Last Updated on March 5, 2023 by admin
स्तनों (ब्रेस्ट) में दूध की अधिकता क्यों होती है ? :
कभी-कभी मां के स्तनों से बच्चा जब दूध को पूरा नहीं पी पाता है, तो इस दूध को सुखाना या कम करना मुश्किल हो जाता है तो यही दूध ही स्तनों की बीमारी बन जाती है।
स्तनों (ब्रेस्ट) में दूध की अधिकता का उपचार :
1. कपूर: कपूर को पीसकर पेस्ट बना लें, फिर इसी पेस्ट का लेप स्तनों पर लगाने से और एक चौथाई ग्राम तक सेवन करने से स्त्रियों के स्तनों का रुका दूध सूख जाता है।
2. गिलोय: गिलोय या गुरुच को पकाकर काढ़ा बनाकर बच्चे की माता को पिलाने से स्तनों की शुद्ध होती है।
3. पान: पान के पत्तों को हल्का-सा गर्म करके स्तनों पर बांधने से अधिक दूध के कारण स्तनों पर आने वाली सूजन समाप्त हो जाती है।
4. धतूरा:
- धतूरे के पत्तों को हरिद्रा में मिलाकर स्तनों पर बांधने से स्तन में आने वाली सूजन मिट जाती है।
- धतूरे के पत्तों को गर्म करके स्तनों पर बांधने से स्तनों का बढ़ा दूध धीरे-धीरे करके सूखने लगता है।
5. नरकट: नरकट (नरसल) की जड़ को पीसकर काढ़ा बनाकर 40 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 3 बार खुराक के रूप में सेवन करने से दूध का बहना और कम माहवारी का आना वंद हो जाता है।
6. मोगरा: मोगरा (मोतिया बेला) के फूलों को अच्छी तरह से पीसकर बच्चे को जन्म देने वाली माता के स्तनों पर बांधने से स्तनों की सूजन और दूध का बहना वंद हो जाता है।
7. अरहर:
- अरहर (रहरी, शहर) के पत्तों और दालों को एक साथ पीसकर हल्का-सा गर्म करके स्तनों पर लगाने से दूध रूक जाता है।
- अरहर की दाल को पीसकर लेप की भांति स्तनों पर लगाने से स्तनों में आई सूजन नष्ट हो जाती है।
8. मसूर: मसूर, काहू के बीज और जीरा को सिरके में मिलाकर पीसकर स्त्री के स्तनों पर लेप करने से दूध कम हो जाता है। नोट: इसका सेवन उन्हीं माताओं को कराना चाहिए, जिनके बच्चे स्तनों के पूरे दूध को पी नहीं पाते हैं।
9. सौंफ: साफ सौंफ 250 ग्राम, चीनी (शक्कर) 250 ग्राम और 250 ग्राम शतावर को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसे 10 से 15 ग्राम तक गर्म दूध में डालकर दिन में 3-3 घण्टे के बाद 2 बार पीने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)