Last Updated on September 2, 2021 by admin
बालों का झड़ना काफी आम समस्या है। अगर आप अपने बालों को तेजी से बढ़ाना चाहतें हैं तो इस लेख में बताए गये आयुर्वेदिक तेलों में से किसी एक तेल को घर पर बनाकर लगाएं।
1). आंवला तेल :
अवश्यक सामग्री –
- आंवले का रस – 500 मि.ली
- तिल का तेल – 500 मि.ली
आंवले का तेल बनाने की विधि (Amla Tel Banane ki Vidhi)
amla tel kaise banaye
- ताजे आंवलों के 500 मि.ली. रस में काले तिल का तेल 500 मि.ली. मिलाएँ।
- इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही या कलईदार बर्तन में मंद-मंद आँच पर गरम करें।
- जब आंवलों का जलीय अंश वाष्प बनकर उड़ जाए और तेल-तेल बचा रहे, तब बरतन को नीचे उतारकर ठंडा होने दें।
- ठंडा होने के बाद इस तेल को छानकर बोतलों में रख लें।
आंवला तेल के लाभ (Amla Tel ke Fayde)
आंवला तेल की बालों की जड़ों में मालिश करने से बाल लंबे और काले होते हैं। ( और पढ़े – आंवला के गुण उपयोग फायदे और नुकसान )
2). भृंगराज तेल :
अवश्यक सामग्री (पहली विधि)-
- भाँगरे (भृंगराज) का स्वरस – 2 लीटर,
- ब्राह्मी स्वरस – आधा लीटर,
- आँवले का रस – आधा लीटर,
- तिल का तेल – 1 लीटर,
- हरड़, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, कचूर, लोध, मजीठ, बावची, बरियारा के फूल, चंदन, पद्माख, अनंतमूल, मंडूर, मेहंदी, प्रियंगु, मुलेठी, जटामांसी और कूठ, प्रत्येक 10-10 ग्राम ।
भृंगराज तेल बनाने की विधि (Bhringraj Tel Banane ki Vidhi)
bhringraj tel kaise banaye
- हरड़, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, कचूर, लोध, मजीठ, बावची, बरियारा के फूल, चंदन, पद्माख, अनंतमूल, मंडूर, मेहंदी, प्रियंगु, मुलेठी, जटामांसी और कूठ, प्रत्येक की 10-10 ग्राम की मात्रा लेकर इन्हें बारीक पीसकर चूर्ण बना लें।
- एक लीटर तिल का स्वच्छ तेल लेकर कड़ाही में गर्म करें।
- तेल गर्म हो जाने पर सभी पिसी कुटी औषधियों में थोड़ा स्वच्छ जल डाल कर मिला लें और थोड़ी-थोड़ी औषधि तेल में डालते जायें।
- औषधियों के तेल में अच्छी प्रकार भुन जाने पर कड़ाही में ऊपर से धीरे-धीरे आंवला, भृंगराज व ब्राह्मी के रस को छोड़ दें।
- तेल को उस समय तक पकायें जब तक कि तेल का जल भाग जल न जाये।
- जब केवल तेल शेष रह जाये तब उसे ठंडा कर के बारीक स्वच्छ कपड़े में छान कर बोतलों में भर लें।
भृंगराज तेल के लाभ (Bhringraj Tel ke Fayde)
भृंगराज तेल के नियमित इस्तेमाल से बालों का पकना, झड़ना तथा सिरदर्द आदि रोग अच्छे होते हैं। रोगी-निरोगी सबको सिर में लगाने के लिए यह तेल उत्तम है। ( और पढ़े – भृंगराज के औषधीय गुण और उपयोग )
अवश्यक सामग्री (दूसरी विधि) –
- भांगरा (भृंगराज)– 4 किलोग्राम रस,
- सफेद तिल का तेल – एक किलोग्राम,
- ब्राह्मी – 50 ग्राम,
- आंवला – 50 ग्राम,
- सफेद चन्दन – 20 ग्राम,
- नेत्रबाला – 10 ग्राम,
- छोटी इलायची – 10 ग्राम,
- तगर – 10 ग्राम
- पानडी – 20 ग्राम
भांगरे (भृंगराज) का तेल बनाने की दूसरी विधि –
- भांगरे की काले फूलवाली और काले डंठलवाली वनस्पति का 4 किलोग्राम रस निकालकर रख लें। फिर लोहे की कड़ाही या अन्य किसी बर्तन में एक किलोग्राम सफेद तिल का तेल डालकर गरम करें ।
- थोड़ा गरम होने पर जब धुआं निकलने लगे, तब ब्राह्मी और आंवला 50-50 ग्राम, सफेद चन्दन 20 ग्राम, नेत्रबाला 10 ग्राम, छोटी इलायची 10 ग्राम, तगर 10 ग्राम और पानडी 20 ग्राम का बारीक चूर्ण थोड़ा पानी मिलाकर गरम तेल में दूर से थोड़ा-थोड़ा करके डाल दें।
- इस प्रकार तेल में औषधि डाल देने के बाद थोड़ी देर तक तेल को उबलने दें।
