अन हेल्दी लाइफस्टाइल भी सबसे बड़ी वजह साबित हो रही है युवाओं में बढ़ते दिल के दौरे की। भारतीय हार्ट एसोसिएशन की माने तो २५ फ़ीसदी हार्ट अटैक के मामले ४० साल से कम उम्र के होते हैं।
कुछ चौंकानेवाले आंकड़ें :
हार्ट अटैक का अब उम्र से कोई लेना-देना नहीं हैं। ख़राब लाइफस्टाइल और बुरी आदतों की वजह से अब यंगस्टर्स भी इसका शिकार हो रहे हैं।
* भारत में हर मिनट हार्ट अटैक की वजह से ४ लोगों की मौत होती है, जिसमें ३० से ५० की उम्र के लोग होते हैं।
* ३० साल या उससे कम उम्र वाले लगभग ९०० लोगों की मौत रोज़ाना हृदय रोग की वजह से हो जाती है।
* भारत में लगभग २० लाख लोग हर साल हार्ट अटैक के शिकार होते हैं, जिनमें से ज़्यादातर युवा होते हैं।
* ५१ फ़ीसदी मुंबईकर हार्ट अटैक के ख़तरे में हैं। सर्वे में पाया गया है कि ५१ फ़ीसदी मुंबईकर्स में हार्ट को सुरक्षित रखनेवाला हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम है।
* दिल्ली में रोज़ाना लगभग १२० एंजियोप्लास्टी की जाती है, जिसमें से ४० फ़ीसदी मरीज़ों की उम्र ४५ साल से कम है।
* साल १९९० में कम उम्र में आनेवाले हार्ट अटैक के केसेज़ २४ फ़ीसदी थे, जो एक अनुमान के मुताबिक़ २०२० तक ४० फ़ीसदी तक पहुंच सकते हैं।
* हार्ट अटैक से मरनेवाले २५ फ़ीसदी लोगों में ४० साल से कम उम्र वाले होते हैं।
कारण :
* सबसे बड़ी वजह है स्मोकिंग की लत। यह युवाओं में हार्ट अटैक का अकेला सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। कम उम्र में स्टाइल और शो ऑफ करने के लिए यंगस्टर्स सिगरेट पीते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं
* स्मोकिंग के अलावा अल्कोहल पीने की आदत भी हृदय रोग के ख़तरे को बढ़ा रही है।
* ज्वाइंट फूड सेंटर्स में घंटों तक दोस्तों के साथ बैठे रहना। बाहर मिलनेवाले जंक फूड या स्नैक्स में नमक की मात्रा अधिक होती है, इसके सेवन से न सिर्फ शरीर में नमक की मात्रा अधिक हो जाती है, बल्कि ट्रांस फैट भी बढ़ जाता है। ज़्यादा फैट दिल के दौरे के ख़तरे को ३५ फ़ीसदी तक बढ़ा देता है। पढ़ाई, जॉब की रेस में आगे निकलने का प्रेशर, जीवन में बढ़ता कॉम्पटिशन आदि तनाव की सबसे बड़ी वजह बनती जा रही है।
* हेक्टिव वर्क का वातावरण, देर तक ऑफिस में काम करना।
* देर रात तक काम करने की वजह से नींद पूरी न हो पाना।
* ईटिंग हैबिट्स, जैसे- समय पर भोजन न करना, हेल्दी आहार की बजाय फास्ट या प्रोसेस्ड फूड खाना, जिसमें मौजूद शुगर और प्रिज़र्वेटिव्स हृदय को नुक़सान पहुंचारहे हैं।
* फिज़िकल ऐक्टिविटी न होना। हेक्टिक जॉब के चलते न जिम जाने का वक़्त है, न जॉगिंग करने का। इसके अलावा घंटों तक ऑफिस में एक ही जगह बैठे रहने से शारीरिक गतिविधियां नहीं होती हैं।
हृदय रोग की ओर बढ़ने के कुछ संकेत :
* ज़रा-सी मेहनत करने पर, तेज़ चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलना।
* मोटापा।
* हमेशा थकान या थका हुआ महसूस करना।
* एनर्जी की कमी।
* सिर घूमना, आंखों के आगे अचानक अंधेरा छा जाना। कैसे बचें हार्ट अटैक से?
* बढ़ती उम्र के साथ बच्चों को ऐक्टिव रहना सिखाएं। उन्हें टीवी, लैपटॉप या कंप्यूटर पर देर तक न बैठने दें। स्वीमिंग, स्पोर्ट्स, साइकिलिंग, एक्सरसाइज़ जैसी ऐक्टिविटीज़ करने के लिए प्रेरित करें।
* युवा अपनी जीवनशैली में सुधार लाएं। तनाव न लें। समय पर सोएं और उठे। धूम्रपान, अल्कोहल और तंबाकू का सेवन न करें।
* पौष्टिक आहार, जैसे- सब्ज़ियां, फल खाएं। रोज़ाना ३०-३५ मिनट व्यायाम ज़रूर करें।
जिम के बाद भी ऐक्टिव नहीं :
एक सर्वे के मुताबिक़ लगभग ८ फ़ीसदी यंगस्टर्स फिज़िकली इनऐक्टिव होते हैं, जबकि जिम जानेवालों में से २० फ़ीसदी यंगस्टर्स कार्डियो या एरोबिक्स ट्रेनिंग की बजाय वज़न उठाने और मसल्स बनाने पर ज़्यादा ध्यान देते हैं।
अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन जर्नल सर्कुलेशन के मुताबिक़ अगर आप ५ घंटे से ज़्यादा वक़्त बैठकर बिताते हैं, तो दिल | का दौरा पड़ने का ख़तरा बढ़ जाता है।
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