Last Updated on December 10, 2019 by admin
आंखों की देखभाल का महत्व
आंखें शरीर का अमूल्य अंग हैं जिनका महत्व वही समझ सकता है जिसके पास आंखें न हों । हमें इतने महत्वपूर्ण अंग की उचित सेवा सम्भाल करना ही चाहिए। अगर आंखें कमजोर हो रही हों तो समझें कि हम अन्धत्व की ओर बढ़ रहे हैं। आंखों की शक्ति कम होने का मतलब हुआ, शरीर में कमजोरी आना और कमज़ोरी कोई भी हो वह पेट के खराब रहने से ही आती है।
पेट शरीर का पावर हाउस है और दिमाग आफिस यानी कार्यालय है । स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी है कि यह पावर हाउस ठीक से काम करता रहे ताकि उर्जा बनाता रहे और दिमाग ठीक रहे ताकि उर्जा का सही उपयोग करता रहे। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पेट का साफ रहना बहुत ज़रूरी है।
आंखों की कमजोरी दूर करने के लिए उचित प्रयत्न करने ही होंगे।हम प्रयत्न करते भी हैं तो यह कि चश्मा लगा लेते हैं। देखने की शक्ति तो आत्मा से आती है और प्रभु-कृपा से आती है बाक़ी चश्मा तो निर्जीव है, जड़ पदार्थ है। आत्मा की मौजूदगी के कारण आंखें देखने की क्षमता रखती हैं, चश्मा तो सिर्फ फोकस ठीक कर देता है । यदि हम आंखों की ज्योति बढ़ाने के उपाय न करें तो चश्मे का नम्बर ही बढ़ेगा, आंखों की ज्योति नहीं बढ़ेगी।
जिन्हें चश्मा चढ़ा हुआ है उनके लिए चश्में से छुटकारा पाने के कई तरीके हैं, जिनका उपयोग कर वे अपनी आंखों को स्वस्थ्य रख सकते हैं।
चश्मा उतारने के घरेलू उपाय : Chashma Hatane ka Upay in Hindi
आंतों की शुद्धि बढ़ाती है आँखों की रोशनी
जैसे पेड़ को हरा भरा रखना हो तो पत्ते पत्ते और डाल-डाल पर पानी न डाल कर जड़ में पानी डाला जाता है इसी तरह यदि अंग प्रत्यंगों को हरा भरा यानी स्वस्थ रखना हो तो शरीर की जड़ पेट को स्वस्थ रखना होगा। शरीर रूपी कार में मिलावट रहित शुद्ध पेट्रोल डालना होगा और शरीर का शुद्धिकरण व सेवा कार्य (बाडी सर्विसिंग) करना होगा। इसके लिए सुपाच्य हलका और पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना पथ्य आहार है ताकि कब्ज न हो।
कब्ज कई रोग पैदा करने वाली जड़ है। कब्ज आज की ही नहीं, बहुत पुरानी भी हो सकती है और आज अधिकांश स्त्री-पुरुष कब्ज़ के रोगी पाये जा रहे हैं। पुरानी कब्ज के प्रभाव से मल सूख-सूख कर मलाशय व आंतों में चिपक जाता है और गैस बनाता रहता है। धीरे-धीरे आंतों से मल को हटाने के उपाय धैर्य पूर्वक करते रहना चाहिए क्योंकि मल सड़ता रहता है, गैस बनाता रहता है, कीटाणु पैदा करता रहता है और रक्त को अशुद्ध कर,रक्तसंचार के माध्यम से पूरे शरीर कोरुग्णव कमजोर कर देता है । पेट साफ रखने के लिए निम्नांकित उपाय नियमित रूप से करना चाहिए।
पेट की सफाई के लिए करे यह उपाय –
