Last Updated on February 13, 2023 by admin
बच्चों में कब्ज का होम्योपैथिक इलाज (Bacchon me Kabj ka Homeopathic Ilaj)
बच्चों का कब्ज रोग और उसमें प्रयोग की जाने वाली औषधियां :-
1.ब्रायोनिया या ऐल्यूमिना :- बच्चे को कब्ज होने के कई कारण होते हैं। जब कोई स्त्री गर्भावस्था के समय अधिक खाने-पीने तथा ऐसे पदार्थो के सेवन करने लगती है जो आसानी से हजम नहीं हो तो ऐसे में बच्चे को मां का दूध पिलाने के स्थान पर गाय का दूध पिलाया जाता है जिससे बच्चे को कब्ज हो जाता है। कभी-कभी यकृत की क्रिया बिगड़ जाने के कारण भी बच्चे को कब्ज का रोग हो जाता है। इन कारणों से बच्चे को कब्ज होने पर ब्रायोनिया औषधि की 3 या 30 शक्ति या ऐल्यूमिना औषधि की 6 शक्ति का सेवन कराना लाभकारी होता है। यदि बच्चे में कब्ज के कारण खाने के तुरन्त बाद उल्टी करने के लक्षण दिखाई दे तो बच्चे को ब्रायोनिया औषधि देनी चाहिए।
2. कैल्के-कार्ब :- कब्ज के कारण यदि दस्त के साथ खाई हुई चीजों के कण मिला हुआ सफेद रंग का पदार्थ निकलता हो और कब्ज के कारण बच्चा दिन-प्रतिदिन पतला व कमजोर होता जाता हो तो ऐसे लक्षणों में बच्चे को कैल्के-कार्ब औषधि की 6 शक्ति देनी चाहिए।
3. लाइकोपोडियम :- बच्चे को कब्ज हो जाने के कारण मल कठोर हो जाता है और दस्त के समय अधिक कठिनाई से मल निकलता है। पेट में वायु बनने के कारण गड़गड़ की आवाज आती रहती है। ऐसे में बच्चे को लाइकोपोडियम औषधि की 30 शक्ति देना हितकारी होता है।
4. नक्स-वोमिका :- कब्ज के साथ यदि बच्चे के पेट में ऐंठन सा दर्द होता हो, पेट फूल गया हो तथा दस्त कठोर होकर टुकड़ों में निकलता हो तो ऐसे लक्षणों में नक्स-वोमिका औषधि 30 शक्ति का प्रयोग करें।
5. ओपियम :- पतले दस्त के बाद कब्ज बनने के कारण दस्त का गांठ-गांठ करके निकलना। ऐसे में बच्चे को ओपियम औषधि की 3 शक्ति देने से लाभ होता है।
6. सल्फर :- कब्ज होने पर बीच-बीच में सल्फर औषधि की 30 शक्ति देने से यह रोग में तेजी से क्रिया करके कब्ज को दूर करती है।
7. प्लम्बम :- कब्ज होने पर किसी भी औषधियों से लाभ मिलने पर प्लम्बम औषधि का प्रयोग करें। मल कठोर व लाल रंग के आने के साथ पेट फूलता हो तो बच्चे को प्लम्बम औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
8. ऐण्टिम-क्रूड :- यदि पाकाशय की गड़बड़ी के कारण कब्ज हुआ हो और कब्ज के साथ ही जीभ पर सफेद दाग हो गया हो तो ऐसे में बच्चे को ऐण्टिम-क्रूड औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का सेवन कराना चाहिए।
विशेष प्रयोग :-
कब्ज होने के साथ पेट फूल गया हो और पेट में दर्द होता हो तो 5-6 बूंद तारपीन का तेल बच्चे के पेट पर छिड़ककर अंगुली से रगड़ने तथा मलद्वार पर मुक्ताझुरीका के पत्ते को पीसकर मलद्वार पर लेप करने से कब्ज दूर होती है।
बच्चे को कब्ज होने पर बच्चे की मां को भोजन में हल्की चीजों का सेवन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त गर्म पानी में ग्लिसरीन मिलाकर बच्चे के मलद्वार में देने से भी कब्ज दूर होती है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)