Last Updated on July 22, 2019 by admin
नवरात्रि के दिनों का अर्थ :
> नवरात्रिनवरात्रि के प्रथम तीन दिन होते हैं माँ काली की उपासना के होते हैं …….जिसमे अपने काले कर्मो की निवृति के लिए जप किया जाता है ।
> नवरात्रि के दूसरे ३ दिन लक्ष्मी की उपासना के होते है …….ताकि हम सफल सम्पदा के अधिकारी बनें ।
> आखिरी ३ दिन सरस्वती की उपासना के होते हैं ………ताकि हमारे जीवन में प्रज्ञा ज्ञान का अर्जन हो । उसके लिए सारस्वत्य मंत्र का जप और सूर्य नारायण का ध्यान करना चाहिये ।
१) आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य हेतु नवरात्रियों की सप्तमी तिथि का विशेष प्रयोग :
नवरात्रियों के दिनों में जप, सुमिरन विशेष किया जाता है | और वृत्तोत्सव ग्रंथ के अनुसार और भविष्यपुराण में आता है कि, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को बताये गये मन्त्र का जप करें |
मंत्र इस प्रकार है – ॐ धात्रेय नम:
इस मंत्र से भगवान का पूजन, सूर्यनारायण को अर्घ्य देने से आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य की विशेष वृद्धि होती है |
२) धन ऐस्वर्य और समृद्धि के लिए नवरात्रि में करे इस विशेष मन्त्र का जाप :
नवरात्रि के दिनों में ‘ ॐ श्रीं ॐ ‘ का जप करें ।
३) विद्या ,यादशक्ति और मेधा शक्ति को बढ़ाने वाला विद्यार्थी के लिए नवरात्री का विशेष प्रयोग :
नवरात्रि के दिनों में खीर की २१ या ५१ आहुति गायत्री मंत्र बोलते हुए दें । इससे विद्यार्थी को बड़ा लाभ होगा।
गायत्री मंत्र :ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
नोट :
यदि कोई पूरे नवरात्रि के उपवास-व्रत न कर सकता हो तो सप्तमी, अष्टमी और नवमी तीन दिन उपवास करके देवी की पूजा करने से वह सम्पूर्ण नवरात्रि के उपवास के फल को प्राप्त करता है।
जिन पुरुषों का विवाह नहीं हो रहा हो या उसमे बाधा आरही हो उन्हें श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार नित्य जप करना चाहिए ।
“क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।”
इसके अलावा प्रत्येक गुरूवार को बरगद , पीपल या केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है|
Mantra for males for marriage, zodiac sign – cancer, date of birth – 22.07.1991
Saraswatya mantra ke rishi, chhand, devi, veej, shakti, keelak kya hai