अदभुत चमत्कारिक यौगिक क्रिया ” केवल निधि (Kevali kumbhaka)”
जिसको केवली कुम्भक सिद्ध हो जाता है, वह पूजने योग्य बन जाता है । यह योग की एक ऐसी कुंजी है कि छ: महीने के दृढ़ अभ्यास से साधक फिर वह नहीं रहता जो पहले …
जिसको केवली कुम्भक सिद्ध हो जाता है, वह पूजने योग्य बन जाता है । यह योग की एक ऐसी कुंजी है कि छ: महीने के दृढ़ अभ्यास से साधक फिर वह नहीं रहता जो पहले …
ललाट पर दोनों भौहों के बीच विचारशक्ति का केन्द्र है। योगी इसे ʹआज्ञाचक्रʹ कहते हैं। इसे ʹशिवनेत्रʹ अर्थात् कल्याणकारी विचारों का केन्द्र भी कहा जाता है। दोनों भौहों के बीच ललाट पर चंदन या सिंदूर …
श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्। स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।। ʹअच्छी प्रकार आचरण में लाये हुए दूसरे धर्म से गुणरहित भी अपना धर्म अति उत्तम है। अपने धर्म में तो मरना भी कल्याणकारक है और दूसरे का …
१) ठंडे पानी से स्नान करते समय पहेल सिर पर पानी डालें फिर पूरे शरीर पर, ताकि सिर आदि शरीर के ऊपरी भागों की गर्मी पैरों से निकल जाये। २) दौड़कर आने पर, पसीना निकलने …
1) 100 ग्राम सौंफ, 100 ग्राम बादाम और 200 ग्राम मिश्री तीनों को कूटकर मिला लें। सुबह 3 से 5 ग्राम चबा-चबाकर खायें। ऊपर से दूध पी लें। (दूध के साथ भी ले सकते हैं) …
पूज्य बापू जी की प्रेरणादायी वाणी मलूकचंद नाम के एक सेठ थे। उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था। एक रात्रि को पुजारी जी के कीर्तन की ध्वनि के कारण उन्हें ठीक से नहीं …
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के सत्संग में एक सज्जन आते थे। उनके विवाह को 17 साल हो गये थे पर प्रारब्धवश कोई संतान नहीं हुई। चिकित्सकों ने स्पष्ट कह दिया कि “आपकी पत्नी को गर्भ …
महामना मदनमोहन मालवीयजी के हृदय में अपनी राष्ट्रभाषा के प्रति अपार प्रेम था। एक बार वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाषण दे रहे थे। अभी उन्होंने कुछ ही वाक्य बोले होंगे कि एक …
राजा भर्तृहरि ने राजपाट का त्याग किया और गोरखनाथजी के चरणों में जा पहुँचे। उनसे दीक्षित हुए और उनकी आज्ञानुसार कौपीन पहन के निकल पड़े। भर्तृहरि किसी गाँव से गुजर रहे थे। वहाँ किसी हलवाई …
अपने सदगुरु की प्रसन्नता के लिए अपने प्राणों तक का बलिदान करने का सामर्थ्य रखने वाले शिवाजी धन्य हैं। “भाई शिवाजी राजा हैं, छत्रपति हैं इसीलिए गुरुजी हम सबसे ज्यादा उन पर प्रेम बरसाते हैं।” …