Last Updated on November 19, 2020 by admin
सिरदर्द को लोग एक मामूली विकार समझते हैं क्योंकि यह बाजार में उपलब्ध दर्द निवारक औषधियों से ठीक हो जाता है। परंतु जब ये औषधियाँ सिरदर्द के लिए निष्प्रभावी हो जाती हैं तो लोग इन औषधियों की मात्रा बढ़ाते जाते हैं। यह स्थिति घातक होती है। लोग यह जानने का प्रयास नहीं करते कि निरंतर या बार-बार होनेवाले सिरदर्द का कारण मस्तिष्क का कोई भयंकर रोग भी हो सकता है।
सिरदर्द या अन्य विकारों जैसे- चक्कर आना, जुकाम होना आदि में तो लोग लक्षणों या जाँच के आधार पर उपचार में लग जाते हैं। लेकिन मस्तिष्क के अंदर ट्यूमर जैसी किसी भयंकर बीमारी का विकास हो रहा है, इस पर कभी ध्यान ही नहीं जाता । तात्पर्य यह कि निरंतर सिरदर्द बना रहना ब्रेन ट्यूमर का सूचक भी हो सकता है।
ट्यूमर क्या है ? (What is Tumor in Hindi)
आयुर्वेद में ट्यूमर को ‘ग्रंथि’ कहते हैं। जनसाधारण इसे गाँठ कहते हैं। ग्रंथि में पीड़ा होती है, जलन होती है और उसमें पीप (pus) होता है।
( और पढ़े – शरीर में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज )
ब्रेन ट्यूमर के भेद (Types of Brain Tumor in Hindi)
ब्रेन ट्यूमर कोई दुर्लभ रोग नहीं है। आज संसार में मौत के कारणों में एक प्रतिशत ब्रेन ट्यूमर ही है। इसके दो भेद किए जा सकते हैं – घातक (Malignant) और निरूपद्रव (Benign).
1) घातक ट्यूमर –
प्रारंभिक घातक ट्यूमर मस्तिष्क के अंदर उसके स्नायु तंतु में होते हैं। इन्हें Glioma कहते हैं। यह ट्यूमर 10 से 20 वर्ष की आयु में लघु मस्तिष्क में अधिक होते हैं।
दूसरा बाल्यावस्था में लघु मस्तिष्क के कोशिकाओं की अति वृद्धि के कारण होता है, जो पहले की अपेक्षा कम होता है। ट्यूमर के ये दोनों प्रकार शीघ्र फैलते हैं और घातक हो जाते हैं।
2) निरूपद्रवी (Benign) या उपद्रव रहित ट्यूमर –
यह ट्यूमर मस्तिष्क के अंदर होकर उसके पृष्ठभाग पर होते हैं। युवावस्था (20 से 45 वर्ष) में होनेवाले इस प्रकार के ट्यूमर की वृद्धि बहुत धीरे-धीरे होती है। इसलिए इनके कारण विशेषकर स्थानिक लक्षण उत्पन्न होते हैं और वे भी क्रमशः बढ़ते हैं, सहसा नहीं। वे बढ़कर ऊपर की मस्तिष्क अस्थियों में भी फैल जाते हैं, जिससे वह (अस्थि) उस स्थान पर मोटी हो जाती है। इस ट्यूमर के कारण फिट्स (Fits) होने का लक्षण होता है।
मस्तिष्क ट्यूमर का निदान (Diagnosis of Brain Tumor in Hindi)
यद्यपि इस रोग का निदान रोग के लक्षण और परीक्षण से ही कुछ हद तक हो जाता है, परंतु परीक्षण के बाद विशेष प्रकार की जाँच जैसे –
- सिर का एक्स-रे,
- कैट स्कैन,
- सीटी स्कैन,
- रीढ़ की हड्डी से पानी की जाँच आदि से रोग की पुष्टि हो जाती है।
वर्तमान समय में इस रोग का प्रारंभिक अवस्था में निदान करना बहुत ही आसान हो गया है। स्वास्थ्य के लिए ब्रेन ट्यूमर का समय पर निदान करना अत्यंत आवश्यक होता है, अन्यथा यह गंभीर होकर खतरनाक रूप धारण कर सकता है।
निदान होने पर ब्रेन ट्यूमर का उपचार प्रभावित हिस्सा, रोग की भिन्नता तथा रोग की स्थिति पर निर्भर करता है। शुरुआती अवस्था में इसका निदान हो जाने पर उपचार आसान होता है। अतः सिरदर्द किसी भी प्रकार का हो, हर व्यक्ति को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए और निदान द्वारा शंका-समाधान कर लेना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण (Symptoms of Brain Tumor in Hindi)
ब्रेन ट्यूमर रोग में मस्तिष्क पर विशेष दबाव पड़ता है, जिससे दो प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं – स्थानिक और व्यापक या सामान्य ।
