Last Updated on December 13, 2022 by admin
बकरी के दूध के गुण (Bakri ke Dudh ke Gun in Hindi)
- बकरी का दूध मन को प्रसन्न रखता है।
- मुंह में खांसी के साथ आने वाले खून के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
- बकरी का दूध फेफडे़ के घावों और गले की पीड़ा को दूर करता है।
- यह पेट को शीतलता प्रदान करता है।
- गर्म स्वभाव वालों के लिए यह अत्यंत लाभकारी होता है।
- रंग : बकरी का दूध सफेद रंग का होता है।
- स्वाद : इसके दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है।
- स्वभाव : इसका दूध शीतल होता है।
बकरी के दूध सेवन की मात्रा :
इसे 250 मिलीलीटर तक की मात्रा में सेवन किया जाता है।
विभिन्न रोगों में बकरी के दूध के फायदे (Bakri ke Dudh ke Fayde)
1. काली खांसी (कुकर खांसी) : 100 से 250 मिलीलीटर काली बकरी का दूध 2 सप्ताह तक रोगी को पिलाने से काली खांसी दूर हो जाती है।
2. बुखार के लिए : बकरी और गाय के ताजे दूध को मिलाने पर आने वाले झागों को इकट्ठा करके इसमें मिश्री का चूर्ण मिलाकर मीठा करें इसको पीने से पुराना बुखार में लाभ मिलता है।
3. हिचकी का रोग : बकरी के दूध में 1/4 चम्मच सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से हिचकी में लाभ होता है।
4. दस्त के आने पर :
- बकरी के दूध को पीने से भी गर्भवती स्त्री को होने वाले अतिसार यानी दस्त समाप्त हो जाते हैं।
- 250 मिलीलीटर बकरी के दूध में लगभग 8 ग्राम की मात्रा में तिल मिलाकर मिश्री के साथ पीने से दस्त में आराम मिलता है।
5. गर्भवती स्त्री का अतिसार : बकरी के ताजे दूध में नींबू को मिलाकर गर्भवती स्त्री को पिलाने से अतिसार बंद हो जाता है।
6. गर्भवती स्त्री का विषम ज्वर : बकरी के दूध के साथ सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से गर्भवती स्त्री का विषम ज्वर दूर हो जाता है।
7. प्रदर रोग : 6 ग्राम मोचरस (सेमर की गोंद) को बकरी के दूध के साथ मिलाकर रोजाना सेवन करने से प्रदर रोग मिट जाता है।
8. नाक के रोग : बकरी के धारोष्ण (ताजा) दूध के अंदर मिश्री डालकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है।
9. उपदंश : 10 मिलीलीटर काली बकरी का पेशाब सात दिनों तक पीते रहने से उपदंश के कारण फटने वाला बदन (शरीर) ठीक हो जाता है।
10. योनि को छोटा करना : बकरी तथा गाय के दूध को मिलाकर बनाए हुए मट्ठे की योनि में छीटें देनी चाहिए तथा इसी से योनि को धोना चाहिए। इससे योनि सिकुड़कर छोटी हो जाती है।
11. टी.बी. :
- बकरी का दूध, पेशाब, मांस तथा मेंगनी का सेवन करने से टी.बी. रोग में लाभ होता है।
- 250 मिलीलीटर बकरी का दूध, 10 ग्राम नारियल का बुरादा और 6 ग्राम लहसुन को एक साथ मिलाकर पका लें। एक बार में इतनी ही औषधि सुबह-शाम खाने से टी.बी. का रोग मिट जाता है।
12. पीलिया का रोग : बकरी के दूध के साथ समुद्रफेन घिसकर पीने से पीलिया के रोग में लाभ होता है।
बकरी के दूध के दुष्प्रभाव (Bakri ke Dudh ke Nuksan in Hindi)
बकरी के दूध का अधिक मात्रा में प्रयोग नम्र स्वभाव वालों के लिए हानिकारक होता है।
दोषों को दूर करने वाला : शहद और सौंफ, बकरी के दूध के गुणों सुरक्षित रखकर दोषों को दूर करता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)