Last Updated on February 16, 2023 by admin
बच्चों में त्वचा संबंधी रोग का होम्योपैथिक इलाज (Bacchon me Twacha Sambandhi Rog ka Homeopathic Ilaj)
1. बच्चों की त्वचा का उधड़ जाना :-
- शरीर के किसी भी अंग की त्वचा उधड़ जाने पर मर्क-सोल औषधि की 6 शक्ति या आर्निका औषधि की 3 शक्ति की मात्रा सेवन कराएं और उस स्थान पर आर्निका औषधि की 4-5 बूंद मलाई या जैतून के तेल में मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
- त्वचा उधड़ने के साथ यदि बच्चा अम्ल रोग से भी ग्रस्त हो तो बच्चे को कैमोमिला औषधि की 12 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
- धातु दोष के कारण त्वचा उधड़ गई हो तो सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। इसके साथ कभी-कभी कैल्के-कार्ब- 30, लाड़को- 30, सिपिया- 30 शक्ति या रस-टक्स औषधि की 6 शक्ति आदि औषधियों की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके साथ त्वचा को साफ-सफाई पर पूरा ध्यान रखना चाहिए।
2. बच्चों की त्वचा पर घमौरियां होना :-
- अधिक गर्म मौसम में, गर्मी में घूमने, काम करने या पूरे दिन चुस्त कपड़े पहनने के कारण त्वचा पर घमौरियां हो जाती हैं। इस तरह त्वचा पर घमौरियां होने पर कैमोमिला औषधि की 12 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
- सर्दी लगने के कारण घमौरियां होने पर डल्कामारा औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन करें।
- यदि त्वचा पर घमौरियां हो गई हो और घमौरियों में पीब हो तो रस-टॉक्स औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना अधिक लाभकारी होता है।
- यदि त्वचा पर घमौरियां उत्पन्न होने के साथ उसमें अधिक खुजली होती हो तो सल्फर औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना अधिक हितकारी होता है।
- इन औषधियों के प्रयोग के साथ घमौरियों को ठीक करने के लिए कभी-कभी कैल्के-कार्ब- 30, लाइको- 30 या सिपिया- 30 औषधि की आवश्यकता पड़ सकती है।
3. बच्चों की त्वचा पर खुजली :-
- त्वचा की खुजली को दूर करने के लिए सल्फर औषधि की 30 या 200 शक्ति की मात्रा का सेवन कराना लाभकारी होता है।
- खुजली के ऐसे लक्षण जिसमें बिस्तर पर जाते ही पूरे शरीर में खुजली होने लगती है। ऐसे में इग्नेशिया औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
- यदि कपड़ा उतारने से खुजली शुरू हो जाती हो तो ऐसे में आर्स औषधि की 6 शक्ति या नक्स-वोमिका औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
- रात को बिस्तर पर सोने के बाद गर्मी के कारण यदि खुजली होती हो तो ऐसे में बच्चे को पल्स औषधि की 6 शक्ति या मर्क औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
- यदि खुजली होती हो और खुजलाने पर जलन होती हो तो रस-टॉक्स औषधि की 6 शक्ति, एपिस औषधि की 6 शक्ति या हिपर औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।
- खुजली होने पर यदि खुजलाते-खुजलाते खून निकल आता हो तो मर्क औषधि की 6 शक्ति या सल्फर औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।
- यदि रात को सोने से पहले बच्चे के पूरे शरीर में खुजली होती हो तो उसकी त्वचा पर मैदा लगा देने पर रात में खुजली कम होती है।
4. बच्चों की त्वचा पर छाले होना :-
- बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद कभी-कभी बच्चे के विभिन्न अंगों में छाले हो जाते हैं। पीठ, कान के पीछे, हाथ-पैर व बगल आदि में छाले हो जाते हैं। इस तरह उत्पन्न छाले के अन्दर तरल भर जाता है जो पहले पीले रंग का होता है और फिर बाद में लाल होकर सूख जाता है या फट जाता है। कभी-कभी बच्चे के सिर पर पपड़ी भी जम जाती है। इस तरह बच्चे के शरीर पर छाले होने पर बच्चे को रस-टॉक्स औषधि की 3 शक्ति देनी चाहिए। यदि बच्चे को बहुत समय से छाले हो तो आर्सेनिक औषधि की 3 शक्ति का उपयोग करना चाहिए। यदि बच्चे को उपदंश से छाले हो तो मर्क-कोर औषधि की 3 शक्ति देना उचित होता है।
5. बच्चों की त्वचा उधड़कर जख्म बन जाना (Intertrigo) :-
- बच्चे की त्वचा अधिक कोमल होने के कारण कभी-कभी साधारण कारणों से ही त्वचा उधड़ने गलती है और जख्म बन जाता है। इस तरह के त्वचा रोग अधिकतर त्वचा पर मैल जमने या जोर से शरीर की मालिश करने के कारण होता है। इससे त्वचा छील जाती है। इस रोग में कान के पिछले भाग, गर्दन के पिछले जोड़ या बगल की त्वचा विशेष रूप से छिल जाती है। त्वचा छील जाने से उस स्थान पर सूजन आ जाती है और वह लाल हो जाता है। इसके बाद उसमें जलन होती है और पानी भर जाता है जिससे जख्म बन जाता है। इस तरह के कारणों से त्वचा उधड़कर जख्म बन जाने पर बच्चे को कैमोमिला औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन कराना लाभकारी होता है।
- यदि त्वचा उधड़ जाने के बाद जख्म बन जाने से दर्द आदि उत्पन्न हो और उससे खून निकलता हो तो बच्चे को मर्क्यूरियस-स औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। यदि रोग ठीक होने के बाद फिर से हो जाता है तो ऐसे में बच्चे को मर्क्यूरियस-स औषधि की 12 शक्ति देनी चाहिए।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)