सोते समय, तांबे के एक बड़े लोटे में 4 गिलास पानी भर कर टेबल पर या लकड़ी के पाटे पर रख दें। सुबह जल्दी उठ कर कागासन में (पैर के तलुओं के बल) बैठ कर यह पानी एक सांस में पी जाएं। हर यूंट के साथ मन ही मन ओम बोलते रहें। शीतकाल में कुनकुना गर्म पानी पिएं । यह 4 गिलास पानी दबाव बनाता है जो लम्बे समय से आंतों में चिपके हुए मल को गलाता है और धक्का मार कर मल को बाहर करता है। धीरे-धीरे आंतें शुद्ध साफ और मल रहित हो जाती हैं जिससे पेट निरोग और चंगा हो जाता है। पेट सही तो पूरा शरीर सही, आंख कान और दिल दिमाग सही यानी पूरा शरीर स्वस्थ और सशक्त रहता है। सारे रोग दूर रहते हैं क्योंकि पेट के खराब रहने से ही कई रोग पैदा होते हैं।
( और पढ़े – कब्ज दूर करने के 41 आसान उपाय )
चश्मा हटाने में आंवला का उपयोग फायदेमंद
आंवला आंखों के लिए बढ़िया टॉनिक है। सिर्फ आंखों के ही लिए नहीं बल्कि पूरे शरीर के लिए टॉनिक का काम करता है। रात को एक मुट्ठी भर सूखे आंवले पानी से धोकर साफ़ करके दो गिलास ठण्डे पानी में डाल कर रख दें। सुबह शीतकाल हो तो थोड़ा गर्म करके मसल कर छान लें। एक चुटकी साबुत मेथी दाना मुंह में रख कर, आधा पानी पी लें और शेष पानी ठण्डा करके आंखों को धोएं। इस पानी से सिर के बाल भी धो सकते हैं। अन्य ऋतुओं में पानी गर्म न करें।
इस प्रयोग से आंखो की कमज़ोरी दूर होती है, आंखें सुन्दर व चमकीली रहती हैं। इस पानी के नियमित सेवन से कब्ज नाशक दवा या किसी साबुन से बालों को धोने की जरूरत नहीं पड़ती। पानी छनने के बाद बचे हुए आंवले की सब्जी बना कर खा सकते हैं। चाहें तो इसे सुखा कर, इसमें नमक मिला कर गुटका सुपारी की जगह खाएं। इसके साथ ही गोमूत्र से आंखें धोने से भी नेत्र ज्योति बढ़ती है।
( और पढ़े – आंवला खाने के फायदे और नुकसान )
आंखों की कमजोरी दूर करेने के लिए ,आंखों का व्यायाम
पलकों को बार-बार झपकाते रहना चाहिए। घूर कर देखना और देर तक पलकें न झपकाना आंखों की शक्ति और सुन्दरता को नष्ट करता है। इससे आंखों की तरलता नष्ट होती है, आंखें सूखी-सूखी और तीखी हो जाती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए पलकें स्वाभाविक रूप से झपकाते रहना चाहिए। इससे आंखों की रोशनी बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
( और पढ़े – आंखों की रोशनी बढ़ाने के 44 उपाय )
आंखों का चश्मा हटाने के लिए लाभदायक योग क्रियाएं
एक आंख पर हथेली रख लें और निम्नलिखित क्रियाओं का अभ्यास करें फिर दूसरी आंख पर दूसरी हथेली रख कर यही क्रियाएं दोहराएं। आंखों की पुतलियों को दायें – बायें, ऊपर नीचे और गोलाई में पहिले घड़ी की कांटों की दिशा में फिर उलटी दिशा में घुमाएं। हर बार गिनगिन कर घुमाएं और घुमाने की प्रत्येक क्रिया बराबर-बराबर बार करें यानी घुमाएं। इस क्रिया के बाद दाहिने हाथ की पहली अंगुली खड़ी करके नाक के सामने करें और इस पर नजर जमाएं, फिर धीरे-धीरे हाथ लम्बा करते हुए अंगुली को दूर ले जाएं, नज़र अंगुली पर जमाए रखें फिर अंगुली पास लाएं। ऐसा 4-5 बार करें। इससे आंखों की कमजोरी दूर हो जाएगी।
