Last Updated on October 3, 2020 by admin
पका खरबूजा स्वास्थ्य के लिए अच्छा भोजन है। यह शरीर के भार को बढ़ाता है। यदि रोज खरबूजा खाकर ऊपर से चीनी का शर्बत पी लिया जाये तो एक-डेढ़ मास में दो-तीन पाउण्ड भार बढ़ जाता है। यह लू और ताप से भी बचाता है। दिल दिमाग को ताजा करता है। खरबूजे पर दूध पीना वर्जित है। इससे हैजा होने का भय है। खरबूजा खाली पेट नहीं खाना चाहिए, खाने के कुछ देर बाद खाना चाहिए।
खरबूजा के उपयोग (Uses of Muskmelon in Hindi)
■ खरबूजा लू और धूप सहन करने से गर्म हो जाता है। इसे कुछ समय ठण्डे पानी में डाल दें, इससे इसकी गर्मी कम हो जायेगी। कई लोग इसे बर्फ में दबा देते हैं, इससे इसका स्वाद भी बढ़ जाता है और खूब खाया जाता है। कुछ लोग इसकी फाँकों को बर्फ से ठण्डा करते हैं। इस प्रकार यह स्वादु और ठण्डा तो हो जाता है परन्तु कभी-कभी कई रोगों का कारण भी बन जाता है। यदि बर्फ से ही ठण्डा करना हो तो इसे सालम ही बर्फ में लगाना चाहिए। आधा घण्टे के बाद निकाल कर काटकर खायें।
■ पके खरबूजे का बीज भी एक मेवा है। स्त्रियाँ अप्रैल और मई के महीनों में खरबूजे के बीज एकत्र करके उन्हें दो-तीन दिन के लिए एक बर्तन में डाल देती हैं और उसमें कुछ पानी डाल देती हैं। ऐसा करने से बीज का छिलका कुछ मोटा हो जाता है और छीलने में आसानी हो जाती है।
■ त्यौहार पर औरतें खरबूजे की गिरी से कई प्रकार की खाने की चीजें बनाती हैं। जैसे हलुआ और बरफी। गिरी से नमकीन भी बनती हैं। ठण्डाई में भी इसके बीज डाले जाते हैं। इनकी खीर भी बनाते हैं और पीसकर दूध भी बनाया जाता है।
खरबूजा खाने के लाभ और गुणकारी प्रयोग (Kharbuja Khane ke Labh in Hindi)
तपते मौसम में इस फल का पना, शर्बत आदि बनाकर पीने से शरीर को तरोताजगी व ठंडक मिलती है, जो लू के आक्रमण से बचाती है। यह फल पेट के कई रोगों में भी बड़ा फायदेमंद है क्योंकि इससे न तो पेट में गैस बनती है, न ही कब्ज की शिकायत होती है। यह भोजन को आसानी से पचाकर पेट को हलका-फुलका रखता है। गर्मियों में इस फल के नित्य सेवन से ग्रीष्म के रोग शरीर पर हावी नहीं होते। आइए, इस फल के औषधीय व अन्य गुणों से आपका परिचय कराते हैं –
1. सीने में दर्द – खरबूजे का ठंडा-ठंडा शर्बत पीने से सीने का दर्द दूर होता ही है, साथ ही बढ़ी हुई तेज धड़कन भी फिर से सामान्य अवस्था में आ जाती है।
2. लू लगना – गर्मियों में घर से बाहर निकलने के पूर्व इसका शर्बत पीने से शरीर को लू नहीं लगती तथा सूर्य की तेज किरणें चेहरे की त्वचा को क्षति भी नहीं पहुंचातीं।
3. पथरी – पथरी रोग में तो यह अमृत फल से कम नहीं है, नित्य सुबह-शाम खरबूज की 3-4 फांकें खाने से पथरी गलकर निकलने लगती है।
4. पीलिया – पीलिया रोग को शरीर से भगाने के लिए भरपूर मात्रा में इस फल का सेवन करें। इसका शर्बत भी फायदेमंद है।
5. सनबर्न – सनबर्न होने पर खरबूज के गूदेदार छिलके चेहरे पर मलने से झुलती त्वचा फिर से अपनी अवस्था में आ जाएगी।
