पंचमहायज्ञ क्यों ?धर्मशास्त्रों ने हर एक गृहस्थ को प्रतिदिन पंचमहायज्ञ करना आवश्यक कर्तव्य कहा है। इस संबंध में मनुस्मृति में मनु ने कहा है'अध्यापनं ब्रह्म यज्ञः पित्र यज्ञस्तु तर्पणं |होमोदैवो बलिर्भौतो न्रयज्ञो अतिथि पूजनं || -मनुस्मृति 3/70अर्थात् … [Read more...] about पंचमहायज्ञ क्या है ? इसकी विधि और महत्त्व | Panch Maha Yagna
Adhyatma Vigyan
सूर्य उपासना का महापर्व मकर संक्रांति | Makar Sankranti in Hindi
मकर संक्रांन्ति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में समस्त भारत में मनाया जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है, जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। इस त्योहार का संबंध प्रकृति, ऋतु परिवर्तन और … [Read more...] about सूर्य उपासना का महापर्व मकर संक्रांति | Makar Sankranti in Hindi
यज्ञ में स्वाहा क्यों बोला जाता है ? स्वाहा शब्द का अर्थ ?
याज्ञ में आहुति के साथ स्वाहा बोलने की परंपरा क्यों ? मत्स्यपुराण में यज्ञ के संबंध में कहा गया है कि जिस कर्म विशेष में देवता, हवनीय द्रव्य, वेद मंत्र, ऋत्विक एवं दक्षिणा-इन पांच उपादानों का संयोग हो, उसे यज्ञ कहा जाता है। परमार्थ प्रयोजनों के … [Read more...] about यज्ञ में स्वाहा क्यों बोला जाता है ? स्वाहा शब्द का अर्थ ?
धार्मिक कार्यों में शंख बजाने की परंपरा क्यों ?
शंख क्यों बजाया जाता है ? पूजा-पाठ, उत्सव, हवन, विजयोत्सव, आगमन, विवाह, राज्याभिषेक आदि शुभ कार्यों में शंख बजाना शुभ और अनिवार्य माना जाता है। मंदिरों में सुबह और शाम के समय आरती में शंख बजाने का विधान है। शंखनाद के बिना पूजा-अर्चना अधूरी मानी … [Read more...] about धार्मिक कार्यों में शंख बजाने की परंपरा क्यों ?
मूर्ति पूजा का महत्व और उसके पीछे छुपा मनोवैज्ञानिक रहस्य |
मूर्ति पूजा की सार्थकता क्यों ? मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि आस्था एवं भावना को उभारने के लिए व्यक्ति को मूर्ति (चित्र) प्रतीक के लिए चाहिए। आराध्य की मूर्ति की पूजा करके मनुष्य उसके साथ मनोवैज्ञानिक संबंध स्थापित करता है। साधक जब तक मन को वश में … [Read more...] about मूर्ति पूजा का महत्व और उसके पीछे छुपा मनोवैज्ञानिक रहस्य |
हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवताओं का रहस्य |
गुण, कर्म, स्वभाव में उत्कृष्ट, दिव्य स्वरूप और इच्छित फल देने की सामर्थ्य जिसके पास हैं, उसे देवता कहते हैं। कहा जाता है कि हिंदू धर्म में अनगिनत देवी-देवता हैं। बृहदारण्यक उपनिषद् के तीसरे अध्याय में याज्ञवल्क्य ने कहा है कि वास्तव में तो देव 33 ही … [Read more...] about हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवताओं का रहस्य |
पीपल पूजन का महत्व और उसके लाभ | Peepal Puja Ka Mahatva
पीपल का पूजन क्यों किया जाता है ? तैत्तिरिय संहिता में प्रकृति के पावन वृक्षों में पीपल की गणना है और ब्रह्मवैवर्त में पीपल की पवित्रता के संदर्भ में काफी उल्लेख है पद्मपुराण के अनुसार पीपल का बृक्ष भगवान विष्णु का रुप है , इसलिए इसे धार्मिक … [Read more...] about पीपल पूजन का महत्व और उसके लाभ | Peepal Puja Ka Mahatva
शास्त्रों में सगोत्र विवाह करना वर्जित क्यों?
एक ही गोत्र में शादी की मनाही क्यों ? हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विवाह अपने कुल में नहीं, बल्कि कुल के बाहर होना चाहिए। एक गोत्र में (सगोत्री) विवाह न हो सके, इसीलिए विवाह से पहले गोत्र पूछने की प्रथा आज भी प्रचलित है। शास्त्रों में अपने … [Read more...] about शास्त्रों में सगोत्र विवाह करना वर्जित क्यों?
सरस्वती को ही ज्ञान की देवी क्यों माना जाता है ?
मां सरस्वती विद्या, संगीत और बुद्धि की देवी मानी गई हैं। देवीपुराण में सरस्वती को सावित्री, गायत्री, सती, लक्ष्मी और अंबिका नाम से संबोधित किया गया है। प्राचीन ग्रंथों में इन्हें वाग्देवी, वाणी, शारदा, भारती, वीणापाणि, विद्याधरी, सर्वमंगला आदि नामों … [Read more...] about सरस्वती को ही ज्ञान की देवी क्यों माना जाता है ?
हिंदू धर्म में संस्कारों का महत्त्व क्यों ?
भारतीय संस्कृति का मूलभूत उद्देश्य श्रेष्ठ संस्कारवान मानव का निर्माण करना है। सामाजिक दृष्टि से सुख-समृद्धि और भौतिक ऐश्वर्य आवश्यक है, किंतु मनुष्य जीवन केवल खाने-पीने और मौज मस्ती करने के लिए ही नहीं है। हमारे ऋषियों ने भौतिक उन्नति को गौण और … [Read more...] about हिंदू धर्म में संस्कारों का महत्त्व क्यों ?