मलद्वार (गुदा) में दर्द और ऐंठन रोग क्या है ? (Tenesmus in Hindi)
इस रोग में गुदा के स्नायु में किसी कारण से तनाव, ऐंठन उत्पन्न होती है जिससे स्थानीय मांस-पेशियां सिकुड़ जाती है। इस रोग में गुदा में ऐंठन सा दर्द पैदा होता है जिसे गुदा में ऐंठन का दर्द कहा जाता है।
मलद्वार में दर्द और ऐंठन का घरेलू उपचार :
1. चनसूर (चन्द्रशूर) : चनसूर (चन्द्रशूर) की जड़ को पानी के साथ पीसकर प्रतिदिन सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करें। इससे मलद्वार (गुदा) की ऐंठन ठीक हो जाती है।
2. फिटकरी : फिटकरी को भूनकर एवं पीसकर चूर्ण बना लें। लगभग 1-1 ग्राम चूर्ण दिन में 3 बार पानी के साथ लें। इससे मलद्वार (गुदा) का दर्द ठीक होता है।
3. जबादकस्तूरी : एरण्ड के तेल और तारपीन के तेल को मिलाकर गुदा पर प्रतिदिन 2 से 3 बार लगाकर मालिश करें। इससे मलद्वार (गुदा) में ऐंठन वाला दर्द ठीक होता है।
4. इलायची का चूर्ण : बड़ी इलायची 24 मिलीग्राम या छोटी इलायची 60 से लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग को कूटकर चूर्ण बनाकर रखें। इसके चूर्ण को क्वीनाईन के साथ मिलाकर प्रतिदिन सुबह और शाम खायें। इससे मलद्वार (गुदा) की ऐंठन का दर्द ठीक हो जाता है।
5. सोंठ : सोंठ को गर्म जल के साथ मिलाकर पीस लें और गर्म मिश्रण को गुदा पर लगाएं। इससे मलद्वार (गुदा) की ऐंठन ठीक हो जाती है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)