Last Updated on July 22, 2019 by admin
निम्न रक्तशर्करा : hypoglycemia in hindi
निम्न रक्तशर्करा ( low blood sugar ) अथवा चिकित्सा की योग्य शब्दावली में जिसे हाइपोग्लीसेमिया कहते हैं, वह रक्तशर्करा के चयापचय का एक विकार है। इस बीमारी में, पाचक ग्रंथि में इन्सुलिन का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे रक्तशर्करा का स्तर नीचे आ जाता है। परवर्ती जीवन में, इसकी परिणति डायबीटीज़ के रूप में होती है। स्वस्थ व्यक्तियों में काबॉहाइड्रेट्स से समृद्ध भोजन के कुछ घंटों बाद विशेष रूप से, पेशियों पर पड़नेवाले श्रम के कारण कभी-कभी रक्तशर्करा कम हो जाती है, विशेष रूप से, बहुधा यह बीमारी, जीवन के कुछ प्रारंभिक दिनों, ख़ास तौर पर अविकसित (प्रीमेच्योर) बच्चों में पाई जाती है।
निम्न रक्तशर्करा एक गंभीर विकार है क्योंकि जब रक्तशर्करा का स्तर बहुत नीचे होता है, तब मस्तिष्क योग्य रूप से कार्य नहीं कर पाता। शरीर के अन्य अंगों के समान, मस्तिष्क हमारे आहार से ही अपना इंधन प्राप्त करता है। परंतु मस्तिष्क शरीर द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स से उत्पादित शर्करा को ही इस्तेमाल कर सकता है। शरीर के अन्य कई पेशियों के समान वह अपना इंधन जमा नहीं कर सकता। इसलिये, उसे रक्तप्रवाह द्वारा शर्करा की निरंतर आपूर्ति होनी चाहिए। निम्न रक्तशर्करा के स्तरों से पैदा हुई मानसिक गड़बड़ियाँ व्यक्ति के जीवन को गंभीरता से प्रभावित करती हैं और निम्न रक्तचाप के बार बार पड़नेवाले दौरों से स्थायी रूप से मानसिक परिवर्तन आ सकते हैं।
ब्लड शुगर कम होने के लक्षण : hypoglycemia ke lakshan
• दो बार के भोजन के बीच में मिठाइयों और स्टार्चवाले खाद्यपदार्थों को अत्यधिक मात्रा में खाने की गहरी ललक ही कम निम्न रक्तशर्करा की पहली निशानी है।
• जब रक्तशर्करा का स्तर सामान्य से बहुत नीचे चला जाता है, तब धड़कनें तेज़ होना, अत्यधिक पसीना आना, भय, चिड़चिड़ापन, थकान, हताशा, दृष्ठि में त्रुटि और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
• अन्य लक्षणों में हैं – कॉपना, सुन्न होना, ख़या ख़ोया सा रहना, चक्कर आना और कुछ यौनसंबंधी गड़बड़ियाँ।
• ज़्यादातर मरीज़ भूख का अनुभव करते हैं और वे बार बार खाते हैं। ताकि कमज़ोरी की अनुभूति और भावात्मक अस्वस्थता से निपट सकें। यदि उन्हें कई घंटो तक खाना न मिले, तो वे परेशान हो जाते हैं।
• इस बीमारी की शुरुआत अचानक होती है। और मरीज़ तेज़ी से भ्रमित और लापरवाह बन जाता है। यदि इस बीमारी का इलाज तुरंत
ब्लड शुगर कम होने के कारण : hypoglycemia ke karan
✦ सामान्यतः निम्न रक्तशर्करा की बीमारी रिफ़ाइन्ड खाद्यपदार्थ, चीनी और उससे बने खाद्यपदार्थ तथा सोफ्ट पेय, कोला पेय और कॉफ़ी के अतिरिक्त अंतर्ग्रहण के कारण होती है। इन खाद्यपदार्थों से पैन्क्रियास, ऐड्रिनल ग्रंथियाँ और लिवर शर्करा को नियंत्रित करने की अपनी क्षमता को खो देते हैं।
✦ डायबीटीज मेलाइटस के उपचार के दौरान कार्बोहाइड्रेटस के पर्याप्त सुरक्षा-कवच के बिना इन्सुलिन या उसके समान दवाइयाँ लेने से निम्न रक्तशर्करा का दौरा पड़ सकता है।
