Last Updated on January 18, 2024 by admin
अच्छी और गहरी नींद के लिए : Achi Neend Ke Liye Kya Kare
आयुर्वेद के अनुसार जिन व्यक्तियों को रात में गहरी नींद आती है तथा वह सुबह के समय 4 बजे अपना बिस्तर छोड़ देते हैं तो इससे उनके शरीर की सभी धातुएं साम्यावस्था में रहती हैं। उन्हें किसी भी प्रकार का आलस्य नहीं होता है तथा उनका शरीर हृष्ट-पुष्ट रहता है। इससे उनके शरीर की सुन्दरता बढ़ती है, उत्साह बढ़ता है तथा उनकी जठराग्नि प्रदीप्त होती है और उन्हें भूख खुलकर लगती है।
यदि हम केवल कार्य ही करते रहें और नींद न लें तो एक समय ऐसा आएगा कि हम शारीरिक और मानसिक रूप से किसी भी कार्य को करने के अयोग्य हो जाएंगे। ऐसी दशा में या तो हम पागल हो जाएंगे अथवा मर जाएंगे। महिलाएं अपने बच्चों के सो जाने पर जगाकर दूध और भोजन इसलिए कराती हैं कि उनके बच्चे भूखे सो गये हैं। लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम होता है कि उनके भूख और भोजन से भी अधिक लाभकारी निद्रा होती है। इसी प्रकार छात्र-छात्राएं विभिन्न तरीकों से अपनी नींद को त्यागकर रात भर अध्ययन करते रहते हैं। ऐसा करने से उन विद्यार्थियों की आंखें दुर्बल हो जाती हैं और उनका मस्तिष्क भी कुंठित हो जाता है। इससे उनका प्राकृतिक स्वास्थ्य नष्ट हो जाता है। नींद के सम्बन्ध में एक कहावत प्रसिद्ध है कि वे व्यक्ति बहुत कुछ कर सकते हैं जो खूब अच्छी प्रकार से सोना जानते हैं।
गहरी नींद लाने के सरल उपाय : Gehri Nind Aane ke Upay
achi neend ke liye kya khaye
1. नियमित रूप से व्यायाम करने से भी हमें गहरी नींद आती है जो कि हमारे शरीर के लिए अधिक उपयोगी होती है।
2. जो व्यक्ति अधिक परिश्रम करते हैं उन्हें हमेशा गहरी नींद आती है जबकि आलसी और निठल्ले व्यक्तियों को नींद नहीं आती है और वे रातभर करवटे बदलते रहते हैं।
3. हमें प्रतिदिन प्रसन्न और शांत मन से सोना चाहिए। इससे हमें गहरी नींद आती है।
4. हमें सूर्यास्त होने से पहले ही रात्रि का भोजन कर लेना चाहिए ताकि सोने से पहले हमारा भोजन पूर्णरूप से पच चुका हो। इस प्रकार का
नियम रखने से हमें गहरी नींद आती है। बिलकुल खाली पेट और अधिक पेट भरा होने पर अच्छी नींद नहीं आती है। सोने से पहले दूध पीने से भी अच्छी नींद आती है।
5. गहरी नींद के लिए प्रतिदिन हमें शौच के बाद ठंडे पानी से अपने गुप्तांगों, हाथ-पैरों और मुंह को धोकर सोना चाहिए।
6. हमारे सोने की जगह शांत-स्वच्छ और हवादार होनी चाहिए तथा बिस्तर भी साफ-सुथरा होना चाहिए। शांत और अंधेरे स्थान में सोने से भी गहरी नींद आती है।
7. सोते समय मनुष्य की स्थिति का उसके स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है वैसे तो जिस व्यक्ति को जिस करवट सोना अच्छा लगता है उसे उसी करवट ही सोना चाहिए। किंतु प्रायः चित्त होकर सोने से नींद में स्वप्न अधिक आते हैं। छाती पर हाथों को रखकर उत्तान सोना तो बिल्कुल ही खराब है। बाईं करवट सोना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इससे श्वासनली सीधी रहती है और शरीर में प्राणवायु का संचार बिना किसी रोक-टोक के होता रहता है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि शरीर के बाईं ओर की नाड़ी को इड़ा तथा दाहिनी ओर की नाड़ी को पिंगला कहते हैं। इड़ा नाड़ी में चन्द्रमा की तथा पिंगला नाड़ी से सूर्य की शक्ति प्राप्त होती है। इस प्रकार चन्द्रमा की ठंडक के साथ सूर्य की गर्मी मिलने से मनुष्य प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रहता है। यही कारण है कि बाईं करवट सोने वाले व्यक्ति काफी लम्बी उम्र वाले होते हैं। फिर भी जिन्हें हृदय सम्बंधी रोग हो तो उन्हें बाईं ओर की करवट न सोकर दाहिनी ओर की करवट लेकर सोना ही अधिक लाभकारी होता है।