6. पाचन शक्ति – कमजोर पाचन शक्ति को सुधारने के लिए अपने भोजन में खरबूज को जरूर शामिल करें। चीनी मिलाकर इसका पना चपातियों के संग खाने से पाचन शक्ति में वृद्धि होने लगती है।
7. घमौरियां – तेज धूप से पसीने के कारण शरीर पर दाद, खाज, घमौरियां उभरने लगते हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए खरबूज के शर्बत में काली मिर्च पाउडर, नमक, नींबू का रस मिलाकर सेवन करें तथा दाद, खाज, घमौरियां वाले स्थानों पर खरबूज के गूदेदार छिलकों को धिरे-धिरे मलें।
8. रक्तचाप – ताजा खरबूजे के सेवन से रक्तचाप तथा रक्तसंचार संबंधी कई रोगों से छुटकारा मिलता है।
9. खट्टी डकार – मीठे-मीठे खरबूज पर थोड़ा-सा सेंधा नमक व नींबू का रस छिड़ककर खाने से गले की जलन, खट्टी डकारों, हिचकी आदि से छुटकारा मिलता है।
10. कील-मुंहासे – चेहरे पर कील-मुंहासे उभर आए हों तो खरबूजे के छिलके इन पर रगड़ें व खट्टे खरबूज सेवन करें।
11. सौंदर्य – चेहरे का रूप-सौंदर्य निखारने के लिए हलके गुलाबी या पीले खरबूजे के गूदे में हलका-सा गुलाबजल चेहरे पर मलें। 10-15 मिनट उपरांत गुलाबजल मिले ठंडे-ठंडे पानी से चेहरा थपथपा लें। रूप की आभा दमकने लगेगी।
12. स्मरणशक्ति – खरबूजे के बीजों को छीलकर उनकी गिरी को बादाम के साथ खाने से स्मरणशक्ति तेज होती है।
13. ताकत – नित्य खरबूजे की गिरी (2 छोटे चम्मच) खाने से शरीर बलवान तथा त्वचा चिकनी व सुंदर बनती है।
14. वाणी में मधुरता – अपनी वाणी में मधुरता लाने के लिए खरबूजे की गिरी मिश्री के साथ सेवन करें।
15. चेहरे के दाग – चेहरे के दाग, धब्बों आदि से छुटकारा पाने के लिए खरबूजे का रेशेदार गूदा मलें।
16. आतों की सफाई – अधिक मात्रा में तली और गली चीजें खाने से पेट खराब हो जाता है तथा आंतों में मल चिपककर सूख जाता है। बर्फ में ठंडा किया खरबूजे का शर्बत पीने से आंतों में चिपका मल निकलकर, पेट को स्वच्छ कर देता है।
17. संग्रहणी – खरबूजे में विटामिन ‘सी’ पाया जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ ग्लूकोज, प्रोटीन, नमक, पानी और कार्बोहाइड्रेट आदि भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह ठण्डा, वीर्यवर्द्धक, चित्त को शान्ति देने वाला, मूत्र तथा रक्त का शोधक, शक्तिदायक तथा जलन को दूर करने वाला है। इसे ठीक रीति से प्रयोग करने से संग्रहणी ठीक हो जाती है। पथरी के रोग को भी दूर करता है। मूत्र की शुद्धि के लिए यह जादू का प्रभाव रखता है।
18. दस्त – खरबूजा निराहार खाने से कभी-कभी दस्त लग जाते हैं। अत: भोजन के एक घण्टे बाद खाना चाहिए।
19. गुर्दे का दर्द – खरबूजे का खुश्क छिलका छह ग्राम लेकर उसे धोकर दो घण्टे तक चौथाई किलो जल में उबालें पुनः छानकर थोड़ी-सी खाण्ड मिलाकर आधाआधा कप प्रातः-सायं लगातार एक सप्ताह तक पियें। गुर्दे का दर्द जाता रहेगा।
20. हैजा – खरबूजे के छिलके का चूर्ण तीन ग्राम को बीस ग्राम शराब और दस ग्राम पानी मिलाकर हैजे के रोगी को दें। इससे हैजे का प्रभाव नष्ट हो जाता है।
सावधानी – बासी या कटे-फटे खरबूजे सेवन न करें अन्यथा हैजा हो सकता है।