Last Updated on November 19, 2019 by admin
गर्भपात से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय : garbhpat(miscarriage) rokne ke upay
1. शिवलिंगी के बीज: shivlingi beej se garbha raksha ke upay
★ एक सुच्चा मोती, सोने का भस्म, शिवलिंगी के 5 बीज, भांग के 5 दाने स्त्री को गर्भाधान के बाद 60 से 64 इन पांच दिनों में किसी भी एक दिन बछड़े वाली गाय या काली बकरी के 250 मिलीलीटर कच्चे दूध से सुबह को निराहार (बिना कुछ खाए-पिए) देना चाहिए। इससे गर्भपात(miscarriage) नहीं होता है और पुत्र उत्पन्न होता है।
★ शिवलिंगी के लगभग 27 बीज, बड़ की डाढ़ी लगभग 6 ग्राम गजकेसर 6 ग्राम को पीसकर 3 पुड़िया बना लें। माहवारी खत्म होने के बाद बछड़े वाली गाय या काली बकरी के कच्चे दूध में खीर बनाकर उसमें एक चम्मच घी और खाण्ड मिलाकर एक पुड़िया और शिवलिंगी के 5 साबूत बीज मिलाकर ऊपर से खीर का सेवन करते हैं। ऐसा तीन दिनों तक लगातार करना चाहिए। इससे गर्भ रहता है। लड़का हो तो जीवित भी रहता है।
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चांद के समान सुन्दर (गोरा)लड़का पैदा होने के लिए उपाय: Tips for healthy and fair baby in hindi
1. मोर का पंख: मोर के पंख की आगे की टिकुली को काटकर गुड़ में लपेटकर जब गर्भ दो महीने का हो, जब शुभ दिन आए और स्त्री का बांया स्वर चलता हो, खा लें, फिर बछड़े वाली गाय का दूध पी लें, फिर उस दिन कुछ न खायें, शाम को दूध, चावल खायें। इससे सुन्दर लड़के की प्राप्ति होती है।
2. बबूल: गोरी संतान पाने के उपाय – बबूल के पत्तों का 2-4 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन सुबह खिलाने से सुन्दर बालक का जन्म होगा।
3. गुलाब: लड़की को अपना मासिक-धर्म शुरू होने पर 3 दिन तक लगातार सुबह-शाम सफेद गुलाब के फूलों का गुलकंद बनाकर 125 ग्राम की मात्रा में खाने से और ऐसे ही लगातार 3 दिन में 750 ग्राम गुलकंद खाने से उसको होने वाली संतान सुंदर लड़के के रूप में होती है।
4. लौकी: Gora Bacha hone ke liye upay -जिन महिलाओं को लड़कियां ही होती हैं वे गर्भ ठहरने के दूसरे और तीसरे महीने में लौकी के बीज सहित मिश्री के साथ मिलाकर लगातार खायें तो लड़का पैदा होगा। गर्भावस्था के शुरुआत और आखिरी के महीने में 125 ग्राम कच्ची लौकी 70 ग्राम मिश्री के साथ रोजाना खाने से गर्भ में ठहरे बच्चे का रंग निखर जाता है।
विशेष : अच्युताय हरिओम सुवर्णप्राश टेबलेट (Achyutaya Hariom Suvarna Prash Tablet) सुवर्ण भस्म से पुष्य नक्षत्र में बनाई यह पुण्यदायी गोली आयु,शक्ति,मेधा,बुद्धि,कांति व जठराग्निवर्धक तथा ग्रहबाधा निवारक, उत्तम गर्भपोषक है ।गर्भवती स्त्री इसका सेवन करके निरोगी,तेजस्वी ,मेधावी संतती को जन्म दे सकती है ।
प्राप्ति-स्थान : सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों( Sant Shri Asaram Bapu Ji Ashram ) व श्री योग वेदांत सेवा समितियों के सेवाकेंद्र से इसे प्राप्त किया जा सकता है |