8. क्रोध, घृणा, प्रेम, चिंता, अधिक भोजन, अधिक परिश्रम, रोग, भय, चाय, जर्दा, काफी, शोरगुल तथा सोने के कमरे में तेज रोशनी होने से नींद कम आती है। जहां तक हो सके हमें इससे बचना चाहिए।
9. बिस्तर पर लेटने के बाद कंघी से बालों को धीरे-धीरे संवारने से जल्द और गहरी नींद आती है।
10. हमें प्रतिदिन अपने मन को एकाग्रचित रखने के बाद ही सोना चाहिए। ऐसा करने हमें बहुत अच्छी नींद आती है। सोने से पहले हमें कुछ देर तक अवश्य टहलना चाहिए। इस दौरान हमें मस्तिष्क पर बिल्कुल भी जोर नहीं देना चाहिए।
11. नींद लेने के लिए हमें भूलकर भी नींद की गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि नींद की गोलियों का हमारे शरीर पर घातक प्रभाव होता है।
12. सोने से पहले मंत्र “सोऽहम्´´ का जाप करने से भी अच्छी नींद आती है। इससे 10 मिनट के अन्दर ही नींद आ जाती है। इस मंत्र के उच्चारण के लिए सांस लेते समय “सो´´ और सांस को बाहर निकालते समय “हम“ कहना चाहिए।
13. बूढ़े व्यक्तियों को 24 घंटों में केवल एक बार भोजन करने से उन्हें अच्छी नींद आती है।
14. सोते समय सिर को ऊंचा और बाकी धड़ को नीचा रखना चाहिए। इससे गहरी और अच्छी नींद आती है। सिर को ऊंचा रखने के लिए सिर के नीचे तकिया रखना चाहिए।
15. सोने से पहले अपने दोनों पैरों को 5-10 मिनट तक हल्के गर्म पानी में रखते हैं। इससे मस्तिष्क में एकत्रित रक्त पैरों की तरफ उतर आएगा क्योंकि मस्तिष्क में अधिक रक्त होने के कारण गहरी नींद नहीं आती है। ऐसा करने से हमारा मस्तिष्क ठंडा हो जाता है जिससे अच्छी नींद आती है।
16. ठंडे पानी से स्नान करने के बाद गर्म कपडे़ पहनकर सोने से भी अच्छी नींद आती है।सोते समय हमें हल्के कपड़े पहनने चाहिए।
17. सोते समय दक्षिण या पूर्व की ओर सिर करके ही सोना चाहिए | (इसे भी पढ़े :नींद न आने की बीमारी से हमेसा के लिए छुटकारा देगा यह 5 मिनट का चमत्कारिक प्रयोग )
नींद लेने का निर्धारित समय :
आमतौर पर प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को 7-8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। जिस प्रकार प्रत्येक प्राणी के लिए भोजन की मात्रा निर्धारित करना आसान नहीं होता है उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति के लिए नींद का निश्चित समय निर्धारित करना मुश्किल नहीं होता है। आमतौर पर देखा जाता है कि कुछ व्यक्तियों की नींद बहुत जल्द ही पूरी हो जाती है तो कुछ व्यक्ति पूरी रात सोते हैं परन्तु इसके बावजूद भी उनकी नींद पूरी नहीं होती है।
नवजात शिशु प्राकृतिक रूप से अधिक सोता है। इसका कारण यह होता है कि उसे अपने शरीर की वृद्धि और विकास के लिए अधिक नींद की आवश्यकता होती है। नवजात शिशु कम से कम 15-16 घंटे प्रतिदिन सोता है। वृद्धों, रोगियों, प्रसूता महिलाओं और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को सामान्य लोगों की तुलना में अधिक नींद की आवश्यकता होती है। महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक नींद की आवश्यकता होती है तथा गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक नींद लाभदायक होती है।
अधिक नींद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक:
आवश्यकता से अधिक नींद लेना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। अधिक सोने से उम्र घटती है। इसी प्रकार नींद पूरी किये बिना ही उठ जाना रोगों का कारण होता है। अधिक नींद लेने से हमारे शरीर में भारीपन आता है और शरीर में मोटापा बढ़ता है और आलस्य और सुस्ती भी आती है। हमें सोने के लिए अधिक समय पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि गहरी नींद के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि 4 घंटे की गहरी नींद 8 घंटे की स्वप्नयुक्त नींद से अच्छी होती है।
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