धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता के प्रतीक”धर्मराज युधिष्ठिर”
महाराज युधिष्ठिर धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता आदि दिव्य गुणों के केन्द्र थे। धर्म के अंश से उत्पन्न होने के कारण ये धर्म के गूढ़ तत्वों के व्यावहारिक व्याख्याता तथा भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। बचपन …