गुणों से मालामाल नाशपाती
अनेक रोग-विकारों में सहायक नाशपाती सेब से जुड़ा एक उप-अम्लीय फल है जो पौष्टिक और गुणकारी होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होता है। अन्य दूसरे फलों की अपेक्षा नाशपाती एक सस्ता फल है। विटामिन ‘सी’ ‘ए’ से भरपूर नाशपाती भारत में यूरोप और ईरान से आई है और धीरे-धीरे यहां भी इसकी खेती होने लगी। भारत में नाशपाती की खेती हिमाचल प्रदेश तथा कश्मीर में की जाती हैं और इनके फलों की गणना संसार के उत्तम फलों में होती है।
नाशपाती के गुण (Naspati ke Gun in Hindi)
- नाशपाती के सेवन से न केवल वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं बल्कि इससे मस्तिष्क को भी शक्ति मिलती है।
- यह एक ऐसा फल है जो बच्चों की स्मरण शक्ति भी बढ़ाती और शारीरिक विकास भी होता है।
- भोजन को पचाने में नाशपाती एक सहायक के रूप में काम करती है साथ इससे लिवर को भी शक्ति मिलती है।
- नाशपाती पथरी को पेशाब के द्वारा निकालने में सहायक, वायुनाशक, शुक्रवर्धक (धातु को बढ़ाने वाला), ठंड़ा (शीतल), कब्ज दूर करने वाला होता है।
- यह हृदय (दिल), मस्तिष्क (दिमाग), आमाशय और यकृत (लीवर) को ताकत देता है। स्त्री के गर्भाशय से पानी निकलने पर इसके सेवन से लाभ होता है।
नाशपाती के फायदे और उपयोग (Nashpati Khane ke Fayde in Hindi)
1. दस्त : नाशपाती के रस में बेल की गिरी का 3 ग्राम चूर्ण मिलाकर देने से दस्त का आना बन्द हो जाता है।
2. खूनी अतिसार : नाशपाती के शर्बत में बेलगिरी (बेल पत्थर) या अतीस का चूर्ण बनाकर लेने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) में लाभ मिलता है।
3. बवासीर (अर्श) : नाशपाती के मुरब्बे के साथ नागकेसर को मिलाकर खाने से धीरे-धीरे बवासीर ठीक हो जाती है।
4. मूत्ररोग: आधा कप नाशपाती का रस रोजाना पीने से कुछ ही दिनों में पेशाब की सारी बीमारियां खत्म हो जाती हैं।

5. सिर दर्द : जिन लोगों के सिर में दर्द होता है और आराम नहीं होता वे नाशपाती के रस का सेवन भी कर सकते हैं, उन्हें रस में शक्कर मिलाकर पीना चाहिए इसे पीने से उनके सिरदर्द में आराम मिलेगा ।
6. रक्त वमन : आयुर्वेदानुसार रक्त वमन में नाशपाती के शर्बत का सेवन बहुत ही लाभदायक माना गया है । इसका सेवन करने के लिए नाशपाती के शर्बत के साथ बेर की मींगी को पीसकर, फिर उसे नाशपाती के शर्बत में मिलाकर पिया जाता है ।
7. अरूचि व अग्निमांध : जिनकी खाने के प्रति रूचि ना हो व जिन लोगों को मंदाग्नि रोग है उनके लिए नाशपाती का सेवन लाभदायक है| इसका सेवन करने के लिए नाशपाती को सेंककर, उसके टुकड़े करके उसमें काली मिर्च, जीरा एवं सैंधा नमक मिलाकर खाया जाता है । इसे खाने से हमारी खाने के प्रति रूचि भी बढ़ती है और हम अग्निमांध रोग से भी मुक्त हो जाते हैं ।
8. सूजन : यदि हमारे शरीर के किसी अंग में सूजन हो जाए तो हमें नाशपाती के पेड़ से निकलने वाला गोंद लगाना चाहिए । इसे लगाने से हमारे शरीर की सूजन दूर हो जाती है ।