- तत्पश्चात् उसमें चार गुना भृंगराज का रस धीरे-धीरे डाल दें।
- फिर तेज आंच पर पकाएं।
- जब पानी का भाग जल जाय, तब आंच मंदी कर देनी चाहिए।
- जब तेल में पका हुआ मसाला तेल से अलग हो जाय, तब उसे तैयार समझकर उतार लेना चाहिए।
- ठंडा होने पर छान लें और शीशी में भरकर रख लें।
3). ब्राह्मी आंवला तेल :
अवश्यक सामग्री –
- आंवले का रस – 1 लीटर,
- तिल का तेल – 1 लीटर,
- ब्राह्मी – 40 ग्राम,
- इलायची – 10 ग्राम,
- नागर मोथा – 10 ग्राम,
- कपूर काचरी – 10 ग्राम,
- अगर – 10 ग्राम,
- बाल छड़ – 10 ग्राम,
- खस – 20 ग्राम,
- चन्दन – 20 ग्राम,
ब्राह्मी आंवला तेल बनाने की विधि (Brahmi Amla Tel Banane ki Vidhi)
brahmi amla tel kaise banaye
- ताजे आंवलों के अभाव में एक किलो सूखे आंवले लेकर चार लीटर जल में चार-पांच दिन तक भिगोएं। इसके पश्चात् उबालें और जब आधा जल शेष रह जाये तब जल को छान कर स्वच्छ बर्तन में रख लें।
- अन्य सभी औषधियों को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें।
- एक लीटर तिल अथवा नारियल का स्वच्छ तेल ले कर कड़ाही में गर्म करें।
- तेल गर्म हो जाने पर सभी पिसी कुटी औषधियों में थोड़ा स्वच्छ जल डाल कर मिला लें और थोड़ी-थोड़ी औषधि तेल में डालती जायें।
- औषधियों के तेल में अच्छी प्रकार भुन जाने पर कड़ाही में ऊपर से धीरे-धीरे आंवले के रस को छोड़ दें।
- तेल को उस समय तक पकायें जब तक कि तेल का जल भाग जल न जाये।
- जब केवल तेल शेष रह जाये तब उसे ठंडा कर के बारीक स्वच्छ कपड़े में छान कर बोतलों में भर लें।
ब्राह्मी आंवला तेल के लाभ (Brahmi Amla Tel ke Fayde)
ब्राह्मी आंवला तेल केशों की रूक्षता, केशों के टूटने और सफेद होने से बचाने की गुणकारी औषधि है, लेकिन तेल का नियमित रूप से प्रयोग किया जाये। ( और पढ़े – ब्राह्मी के 26 चमत्कारिक औषधीय प्रयोग )
4). तिल तेल :
अवश्यक सामग्री –
- तिल का तेल – एक किलो
- नीबू – छना हुआ डेढ़ नीबू का रस
तिल तेल बनाने की विधि (Til Tel Banane ki Vidhi)
- एक किलो तिल का तेल कलईदार बरतन में डालकर धीमी आँच पर उबालें।
- गरम होकर उफनने लगे तो नीचे उतार लें।
- अब इस गरम तेल में डेढ़ नीबू का रस (छना हुआ) डाल दें। नीबू का रस डालने से तेल साफ होकर निथर जाएगा। तेल उफनकर बाहर आ सकता है, इसलिए बरतन के नीचे थाली वगैरह रख देनी चाहिए।
- तेल को दूसरे दिन निथरने पर छानकर रख दें तथा तीसरे दिन पुनः छान लें।
तिल तेल के लाभ (Til Tel ke Fayde)
तिल तेल के नियमित इस्तेमाल से बाल हमेशा काले बने रहते हैं। ( और पढ़े – तिल के 26 बेसकीमती स्वास्थ्य लाभ )
बालों में तेल लगाने की विधि (Balo me Tel Lagane ki Vidhi)
balo me tel kaise lagaye
खुशबूदार तेल या साबुन का इस्तेमाल बालों के लिए ठीक नहीं है। नारियल, तिली, आंवला अथवा आलिव आयल में से कोई भी तेल आप इस्तेमाल कर सकतें है। बालों में तेल लगाते समय तेल को बालों में पोतें नहीं, इस्से ज्यादा लाभ नहीं होता हैं, बल्कि इस्से कपड़ो पर दाग लगने का खतरा बढ जाता है । तेल जब भी लगाया जाए इसे बालों की जड़ों में लगाए ।
बालों को भली प्रकार सुखा लेने के बाद, किसी प्याली में तेल डाल लें। अब दोनों हाथों की उँगलियों को तेल में डुबोकर उन्हें बालों की जाड़ों पर धीरे-धीरे गोल घेरे में लगाए ।
इस प्रकार तेल लगाने से जड़ें मज़बूत होती हैं । तेल जड़ों में अवशोषित (जज़्ब) हो जाता है और साथ ही इस्से मस्तिष्क में खून का दौरा भी अच्छा होता है। दस मिनट इस प्रकार मालिश करने के पश्चात बालों को धीरे-धीरे खींचें, इससे उनका व्यायाम होगा। ( और पढ़े – बालों की देखभाल के घरेलू उपाय और नुस्खे )