स्थानिक लक्षण –
- मस्तिष्क का आगे के खंड का पहला हिस्सा बुद्धि, स्मृति, ध्यान, विवेक, आवेश, भाषण आदि मानसिक गुणों का स्थान है। इस हिस्से में ट्यूमर विशेष होता है और उसका दुष्प्रभाव दोनों ओर हो तो मनुष्य की सामान्य समझ खत्म हो जाती है। उसका स्वभाव या व्यक्तित्व बदल जाता है। वह भावहीन, बुद्धिहीन और मूर्खतापूर्ण व्यवहार करने लगता है।
- ट्यूमर के कारण गंधनाड़ी के दब जाने से गंधनाश हो जाता है।
- मस्तिष्क के अग्रिम खंड के पश्चिम भाग में ट्यूमर होने पर फिट्स का लक्षण होता है।
- ब्रेन ट्यूमर से व्यक्ति पक्षाघात का भी शिकार हो सकता है।
- शरीर में चैतन्यता की असमानता,
- किसी विषय पर बार-बार सोचने के लिए बल का प्रयोग करना,
- दृष्टि में बदलाव,
- चलने, स्पर्श, सुनने आदि की क्रियाओं में परिवर्तन के लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
- मस्तिष्क अथवा इससे संबंधित क्रियाओं में अचानक परिवर्तन आ जाता है।
सामान्य लक्षण –
1) सिरदर्द – ब्रेन ट्यूमर के सामान्य लक्षणों में सिरदर्द प्रमुख है, जो प्रायः प्रातःकाल बहुत तेज़ होता है और जैसे-जैसे दिन चढ़ता है सिरदर्द कम होने लगता है। यह दर्द प्रायः सिर के सामने अथवा पीछे की ओर अधिक होता है। इस दर्द के प्रारंभ में साधारण दर्द निवारक औषधियों से तो आराम मिल जाता है परंतु धीरे-धीरे इन औषधियों का प्रभाव भी क्षीण होता जाता है और दूसरी ओर सिरदर्द की तीव्रता बढ़ती जाती है।
यह सिरदर्द रात को लेटने के बाद उठने पर, प्रातःकाल उठने पर या किसी समय भी लेटने के बाद उठने पर, नीचे झुकने पर, जोर लगाने, खाँसने, छींकने पर बढ़ जाता है। शुरू में यह दर्द हर समय नहीं रहता। रात को हो सकता है, जिससे नींद टूट जाती है। बाद में कुछ न कुछ दर्द हर समय बना रहता है। ब्रेन ट्यूमर के 90 प्रतिशत रोगियों में सिरदर्द का लक्षण पाया जाता है। लेकिन धीरे-धीरे बढ़नेवाले ट्यूमर में यह लक्षण विशेष नहीं होता।
2) वमन – ट्यूमर के कारण मस्तिष्क का आंतरिक भार बढ़ जाने पर वमन केंद्र विक्षुब्ध हो जाता है। परिणामस्वरूप रोगी बिना किसी अरुचि या अजीर्ण के ही सहसा वमन करने लगता है। यह वमन सुबह के वक्त विशेष होती है। सिर पर किसी प्रकार का आघात या ज्वर होने पर वमन का लक्षण प्रकट होता है। ट्यूमर के दो तिहाई रोगियों में यह लक्षण होता है।
3) आक्षेप (Convulsions) – मस्तिष्क के ऊपरवाले खंड में ट्यूमर होने पर उसके विक्षोभ से मिर्गी-सदृश्य लक्षण अकसर दिखाई पड़ता है। यदि किसी में इस प्रकार का लक्षण 25 वर्ष की आयु के बाद पहली बार दिखाई पड़े तो ब्रेन ट्यूमर होने का संदेह करना चाहिए।
4) मंदता और मूर्छा – ट्यूमर के शुरुआत में उन्निद्रता का लक्षण होता है पर उसके पुराने हो जाने पर जागरूकता घटती जाती है तथा तंद्रालुता बढ़ती जाती है, जो बाद में चलकर मूर्छा (Coma) में बदल जाती है। ट्यूमर के कारण मस्तिष्क का आंतरिक भार बढ़ जाने पर नाड़ी गति मंद हो जाती है, बी.पी. बढ़ जाता है और श्वास गति भी मंद हो जाती है।
इनके अतिरिक्त ब्रेन ट्यूमर के कारण ध्यान शक्ति, स्मृतिशक्ति, निर्णय करने की शक्ति कम हो जाती है।
ब्रेन ट्यूमर का उपचार (Treatment of Brain Tumor in Hindi)
ब्रेन ट्यूमर का निदान हो जाने के बाद इसका उपचार तुरंत कराना चाहिए । शल्य चिकित्सा, रेडियो थेरपी तथा औषधि चिकित्सा इस रोग के उपचार के लिए प्रभावशाली सिद्ध हुए हैं। इन विधियों में से अकेले किसी एक से या किन्हीं दो से अथवा तीनों विधियों से रोग की स्थिति के अनुसार उपचार किया जाता है।