नमक और उच्च रक्तचाप ,जानिये क्या है इनका संबंध | Salt And Blood Pressure
क्या आहार में नमक बढ़ने से बढ़ता है ब्लड प्रेशर ? चाहे सादा नमक कहें या सोडियम क्लोराइड, लेकिन जाना-माना तथ्य है कि जब से आदमी सभ्य हुआ है तभी से नमक लोकप्रिय रहा है। …
क्या आहार में नमक बढ़ने से बढ़ता है ब्लड प्रेशर ? चाहे सादा नमक कहें या सोडियम क्लोराइड, लेकिन जाना-माना तथ्य है कि जब से आदमी सभ्य हुआ है तभी से नमक लोकप्रिय रहा है। …
करामाती रेशे (फाइबर) : Fiber ka Mahatva in Hindi बहुत कम लोग ऐसे आहार के महत्त्व को समझते हैं, जिसमें रेशे काफी अधिक मात्रा में उपलब्ध हों। वनस्पतियों से प्राप्त होनेवाले खाद्य पदार्थों का यह …
मानव युगों-युगों से प्रकृतिके साहचर्यमें रहता आया है। उसने वनस्पतियोंको नाना रूपों में अपने प्रयोगमें लाकर तत्सम्बन्धित कुछ अनुभव अर्जित किये हैं। इन वनस्पतियोंका साधारण ज्ञान लोक-जीवनमें प्रचुर मात्रामें बिखरा पड़ा है। यहाँ कुछ वनस्पतियों …
हमें व्यायाम क्यों करना चाहिए ? व्यायाम समस्त शरीर को उसकी लम्बाई-चौड़ाई के अनुपात में हृष्ट पुष्ट बनाने का एक आसान और व्यावहारिक उत्तम तरीका है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की वृद्धि होती है …
व्यायाम करें और मोटापा घटाएँ : शरीर काम करने के लिए बना है। आजकल की बदलती हुई जीवन-शैली में सुख सुविधाएँ इतनी अधिक हो गई हैं कि शरीर मेहनत वाला कोई काम नहीं कर पाता। …
संतुलित आहार क्या है? : बहुत से लोग अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार के महत्त्व को तो स्वीकार करते हैं, लेकिन वे संतुलित आहार के बारे में भ्रम रखते हैं। कुछ लोग भरपेट भोजन …
तनाव जीवन का अभिन्न अंग है। संतुलित तनाव वीणा के तारों के कसाव की तरह है, जिससे जीवन का मधुर संगीत जन्म लेता है। उसके बिना जीवन बिलकुल एकरस एवं एकसार हो जाता है और …
स्मरण-शक्ति के बारे में प्लेटो ने यहाँ तक कहा है-‘समूचा ज्ञान और कुछ नहीं, मात्र स्मरण-शक्ति है।’ हम सभी की जिन्दगी में प्रायः कुछ-न-कुछ भूल जाने के क्षण आते रहते हैं। आपके साथ भी ऐसा …
एक गृहस्थ त्यागी, महात्मा थे। एक बार एक सज्जन दो हजार सोने की मोहरें लेकर उनके पास आए और बोले, ”महाराज, मेरे पिताजी आपके मित्र थे, उन्होंने धर्मपूर्वक अर्थोपार्जन किया था। मैं उसी में से …
प्राणायाम के प्रकार और विधियां : प्राणायाम के अनेक भेद योगाचार्यों और योग दर्शन कारों ने किये हैं। योग दर्शन में अपने एक सूत्र में महर्षि पतंजलि ने लिखा है बाह्याभ्यन्तस्तम्भवृत्तिर्देशकाल संख्यामि परिदृष्टो दीर्घ सूक्ष्मः। …