✦ निम्न रक्तशर्करा के अन्य कारणों में हैं – इन्सुलिन का स्राव करनेवाले पैन्क्रियास के आइलेट कोषों में गाँठे, लिवर, पिट्यूटरी ग्रंथि अथवा एड्रिनल ग्रंथियों के कार्यों में त्रुटियाँ।
✦ तनाव इस बीमारी को और भी बढ़ा देता है क्यों कि इससे एड्रिनल ग्रंथियाँ कमज़ोर पड़ती हैं और ग्लुकोज़ की असह्यता का गलत प्रतिरूप (पैटर्न) शुरु हो जाता है।
हाइपोग्लीसेमिया का आहार द्वारा इलाज : hypoglycemia(low blood sugar) ka ilaj
• आमतौर पर निम्न रक्तशर्करा के लिये निर्धारित उच्च प्राणीज प्रोटीन का आहार इस विकार के लिये उपयुक्त नहीं है। इससे बीमारी को अस्थायी रूप से नियंत्रण में लाया जा सकता है। परंतु वह कई अन्य मायनों में नुकसानकारक है। उच्च प्राणीज प्रोटीन का लगातार अंतर्ग्रहण कई अन्य रोगों; जैसे हृदय की बीमारी, गठिया, गुर्दे की समस्याएँ और केन्सर को न्यौता दे सकते हैं।
• निम्न रक्तशर्करा के लिये आदर्श आहार तीन मूलभूत खाद्यपदार्थों, जैसे अनाज़, बीज़ और सूखे मेवे; सब्ज़ियाँ और फलों पर आधारित होना चाहिए। साथ ही दूध, दूध से बने खाद्य पदार्थ और वेजिटेबल तेल जैसे पूरक खाद्यपदार्थ भी लेने चाहिए।
• इस आहार में बीज़, सूखे मेवे और अनाज़ प्रमुख घटक होने चाहिए। बीज़ और सूखे मेवों को उनके कच्चे स्वरूप में ही लेने चाहिए। सिरिअल्स के रूप में अनाज़ को पकाना चाहिए। पका हुआ अनाज़ धीरे धीरे हज़म होता है और भोजन के छः से आठ घंटे बाद, पका हुआ अनाज़ क्रमिक रूप से पोषक तत्वों और शर्करा को रक्तप्रवाह में छोड़ देता है। इससे रक्त में शर्करा का स्तर लंबे समय तक सामान्य और स्थिर रहता है।
• निम्न रक्तशर्करा से पीड़ित मरीज़ों को दो या तीन बार बड़ी मात्रा में भोजन के बजाय छः से आठ बार कम मात्रा में भोजन लेना चाहिए। दो बार के भोजन के बीच कच्चे सूखे और बीज़, जैसे कद्दू अथवा सूर्यमुखी के बीज़ खाने से अथवा दूध, छाछ या फलों का रस पीने से बहुत फायदा होगा।
• सभी रिफाइन्ड़ और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, सफेद शक्कर (चीनी), मेदा और उनके पदार्थ आहार में से संपूर्ण रूप से दूर करने चाहिए। कॉफ़ी, आल्कोहोल ओर सोफ्ट पेय भी नहीं लेने चाहिए। नमक की मात्रा कम करनी चाहिए क्योंकि नमक की अतिरिक्त मात्रा से रक्त में पोटेशियम कम होता है, जिससे रक्तशर्करा का स्तर कम होता है।
निम्न रक्तशर्करा के मरीज़ के लिये आहार की रुपरेखा निम्नानुसार है :
☛ प्रात:काल उठने पर : एक ग्लास फल का ताज़ा रस।
☛ नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच : फल, फल का रस या टमाटर का रस।
☛ दोपहर का भोजन : तेल में पकाये गये सिरिअल्स और दूध अथवा योगर्ट के साथ सब्जियों का सलाद और गेहूँ की दो रोटियाँ और मक्ख़न।
☛ शाम का नाश्ता : एक ग्लास फल अथवा सब्जी का रस अथवा सूखे मेवों का नाश्ता।
☛ रात का भोजन : कच्ची सब्जी का सलाद, साथ में पकाई हुई वे सब्जियाँ, जिन्हें खाने की अनुमति हों; एक या दो स्लाइस धान्य का ब्रेड, पनीर और छाछ।
☛ रात को सोने से पहले : एक ग्लास दूध अथवा छाछ।
निम्न रक्तशर्करा में क्या खाना चाहिये : low blood sugar me kya khaye
