Last Updated on November 19, 2019 by admin
अपान वायु मुद्रा (Apan vayu mudra)आधे सिर दर्द के मरीजों के लिए है वरदान |
अपान वायु मुद्रा के लाभ :
★ अपानवायु मुद्रा आधे सिर का दर्द (adha sir dard) को तुरंत ही कम कर देती है।
★ Apan vayu mudra मुद्रा दिल के रोगों में तुरंत ही असर दिखाती है। किसी व्यक्ति को दिल का दौरा (heart attack)पड़ने पर इस मुद्रा को करने से तुरंत ही लाभ होता है।
★ इसके निरंतर अभ्यास से पेट के सभी रोग जैसे पेट में गैस आदि तथा पुराने रोग जैसे गठिया और जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
मुद्रा बनाने का तरीका :
★ अपने हाथ की तर्जनी उंगली को अंगूठे की जड़ में लगाकर अंगूठे के आगे के भाग को मध्यमा उंगली और अनामिका उंगली के आगे के सिरे से लगा देने से अपानवायु मुद्रा बनती है लेकिन कनिष्ठिका (छोटी उंगली) उंगली बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए।
समय-
★ अपानवायु मुद्रा को सुबह और शाम लगभग 15-15 मिनट तक करना चाहिए।
जानकारी-
★ इस मुद्रा को करने से आधे सिर का दर्द(adha sir dard),दिल के रोग और ब्लडप्रेशर जैसे रोग पूरी तरह जड़ से समाप्त हो जाते हैं।
विशेष :अच्युताय हरिओम अमृत द्रव्य सभी प्रकार के सरदर्द में सीघ्र लाभ पहुचता है व अच्युताय हरिओम हृदयसुधा सिरप (Achyutaya Hariom Hriday Sudha Syrup)समस्त प्रकार के हृदयरोग,कोलेस्ट्रोल,हार्ट-अटैक व नस-नाडियों के अवरोध,हृदय की धडकन हेतु विशेष लाभदायक है ।
प्राप्ति-स्थान : सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों व श्री योग वेदांत सेवा समितियों के सेवाकेंद्र से इसे प्राप्त किया जा सकता है |