Last Updated on November 29, 2022 by admin
बच्चों में खूनी दस्त (रक्तातिसार) के लक्षण :
- रक्तातिसार (खूनी दस्त) रोग में बच्चे को पीला, नीला मल या उसके साथ खून आता है।
- इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
- दूसरे लक्षण हैं- पिपासा (बार-बार प्यास लगना), जलन की अनुभूति (शरीर में जलन होना), मूर्च्छा (बेहोशी) और गुदापाक।
बच्चों में दस्त (अतिसार) के लक्षण :
- बच्चों का मल गुलाबी, पीला, लाल या सफेद रंग का होता है।
- मल त्याग करते समय आवाजें भी निकलती हैं।
- मल गांठदार, चिकनाईयुक्त, अम्लीय, साबुन के झाग के समान और तैलीय भी हो सकता है।
- इस रोग में बच्चा प्यास, जलन और बेहोशी से भी ग्रसित हो जाता है।
- मलद्वार की जगह के चारों ओर घाव और पका घाव भी हो सकता है।
बच्चों में खूनी दस्त (रक्तातिसार) व अतिसार (दस्त) का इलाज :
1. अजवायन : अजवायन का 1 चम्मच रस रोजाना दो बार देने से दस्त में काफी लाभ होता है।
2. नागरमोथा : लगभग 3 से 6 ग्राम इन्द्रयव को नागरमोथा के साथ काढ़ा बनाकर और उसमें शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बच्चों का रक्तातिसार (खूनी दस्त) दूर हो जाता है।
3. शहद : लगभग 1 से 3 ग्राम तेजपत्ता का चूर्ण बच्चों को शहद और अदरक के रस के साथ देने से बच्चों के पेट के सभी रोगों में आराम आता है।
4. लाभज्जक : `लाभज्जक´ का काढ़ा 1 से 2 चम्मच सुबह-शाम बच्चों को देने से पाचन क्रिया ठीक हो जाती है। पैखाना (दस्त) पहले की तरह ठीक से आने लगता है।
5. गूलर : बच्चों के अतिसार (दस्त), रक्तातिसार (खूनी दस्त), वमन (उल्टी) और कमजोरी में गूलर का दूध 10 बूंद सुबह-शाम दूध में मिलाकर देने से पूरा लाभ होता है।
6. जामुन : बच्चों के अतिसार (दस्त) में जामुन की छाल का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम बकरी के दूध के साथ देने से लाभ होता है।
7. सोंठ :
- नागरमोथा, सोंठ, अतीस, इन्द्रजौ, सुगंधवाला आदि को बारीक पीसकर काढ़ा तैयार कर लें। इसे 10 से 15 मिलीलीटर बच्चों को देना चाहिए।
- सोंठ, अतिविशा मूल, मुस्तकमूल, सुगंधवाला प्रकन्द और इन्द्रयव का काढ़ा दिन में 3 बार लेने से बच्चों का बालातिसार और रक्तातिसार ठीक हो जाता है।
8. तूनी (The toon tree) : बच्चों का अतिसार (दस्त) चाहे कितना भी पुराना क्यों न हो, 10 से 15 ग्राम तुन (तूनी) वृक्ष के डाल का चूर्ण गर्मकर सुबह-शाम को देने से आराम आ जाता है।
9. शहद : बेल की मज्जा, धातकीपुष्प, सुगंधवाला प्रकन्द, लोध्र छाल और गजपिप्पली को बराबर लेकर उसका चूर्ण तैयार कर लें। इस चूर्ण को शहद के साथ दिन में 2 से 3 बार लेना चाहिए।
10. जामुन : आम्रातक, जामुन का फल और आम के गूदे के चूर्ण को बराबर मात्रा में शहद के दिन में 3 बार बच्चों को नियमित सेवन करवाने से बच्चों के दस्त सम्बंधी रोग समाप्त हो जाते हैं।
11. आम : लगभग 12 ग्राम बेल का चूर्ण और आम के गूदे को 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर उबाल लें और जब काढ़ा 125 मिलीलीटर रह जाये तो बाकी बचे काढ़े को दिन में 2 या 3 बार बच्चों को देना चाहिए। इससे बच्चों के दस्त सम्बंधी रोग समाप्त हो जाते हैं।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)