Last Updated on July 24, 2019 by admin
मुलतानी मिट्टी से स्नान करने से रोमकूप खुल जाते हैं। इससे जो लाभ होते हैं साबुन से उसके एक प्रतिशत भी नहीं होते।
बाजार में उपलब्ध साबुनों में चर्बी, सोडाखार और कई जहरीले रसायनों का मिश्रण होता है, जो त्वचा और रोमकूपों पर हानिकारक असर करता है।
आरोग्यता व स्फूर्ति चाहने वालो को साबुन से बचकर मुलतानी मिट्टी से स्नान करना चाहिए।
मुलतानी मिट्टी को पानी में घोलकर शरीर पर लगा के 10-15 मिनट बाद नहाने से आशातीत लाभ होते हैं। यह घोल रोमकूपों को खोलकर गर्मी, मल व दोषों को बाहर खींच लेता है, जिससे कई बीमारियों से रक्षा होती है, त्वचा स्वच्छ व मुलायम बनती है।
त्वचा अधिक चिकनी हो तो मुलतानी मिट्टी में नीँबू, दही अथवा छाछ मिलाकर रखें। 10 मिनट बाद शरीर पर लगाकर 10-15 मिनट बाद नहाने से त्वचा की चिकनाहट व मैल नष्ट हो जाती है। चेहरे के कील व मुहाँसे के लिए भी यह प्रयोग लाभदायी है।
आप सभी साबुन का प्रयोग छोड़कर मुलतानी मिट्टी से स्नान कर प्रत्यक्ष लाभ का अनुभव करें।
मृत्तिका लगाने का मंत्र
अश्वक्रान्ते रथक्रान्ते विष्णुक्रान्ते वसुन्धरे।
मृत्तिके हर में पापं जन्मकोट्यां सर्मजितम्।।
‘हे वसुन्धरे ! तुम्हारे ऊपर अश्व और रथ चला करते हैं तथा वामन अवतार के समय भगवान विष्णु ने भी तुम्हें अपने पैरों से नापा था। मृत्तिके ! मैंने करोड़ों जन्मों में जो पाप किये हैं, मेरे उन सब पापों को हर लो।’ (पद्म पुराण, उ.खः 47.43)