हड्डी का कमजोर होकर टूटना : कारण, लक्षण और उपचार

Last Updated on July 14, 2022 by admin

हड्डियों का कमजोर होकर टूटना :

अधिकतर अधिक आयु के लोगों को यह रोग होता है। यह कैल्शियम की कमी से होता है। इसकी कमी से यह बच्चों में भी हो सकता है क्योंकि इसकी कमी से बच्चों के हाथ-पैरों की ह़ड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस कारण से हल्का चोट लगने पर भी बच्चों की हड्डी टूट सकती हैं। सिर के बल गिरने से सिर में गड्ढे़ भी पड़ जाते हैं।

हड्डी के कमजोर होकर टूटने के कारण :

  • किसी ऊंचे स्थान से गिरना,
  • दब जाना,
  • टकराने से और चोट लगने से हड्डी टूट जाती है। इसे अस्थि भंग भी कहा जा सकता है।

हड्डी टूटने के लक्षण :

हड्डी टूट जाने पर बहुत ही तेज दर्द होता है और शरीर में भी सूजन आ जाती है।

हड्डी के कमजोर होकर टूटने के घरेलू उपचार :

1. मेथी : मेथी के बीजों का पाउडर 5 से 10 ग्राम बच्चों को 3 से 6 ग्राम खिलाने से हडि्डयां मजबूत होती हैं।

2. टमाटर : हडि्डयों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी है। टमाटर में फल और सब्जियों की अपेक्षा चूना अधिक पाया जाता है। चूना हडि्डयों को मजबूत बनाता है।

3. विदारीकन्द : विदारीकन्द का चूर्ण, गेहूं का आटा, जौ का आटा, तीनों बराबर मात्रा में लेकर घी में मिलाकर हल्का गर्म कर लें। इसे दो चम्मच की मात्रा में लेकर मिश्री और शहद को दूध में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से हडि्डयां मजबूत होती हैं।

4. असगन्ध नागौरी : असगन्ध नागौरी का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद एवं मिश्री मिले दूध के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की विकृति आदि दूर होकर शरीर पुष्ट और सबल हो जाता है।

5. चूना : चूने को पानी में घोलकर छोड़ दें। कम से कम 6 घंटे बाद ऊपर से पानी निकालकर दूसरे बर्तन में या शीशी में डालकर रख दें। इसमें से 1 से 5 ग्राम रोज 3 बार खायें। इससे हड्डी की कमजोरी दूर होगी।

6. मजीठ :

  • मजीठ और मुलहठी को चावलों के मांड के साथ पीसकर लगाने से टूटी हुई हड्डी की सूजन और दर्द भी दूर होता है।
  • मजीठ और महुआ को खटाई के साथ पीसकर लेप करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
  • मजीठ का पाउडर 1 से 3 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की कोमलता और हड्डी की विकृति आदि दूर हो जाते हैं।
  • 10-10 ग्राम मजीठ और महुआ पानी में मिलाकर लेप करने से लाभ होता है।

7. बबूल :

  • बबूल के बीजों का पाउडर शहद मिलाकर चाटने से हड्डी की कमजोरी दूर होगी। इस प्रयोग से टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है।
  • बबूल की जड़ का 6 ग्राम चूर्ण-शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिन में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
  • बबूल के पंचाग का 6 ग्राम चूर्ण शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिनों में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।

8. शिलाजीत :

  • लगभग 100 ग्राम शिलाजीत को 100 ग्राम पीपल के दूध में घोटकर मटर के बराबर गोलियां बना लें और 2-2 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लेने से हडि्डयां मजबूत होती हैं।
  • लगभग 1 से 3 ग्राम तक शुद्ध शिलाजीत नियमित गाय के दूध के साथ खाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।

9. मोरपंख : चूना और मक्खन मिलाकर लगा दें और ऊपर से मोर के पंख के रोयों की पट्टी बांधने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। इसे 5 से 7 दिन बाद बदलते रहना लाभदायक भी है।

10. विजयसार : विजयसार की लकड़ी का चूर्ण 4 से 6 ग्राम तक सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है और दर्द भी ठीक हो जाता है। साथ ही टूटी हुई हड्डी पर इसकी लकड़ी को घिसकर लेप भी करना चाहिए।

11. नारियल की गिरी : टूटी हुई हड्डी पर चार भाग नारियल की गिरी में एक भाग पिसी हुई हल्दी मिलाकर पोटली बांधकर गर्म-गर्म सेंक करना चाहिए।

12. गेहूं : लगभग 15 ग्राम गेहूं जलाकर उसकी राख में उतना ही गुड़ और घी मिलाकर कुछ दिनों तक चाटने से चोट के दर्द में लाभ होता है।

13. सरपंखा : सरपंखा के पत्तों को बकरी के दूध में पीसकर चोट पर लेप करने से दर्द खत्म होता है।

14. सेंधानमक : सेंधानमक तथा खांड मिलाकर फंकी लेने से चोट की पीड़ा मिट जाती है।

15. मेदालकड़ी : मेदालकडी, आंवला, तिल, सौंठ 10-10 ग्राम पानी में पीसकर लेप करने से हड्डी की पीड़ा और टूटी हड्डी भी मिट जुड़ जाती है।

16. माजूफल : माजूफल कूट-छानकर पानी में पीसकर घाव पर लगाकर पट्टी बांध लें। इससे खून बंद हो जायगा और घाव भी भर जाएगा और टूटी हड्डी भी जुड़ जायेगी।

17. आंबाहल्दी : 10-10 ग्राम चौधरा और आंबाहल्दी को पीसकर घी में भून लें, फिर इसमें सज्जी और सेंधानमक 5-5 ग्राम पीसकर मिला लें। इसे टूटी हुई हड्डी पर बांधने से लाभ होता है।

18. हल्दी : हड्डी के टूटने पर नियमित हल्दी का सेवन करें। इससे फायदा मिलेगा। एक प्याज को पीसकर एक चम्मच हल्दी मिलाकर कपड़े में बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और इससे फिर सेंक करें। कुछ देर तक सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांध दें। इससे हडि्डयों की कमजोरी दूर हो जाती है।

19. पुनर्नवा : 3 ग्राम पुनर्नवा को खैर की लुग्दी के साथ खाने से हड़फूटनी मिटती है।

20. सोयाबीन : सोयाबीन हडि्डयों से सम्बन्धित रोग जैसे हडि्डयों में क्षारता को दूर करता है। सोयाबीन को अपनाकर हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अस्थि क्षारता यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें हडि्डयां कमजोर हो जाती हैं और उसमें फैक्चर हो जाता है। हडि्डयां कैल्शियम लेना बंद कर देती है इसका परिणाम यह होता है कि हडि्डयां टूटती ज्यादा है और बनती कम हैं।

21. अर्जुन :

  • अर्जुन की छाल दूध के साथ दें। इसमें सूजन तथा दर्द कम करने की शक्ति निहित है।
  • हड्डी टूटने पर, प्लास्टर चढ़ा हो, तो अर्जुन की छाल का महीन चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार एक कप दूध के साथ कुछ हफ्ते तक सेवन करने से हड्डी जल्द ही जुड़कर मजबूत हो जाती है। हड्डी जहां टूटी हो वहां पर छाल को घी में पीसकर लेप करें और पट्टी बांधकर रखें। इससे भी हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है।
  • अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण की फंकी लेकर दूध पीने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। चूर्ण को पानी के साथ पीसकर लेप करने से भी दर्द में आराम मिलता है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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