Last Updated on September 30, 2021 by admin
मास्क्यूटो रेपेलेंट का धुंआधार प्रचार वर्तमान में इतना व्यापक हो चुका है कि शहरों में लगभग हर घर में इसका यंत्र लगा हुआ मिल जाएगा। परंतु इस तथ्य पर ध्यान देना बेहद आवश्यक होता है कि जो रसायन मच्छरों पर हानिकारक प्रभाव छोड़ते हैं और उन्हें मारने, बेहोश करने तक की शक्ति रखते हैं, क्या वे हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव छोड़ेंगे।
मैट्स का निर्माण :
मास्क्यूटो रेपेलेंट में लगाई जाने वाली मैट्स में आमतौर पर पायरिथ्रायइस समूह के संश्लेषित कीटनाशी की अल्प मात्रा का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एलेथ्रिन, ट्रांसएलेथ्रिन जैसे कीटनाशी 4 प्रतिशत की मात्रा में होते हैं। यदयपि मैट्स में कीटनाशी रसायन का उपयोग किया जाता है, इसलिए इसे ‘इनसैक्टीसाइट्स एक्ट’ के अंतर्गत लिया गया है, जबकि मच्छरों को भगाने का काम करने वाली क्रीमों को ‘कास्मेटिक एक्ट’ के अंतर्गत लिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि रेपेलेंट, मैट्स, क्वाइल्स और क्रीम हमारे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है भी या नहीं ?
मच्छर भगाने वाली मैट्स का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव :
रेपेलेंट क्रीम का निर्माण डाइ एथाइल टोलूएमीड रसायन और वनस्पति स्रोतों से प्राप्त खुशबू को मिलाकर किया जाता है। इस रसायन का प्रयोग किशोरों और बच्चों पर करने से पाया गया है कि उनमें उग्र व्यवहार चिड़चिड़ापन और दिग्भ्रम जैसे लक्षण पैदा हो सकते है जो इस्तेमाल रोकने से गायब हो जाते है। किसी-किसी को यह क्रीम लगाने से त्वचा पर जलन और खुजली होती है। रिपेलैंट क्वाइल से निकला धुआं दमे की शिकायत वाले मरीजों के लिए हानिकारक होता है।
इस प्रकार देखे, तो मच्छरों को भगाने, मारने व बेहोश करने वाले सारे उपाय स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है। भले ही इनके दुष्परिणाम शीघ्र न मालूम हों।
मैट्स के प्रयोग में सावधानी बरतें :
- मैट्स खोल कर रिपेलैंट में लगाते समय इसे सूंघने और छूने से बचें।
- त्वचा पर छूने, हाथों से लगाने पर हाथ साबुन से साफ करें।
- इसके इस्तेमाल के दौरान खाएं-पिएं नहीं और न ही धूम्रपान करें।
- मैट्स के इस्तेमाल के दौरान दरवाजे और खिड़कियां खुली रखनी चाहिए। ( और पढ़े – मच्छर भगाने के अचूक घरेलू उपाय )
मच्छर मारने की मैट्स के विकल्प :
- मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों से बचने का सबसे कारगर और हानिरहित उपाय मच्छरदानी का प्रयोग है।
- एक अध्ययन के अनुसार मच्छरों की लाल, नीली, सफेद, पीली और हरी रंग की रोशनी कॉफी आकर्षित करती है। अत: सोते समय नाइट लैंप में इन रोशनी के बल्ब न लगाए। एकदम गहरे लाल रंग की रोशनी से मच्छर, आकर्षित नहीं होते है अतः उपयुक्त रंगों का बल्ब लगाना ज्यादा उचित होगा।
- अजवाइन पीसकर इसमें समान भाग में सरसों के तेल मिलाकर उसमें गत्ते के टुकड़ों को तर करके कमरे में चारों तरफ ऊंचाई पर रखने से कमरे के मच्छर भाग जाएंगे।
- शरीर के खुले हुए हिस्सों पर सरसों का तेल लगाने से मच्छर नहीं काटते। इसी प्रकार का असर तुलसी के पत्तों के रस से भी होता है।
- जलते हुए कोयलों पर नारंगी के सूखे छिलके डालने से उत्पन्न धुएं के कारण मॅच्छर भाग जाते हैं।
- नीम की पत्तियों के धुएं से भी मच्छर भाग जाते है।