निम्न रक्तशर्करा की बीमारी में जो सब्जियाँ ली जा सकती हैं, वे हैं – शतावरी, बीट, गाज़र, ककड़ी, बैंगन, मटर, मूली, टमाटर और पालक, लेटिस, फलियाँ, सेंके हुए आलू। फलों में सेब, ज़रदालू, बेरीज़, आडू और अनन्नास लिये जा सकते हैं। खट्टे फलों को सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
निम्न रक्तशर्करा के उपचार में विटामिन C, E, और B कोम्पलेक्स से समृद्ध खाद्यपदार्थ बहुत हितकारक होते हैं। विटामिन C और B शर्करा और कार्बोहाइड्रेट्स के प्रति सह्यता को बढ़ाते हैं और शर्करा के चयापचय को सामान्य बनाने में मदद करते हैं। पेन्टोथेनिक एसिड, B6 और B कोम्पलेक्स विटामिन एड्रिनल ग्रंथियों को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं, जो निम्न रक्तशर्करा के मरीज़ों में सामान्यत: बहुत थकी हुई रहती हैं। विटामिन E स्नायुओं और पेशियों में ग्लायकोजन के संग्रह को बढ़ाता है।
निम्न रक्तशर्करा के रोगियों के लिये योग्य जाँच आवश्यक है। इस बीमारी में, शांत दिमाग का महत्त्व अधिकतम है। उदासीपूर्ण तनाव और चिंता को मेडिटेशन और शिथिलीकरण की सरल क्रियाओं से दूर करना चाहिए।
वक्रासन, भुजंगासन, हलासन, सर्वांगासन और शवासन जैसे योग के आसन लाभदायक रहेंगे। मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिये लंबे समय तक न्यूट्रल इमरज़न बाथ लेने से भी मदद मिलती है।
ब्लड शुगर कम होने के लिये उपचार की रुपरेखा :
(अ)- पथ्य
निम्नलिखित निर्देशों के अनुसार सुसंतुलित और उत्कृष्ठ पथ्य को अपनायें।
i) प्रात:काल उठने पर : फल का ताज़ा रस। मीठे रस को पानी से पतला बनाकर पीयें।
ii) सुबह का नाश्ता : सुबह का नाश्ता : पके हुए सिरिअल्स जैसे गेहूं का दलिया, शहद
मिलाकर दूध और कुछेक बादाम।
iii) नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच : नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच एक ताज़ा फल।
iv) दोपहर का भोजन : भाप से पकाई गईं या कम पकाई गई सब्जियाँ, गेहूँ की रोटियाँ
मक्खन के साथ और एक ग्लास छाछ।
v) शाम का नाश्ता : फल या सब्जी का ताज़ा रस अथवा कुछ सूखे मेवे।
vi) रात का भोजन : कच्ची सब्जियों का सलाद, नींबू का रस और वेजिटेबल तेल मिलाकर; जिन सब्जियों को खाने की अनुमति हो, उन्हें पकाकर खायें। एक या दो गेहूँ की रोटियाँ, पनीर और छाछ।
vii) रात को सोने से पहले : एक ग्लास शहद मिलाया हुआ दूध।
महत्त्वपूर्ण : बड़ी मात्रा में तीन बार भोजन के बजाय कम मात्रा में कई बार भोजन करें। विशेष रूप से फायदेमंद : विटामिन और कोम्पलेक्स, पोटेशियम, सेब और शीराँ (मोलासीस)।
परहेज़ की चीज़े : low blood sugar me kya nahi khana chahiye
चाय, कॉफ़ी, चीनी तथा मेदा और उनसे बने खाद्यपदार्थ, रिफ़ाइन्ड खाद्यपदार्थ, तले हुए खाद्यपदार्थ, मांस के बने खाद्यपदार्थ, मसाले, अचार, आल्कोहोल और धूम्रपान। नमक की मात्रा नियंत्रण में रखें।
(ब) – अन्य उपाय
1. ताज़ी हवा, श्वासोच्छवास और अन्य व्यायाम एवं योगासन।
2. पर्याप्त विश्राम, योग्य नींद, रिलैक्सेशन और मेडिटेशन।
3. लंबे समय तक न्यूट्रल इमरज़न बाथ।