( और पढ़े – आँखों की रोशनी बढ़ाये जलनेति जानिये इसके फायदे और योग विधि )
हथेली घर्षण चश्मे का नंबर कम करने में करता है मदद
दोनों हथलियों को मिला कर इतनी बार रगड़ें कि हथेलियां गर्म हो जाएं। हथेलियों को आंखों पर रख कर सेक करें एवं हलके से दबा कर गोल घुमा कर आंखों की मसाज करें। हलका सा दबाव डालें व छोड़ें।इस्से जीवन भर नेत्र ज्योति बनी रहती है।
आँखों की रौशनी तेज करने में जल पट्टी का प्रयोग
आंखों व गर्दन के चारों तरफ तथा पेट पर ठण्डे पानी की पट्टी लपेट कर 15-20 मिनिट लेटना। बीच बीच में पट्टी को पलटना या पानी में भिगो कर रखना । इस्से देखने की क्षमता बढ़ती है।
चश्मा उतारने में लाभदायक है – सूर्य चिकित्सा
उगते सूर्य की तरफ मुंह करके थोड़ी देर सूर्य की किरणों को बंद आंखों पर डालना।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में लाभकारी है मौसमी फलों का सेवन
निश्चित समय पर दोनों वक्त भोजन करना, खूब चबा चबा कर खाना, सादा, सुपाच्य व ताजा भोजन करना, सुबह शाम दोनों वक्त शौच के लिए जाना और क़ब्ज़ न होने देना, मौसमी फलों का सेवन करना। इससे आँखों की रौशनी तेज होती है और आंखों से चश्मा भी उतर जाता है ।
आँखों की कमजोरी दूर करने वाला लाभदायक प्रयोग
सुबह मुंह धोते समय मुंह में ठण्डा पानी भर कर दोनों आंखें बन्द करके 15-20 बार पानी के छीटे मारना। यह आँखों की रौशनी तेज करने का बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय है।
हरी दूब पर चलने से बढ़ती है देखने की क्षमता
प्रातः सूर्योदय के समय नंगे पैर हरी दूब पर टहलना,पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश व चांदनी रात में चन्द्रमा को थोड़ी देर तक देखते रहना , इन उपायों को कुछ दिनों तक करते रहने पर चश्मे का नंबर कम हो जाता है।
आँखों की रोशनी की रक्षा के लिए कुछ सावधानियां :
इतने उपाय करते हुए कुछ सावधानियों का पालन भी नेत्र रक्षा के लिए करना चाहिए जैसे –
- टीवी को एक टक न देखना, 2-3 घण्टे से ज्यादा लगातार न देखना और कम से कम 10 फिट की दूरी से देखना।
- मन को एकाग्र कर नासिका के अग्रभाग पर नजरें जमा कर देखना।
- रात को सोते समय पैरों के तलुओं को गीले तौलिये से रगड़ते हुए पोंछना और तलुओं पर तेल की मालिश करना।
- कम रोशनी में लिखा पढ़ी न करना, बहुत बारीक काम लगातार घण्टों तक नहीं करना।
- अधिक मात्रा में निरन्तर खटाई न खाना आदि ।
इन नियमों का पालन करने से नेत्र ज्योति कमजोर नहीं होती और वद्धावस्था में भी देखने की क्षमता बनी रहती है। जिनकी नजर कमजोर हो चुकी हो और वे चश्मा लगाते हों उन्हें भी इस लेख में बताये गये नियम और उपायों पर अमल करना चाहिए। थोड़े समय बाद वे ऐसा अनुभव करेंगे कि उनकी नेत्र ज्योति बढ़ रही है और अब चश्मा लगाना जरूरी नहीं। यह मेरा स्वयं का भी अनुभव है ।