Last Updated on February 12, 2023 by admin
बच्चों के होंठों पर दुष्ट वर्ण (गहरे जख्म) रोग क्या है :
इस रोग में पहले एक छोटी सी फुंसियां होंठ पर उत्पन्न होती है और वह बड़ी होकर सख्त हो जाती है। फोड़े के आस-पास आग की तरह जलन होती है, रोगी को बुखार हो जाता है, वह बेचैन रहने लगता है और उसे नींद भी नहीं आती। इस फोड़े में पीब न बनने के कारण यह जल्दी नहीं पकता है। यह फोड़ा एक सप्ताह के अन्दर ही सड़ने लगता है और उससे बदबू आने लगती है। इस तरह के जख्म का इलाज जल्दी न करवाने पर फोड़ा भयंकर रूप धारण कर लेता है और रोगी का शरीर अत्यंत कमजोर हो जाता है जिससे उसकी मृत्यु होने की संभावना बन जाती है।
बच्चों के होंठों पर दुष्ट वर्ण (गहरे जख्म) का होम्योपैथिक इलाज (Bacho ke Hotho par Ghav ka Homeopathic Ilaj)
बच्चों के होंठों पर दुष्ट वर्ण होने पर औषधि का प्रयोग :
- ऊपर की तरह लक्षणों से पीड़ित होने पर ऐन्थ्रासिनम औषधि की 30 शक्ति की मात्रा देने से अत्यधिक लाभदायक होता है। इस औषधि के प्रयोग से अधिक जलन होने पर विशेष लाभ होता है।
- यदि फोड़े होने पर डंक मारने की तरह जलन हो तो एपिस औषधि का सेवन करना लाभकारी होता है।
- फोड़े से अधिक पीब निकलने पर हिपर-सल्फर औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
- दुष्ट वर्ण (गहरे जख्म) उत्पन्न होने पर प्रयोग की जाने वाली औषधियों के प्रयोग के साथ कभी-कभी इन औषधियों की आवश्यकता पड़ती है जैसे- आर्सेनिक, लैकेसिस, आर्निका, सिलिका, कार्बो-वेज, बेलेडोना आदि।
विशेष :-
इस तरह के गहरे फोड़े होने पर ऐसे चीजों का सेवन करना चाहिए जो आसानी से पच सकें। कभी-कभी ऐसे फोड़े होने पर नश्तर लगवाने की आवश्यकता पड़ जाती है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)