Last Updated on December 15, 2020 by admin
हृदय से रक्त शरीर के विभिन्न हिस्सों में जाता है तो रक्त के प्रवाह का दबाव ही ब्लड प्रेशर कहलाता है। हृदय का चौथा कक्ष पहले से भरी धमनिओं में रक्त प्रवाहित करता है, उससे एक दबाव बनता है जो कि रक्त को निचले हिस्सों तक ले जाता है तभी वेंट्रीकल संकुचित हो जाता है, जिसके फलस्वरूप दूसरा रक्त प्रवाह आ जाता है। इस प्रकार पूरे शरीर में रक्त का निरंतर प्रवाह होता रहता है ।
रक्त की मुख्य नलिओं में दबाव मर्करी का 120 मि. मी. होता है । यह प्रेशर रक्त को हृदय की छोटी धमनियों की ओर धकेलता है तो यह 80 मि. मी. तक ले जाता है, जिसे डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं। हमारी धमनियों और शिराओं में एक बार में करीब 5 लीटर खून होता है तथा प्रत्येक संकुचन पर बाया कक्ष 120 मि. मी. के दबाव से 70 मि. ली. रक्त फेंकता है। तुरंत अगले ही पल इतना ही रक्त इसे मिल जाता है ताकि आगेवाले रक्त को धकेला जा सके। यह प्रक्रिया लगातार आजीवन अनवरत रूप से चलती रहती है। रक्त फेंकने की क्षमता कम होने लगती है तो हार्ट अटैक, लकवा, हृदयघात या मौत तक हो सकती है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण (High Blood Pressure ke Lakshan in Hindi)
हाई ब्लड प्रेशर के निम्नलिखित संकेत व लक्षण हो सकते है –
- थकान,
- जी मिचलाना,
- पेट में गड़बड़ी,
- नजर कमजोर होना,
- अधिक पसीना आना,
- नाक से खून आ जाना,
- आँखें लाल होना,
- सिर भारी,
- कानों में सीटी की सी आवाज सुनाई देना,
- हृदय की धड़कन बढ़ जाना,
- त्वचा पीली या लाल पड़ जाना,
- घबराहट आदि।
( और पढ़े – हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का घरेलू इलाज )
उच्च रक्तचाप की आपातकालीन चिकित्सा :
प्रथम उपचार विधि –
जब आपको लगे कि ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है और आपके पास तुरंत मेडिसीन उपचार न हो तो तुरंत ही ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए निम्न उपचार अपनाएँ। आप पाएँगे कि आपका ब्लड प्रेशर सामान्य होने लगा है।
ब्लड प्रेशर हाय होने की स्थिति में तुरंत सरसों का तेल गर्म करके तलवों को रगड़ना शुरू कर दें। तलवों को इस प्रकार रगड़े कि अँगूठे का पूरा दबाव एड़ी व आगे के तलवों पर बना रहे और तलवों को तब तक रगड़ते रहें जब तक कि तलवेलाल वगर्म न हो जाएँ । तलवों को रगड़ने के तुरंत बाद पैरों को तेज गर्म पानी में पिंडली तक डुबो दें और 10 मिनट तक पड़े रहने दें और सिर पर गीला टॉवेल रख लें और अपने शरीर को चारों तरफ से ढक लें ताकि अंदर गर्मी बनने लगे।
वैज्ञानिक स्पष्टीकरण :
यह उपचार गर्म पाद स्नान कहलाता है। इस प्रक्रिया को करने पर तेजी से खून का प्रवाह पैरों की तरफ नीचे आने लगता है, जिससे हृदय को रक्त फेंकने में अब ज्यादा ताकत नहीं लगानी पड़ती है व सिर खाली होने लगता है, जिसका परिणाम यह होता है कि लकवा, हृदयघात की संभावना दूर हो जाती है।
- जब आपका ब्लड प्रेशर बढ़ रहा हो तो आप गर्म पाद स्नान सुबह-शाम करें।
- आहार में सिर्फ 1100 कैलोरी हल्का फाइबरयुक्त सुपाच्य आहार लें और अपने घूमने को बढ़ाएँ।
- अपने आहार से सोडियम की मात्रा नमक को कम करें। ( और पढ़े – नमक और उच्च रक्तचाप ,जानिये क्या है इनका संबंध )
- मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मोटा अनाज, फल, सब्जी, रस की मात्रा बढ़ाएँ।
( और पढ़े – हाई ब्लड प्रेशर(उच्च रक्तचाप) से बचने के सरल उपाय )
दूसरी उपचार विधि –
हाय ब्लड प्रेशर का दूसरा आपातकालीन उपचार बाहर खुले में आकर लेट जाए । आँखें बंद कर लें, श्वास पर ध्यान लगाते हुए योग निद्रा का अभ्यास शुरू करें । इस दौरान सिर को थोड़ा ऊँचा व पैरों को नीचा रखे, सिर और माथे पर गीला टॉवेल व पैरों पर गर्म टॉवेल रखें।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)