तथा फेफड़ों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है | अत: इनसे संबंधित प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर भी दबाव देना चाहिए | ( देखें चित्र – २ तथा ३ )
★ ह्रदयरोगों के निवारण तथा ह्रदय को सशक्त बनाने के लिए अंत:स्त्रावी ग्रंथियों ( पिट्युटरी, पीनियल, थायराँइड आदि ) की कार्यप्रणाली को अधिक प्रबल बनाने की आवश्यकता होती है |
★ अत: इनसे संबंधित प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर भी दबाव देना चाहिए |
★ वर्तमान समय में अनियमित दिनचर्या, अप्राकृतिक खान-पान, व्यायाम तथा शारीरिक परिश्रम न करना, दवाइयों का अधिक सेवन करना, अपर्याप्त निद्रा, मानसिक तनाव, चिंता, ईर्ष्या, नशा करना आदि कारणों ह्रदयरोग बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं |
स्त्रोत : ऋषिप्रसाद
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