Last Updated on June 14, 2022 by admin
एलर्जिक ज्वर के लक्षण :
एलर्जिक ज्वर में रोगी के शरीर पर खुजली के साथ त्वचा में सूजनयुक्त छोटे-छोटे दाने उभर आते है।
एलर्जिक ज्वर के कारण :
एलर्जिक बुखार शरीर में पसीना आने के बाद, एक साथ ही शरीर के पूरे कपड़े उतारने, विरुद्ध आहार का सेवन या औषधि की प्रतिक्रिया से भी कभी-कभी हो जाता है। जब बुखार रहता है तो उसे एलर्जिक बुखार माना जाता है अगर ज्वर नहीं रहे तो उसे मात्र शीत पित्त कहते हैं। छींके अधिक आने के साथ बुखार भी हो तो उसे भी एलर्जिक ज्वर कहते हैं।
एलर्जिक बुखार का उपचार :
1. त्रिफला : 3 से 6 ग्राम त्रिफला के चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ सेवन करने से एलर्जिक ज्वर और पेट के दर्द आदि में लाभ होता है।
2. सोंठ : सोंठ, पीपल, कालीमिर्च और यवाक्षार के साथ अजवायन को खाने से एलर्जिक ज्वर में राहत मिलती है।
3. आंवला : 10 ग्राम आंवले के चूर्ण को 10 ग्राम गुड़ के साथ सुबह और शाम लेने से एलर्जिक ज्वर में लाभ पहुंचता है।
4). गुड़ :
- पुराने गुड़ को अदरक के रस में मिलाकर सुबह और शाम पीने से एलर्जिक ज्वर में आराम मिलता है। इसका सेवन करने से भूख न लगने का रोग भी समाप्त हो जाता है।
- गुड़ के साथ अजवायन खाने से कब्ज दूर होती है और पूरे शरीर में फैले दर्द से उत्पन्न बुखार भी दूर हो जाता है।
- 10 ग्राम गुड़ के साथ 10 ग्राम आंवले का चूर्ण मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से एलर्जिक ज्वर मिट जाता है।
5. दूब : दूब और हल्दी को पीसकर पूरे शरीर पर लेप करने से एलर्जिक ज्वर दूर हो जाता है।
6. घी : घी में सेंधानमक मिलाकर मालिश करने से एलर्जिक ज्वर दूर हो जाता है।
7. कबीला : कबीला (कमीला) को सरसों के तेल में मिलाकर पूरे शरीर पर मालिश करने से एलर्जिक ज्वर में लाभ होता है।
अन्य उपचार : एलर्जिक ज्वर में रोगी को गर्म पानी से नहाना चाहिए और गर्म सरसों तेल से पूरे शरीर की मालिश करनी चाहिए। कब्ज की शिकायत में यह प्रयोग नहीं करना चाहिए।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)