Last Updated on January 10, 2023 by admin
गुदा पाक रोग क्या है ? :
इस रोग में गुदा द्वार या मल द्वार के चारों तरफ वृत्तकार में पूर्ण लाल हो जाता है जिससे गुदा के चारों ओर जलन और दर्द होता है।
गुदा पाक (गुदा के चारों ओर दर्द, जलन और लाल होना) रोग का इलाज :
1. नागकेसर (पीली नागकेसर) : नागकेसर (पीली नागकेसर) का चूर्ण लगभग आधा ग्राम से 1 ग्राम की मात्रा में मिश्री और मक्खन के साथ मिलाकर रोजाना खिलाएं। इसको खाने से गुदा द्वार की जलन (प्रदाह) दूर होती है।
2. तुम्बरु (तेजफल) : तुम्बरु का चूर्ण बनाकर लगभग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग प्रतिदिन सुबह और शाम बच्चों को खिलाने से गुदा पाक ठीक होता है।
3. कबीला (कमीला) : कबीला (कमीला) को पीसकर छानकर सरसों के तेल में मिलाकर रखें। इस मिश्रण को दर्द की जगह पर लगाने से गुदा पाक ठीक होता है।
4. सत्यानाशी (पीला धतूरा) : सत्यानाशी (पीला धतुरा) को पीसकर दूध या घी में मिलाकर गुदा पाक पर लगाने से मल द्वार के चारों तरफ की जलन दूर होती है।
5. तिल का तेल : तिल का तेल और नीम का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर गुदा पाक पर लगायें। इससे गुदा पाक की प्रदाह तथा जख्म मिट जाते हैं।
6. कायफल : कायफल का काढ़ा बनाकर बच्चे के गुदा को धोयें। कायफल का चूर्ण बनाकर गाय के घी या तिल के तेल में मिलाकर गुदा पर लगाएं। इससे गुदा पाक ठीक होता है।
7. मुलहठी : मुलहठी को पीसकर घी के साथ मिलाकर मलहम बना लें। उस मलहम को बच्चे के गुदा पर लगायें। रोजाना 2 से 3 बार गुदा पाक पर लगाने से गुदा पाक में जल्द आराम मिलता है।
8. बबूल : बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर गुदा को रोजाना 3 से 4 बार धोयें। रोजाना इससे गुदा को धोनें से गुदा पाक जल्द ठीक होता है।
9. चाकसू : चाकसू को महीन पीसकर पाउडर बनाकर रखें। इस पाउडर को बच्चे के गुदा पर छिड़के तथा गाय के घी अथवा मक्खन में मिलाकर मलहम बनाकर गुदा पर लगायें। इससे गुदापाक ठीक होता है।
10. मुलहठी : मुलहठी 5 ग्राम और रसोत 5 ग्राम की मात्रा में लें तथा शंख को जलाकर इसकी भस्म (राख) बना लें। इन तीनों को मिलाकर पानी के साथ पीसकर गुदा पाक पर लगाएं। इससे जलन व खुजली में आराम मिलता है।
11. रसौत :
- रसौत 1 ग्राम से 3 ग्राम की मात्रा में लेकर मक्खन या मलाई में मिला लें। यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह और शाम बच्चे को खिलायें और इसका मलहम बच्चे के गुदा छिद्र के चारों ओर लगाएं। इससे बच्चों का गुदा पाक ठीक होता है।
- रसोत को पानी के साथ पीसकर बच्चें के गुदा पर लगाएं। यह गुदा पाक में लाभकारी होता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)