Last Updated on July 18, 2020 by admin
आयुर्वेदिक एण्टीएलर्जिक दिव्य औषधि – हरिद्रा खण्ड : Haridra Khand in Hindi
आजकल न सिर्फ़ ग़लत ढंग के रहन-सहन के ही कारण संक्रामक (छूत के) रोग लग जाते हैं बल्कि ठीक ढंग से आहार-विहार न करने की वजह से रोग प्रतिरोधक शक्ति में होने वाली कमी के कारण भी शरीर संक्रमण (Infection) से ग्रस्त हो जाता है।
रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमी के कारण शरीर को कई प्रकार की असह्यताएं (एलर्जी / Elergy) हो जाया करती हैं और इसी वजह से शरीर नाना प्रकार की व्याधियों का शिकार हो जाया करता है। यहां आयुर्वेद के एक ऐसे उत्तम योग ‘हरिद्रा खण्ड’ की जानकारी प्रस्तुत की जा रही है जिसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमी को दूर कर एलर्जी (Elergies) को दूर किया जा सकता है।
हरिद्रा खण्ड के घटक द्रव्य और उनकी मात्रा :
- हल्दी – 320 ग्राम
- शुद्ध घी – 240 ग्राम
- दूध – सवा पांच लिटर
- शक्कर – 2 किलो
- सोंठ – 40 ग्राम
- काली मिर्च – 40 ग्राम
- पीपल – 40 ग्राम
- तेजपात – 40 ग्राम
- छोटी इलायची – 40 ग्राम
- दालचीनी – 40 ग्राम
- वायविडंग – 40 ग्राम
- निसोत – 40 ग्राम
- हरड़ – 40 ग्राम
- बहेड़ा – 40 ग्राम
- आंवला – 40 ग्राम
- नागकेसर – 40 ग्राम
- नागरमोथा – 40 ग्राम
- लोह भस्म – 40 ग्राम
हरिद्रा खण्ड बनाने की विधि :
- पहले हल्दी पीस कर दूध में मिला कर उबालें और मावा (खोवा) बनाएं ।
- फिर इस मावे को घी में भून लें।
- शक्कर की चाशनी बना लें।
- अब सब औषधियों को खूब कूट पीस कर महीन चूर्ण कर मावा सहित चाशनी में अच्छी तरह मिला कर थाली में फैला कर जमा लें और जम जाने पर बर्फी काट लें ।
उपलब्धता : यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।
मात्रा और सेवन विधि : Dosage of Haridra Khand
इसे 1-1 चम्मच (5-5 ग्राम) मात्रा में सुबह शाम ठण्डे पानी से सेवन करना चाहिए।
बच्चों को आधी मात्रा दें।
हरिद्रा खण्ड के फायदे और उपयोग : Benefits & Uses of Haridra Khand in Hindi
- हरिद्रा खण्ड के सेवन से शीत पित्ती, चकत्ते, खुजली, चर्म रोग, जीर्ण ज्वर, कृमि, शोथ, कण्डु, गुल्म और पाण्डु रोग आदि व्याधियां दूर होती हैं ।
- हरिद्रा खण्ड के सेवन से त्वचा का वर्ण (रंग) निखरता है ।
- हरिद्रा खण्ड एलर्जिक चर्म रोग ,एक्जिमा, खुजली व मुंहासे घटाकर त्वचा पर चमक लाता है।
- यह शीतपित्त (त्वचा में होने वाली वो स्थिति है, जिसमें त्वचा पर खुजली और उभरे हुए चकत्ते होते हो) की कारगर दवा है।
- इसके सेवन से रक्त शुद्ध होता है।
- हरिद्रा खण्ड के उपयोग से पेट साफ़ रहता है ।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति ठीक रहने से एलर्जी की स्थिति ठीक होती है।
हरिद्रा खण्ड के नुकसान : Haridra Khand Side Effects in Hindi
- हरिद्रा खंड लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
- हरिद्रा खंड को डॉक्टर की सलाह अनुसार ,सटीक खुराक के रूप में समय की सीमित अवधि के लिए लें।
हरिद्रा खंड का मूल्य : Haridra Khand Price
- DABUR Haridrakhand 100 gm (Pack of 3) – Rs 378
- Nagarjuna Haridraa Khandam (100g.) with Free Pachak Methi – Rs 55
- Patanjali VADMANS Pat.Haridrakhand Churna, 100 g (3) – Rs 170
कहां से खरीदें :
याच्या सेवनाने रक्त शुद्ध होते. ऍलर्जीयुक्त त्वचा रोग, एक्जिमा, खाज आणि पुरळ कमी करून त्वचेला चमक आणते.
त्वचेवरील डाग जाण्यासाठी याचा उपयोग होइल का
Haridas