9. हृदय व मस्तिष्क को शक्ति : यदि किसी को अपने हृदय व मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ना है तो उसे नाशपाती का सेवन करना चाहिए । इसका सेवन करने के लिए 1 किलो ग्राम नाशपाती के टुकड़े करके कांटे से छेदकर, उसमें 1 किलो ग्राम चीनी मिलाकर बफारा देकर बरनी में ढक्कन लगाकर बंद करके उसे रखकर । तीसरे दिन उसी चीनी की चाशनी बनाकर उसमें डालकर. ऊपर से केवड़े का अर्क डालकर खाया जाता है. इसे खाने से हृदय व मस्तिष्क को शक्ति मिलती है ।
10. पथरी : जिन लोगों को पथरी है उन लोगों के लिए नाशपाती का सेवन बहुत ही लाभदायक है । उन्हें एक गिलास नाशपाती का रस रोज 2 – 3 सप्ताह तक पीना चाहिए. इसे पीने से पथरी गल कर निकल जाती है ।
11. वीर्यवर्धक : रोज 2 नाशपाती का सेवन करने से बल ,तेज और वीर्य की वृद्धि होती है ।
12. कब्ज : जिन लोगों को कब्ज रोग है उनके लिए नाशपाती का सेवन बहुत ही लाभदायक है. कब्ज रोग से बचने के लिए रोगियों को काफी समय तक नाशपाती का सेवन करते रहना चाहिए । नाशपाती का सेवन करते रहने से पुराना कब्ज भी ठीक हो जाता है और आंतों में जमा मल भी बाहर निकल जाता है ।
13. भूख खुलना : यदि आपको भूख नहीं लगती हो तो नाशपाती का सेवन हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है. आपको नाशपाती को काटकर उस पर सैंधा नमक और काली मिर्च डालकर खाना चाहिए. इसे खाने से आपको भूख लगने लगेगी ।
10. चर्मरोग : यदि किसी को चर्मरोग है तो वह नाशपाती के तेल का भी प्रयोग कर सकता है. चर्मरोग से बचने के लिए नाशपाती का तेल दाद, खुजली वाले अंग पर लगाया जाता है । इसे लगाने से आराम भी मिलता है और सफेद छिलके उतरना भी बंद हो जाते हैं ।
11. पेट के घाव : पेट के घाव होने पर तथा फोड़े व जलन होने पर नाशपाती के रस तथा गूदे का सेवन किया जा सकता है । पेट के घाव होने पर तथा फोड़े व जलन होने पर नियमित रूप से नाशपाती के रस का तथा इसके गूदे का सेवन किया जाता है. जिसे खाने के बाद हमारे आमाशय पर एक झिल्ली बन जाती है जिसके कारण हमें पेट के घाव में आराम मिलता है ।
12. त्वचा की खुश्की : त्वचा की खुश्की को दूर करने के लिए हम नाशपाती के गूदे तथा रस का प्रयोग कर सकते हैं । इसके लिए हमें चेहरे पर नाशपाती का गूदा लगाने चाहिए तथा एक गिलास रस रोजाना पीना इससे हमारी त्वचा की खुश्की दूर हो जाती है ।
13. शारीरिक शक्ति : नाशपाती हमारी शारीरिक शक्ति को भी बढ़ाने में मदद करता है. यदि कोई अपनी शारीरिक शक्ति को बढ़ाना चाहता है तो उसे नियमित रूप से नाशपाती सेवन करना चाहिए । इसके नियमित सेवन से शारीरिक शक्ति तो बढती ही है साथ ही हमारा शरीर सुगठित भी बनता है ।
14. उदर रोग : नाशपाती पेट के रोगों से बचने में हमारी मदद करता है । उदर रोग से मुक्त होने के लिए हमें नाशपाती का नियमित सेवन करना चाहिए ।
15. आमाशय दौर्बल्य : आमाशय दौर्बल्य और अतिसार रोग से बचने के लिए हम इसके रस के सत का प्रयोग कर सकते हैं । इसके रस का सत रोगी को दिया जाता है जिससे वह आमाशय दौर्बल्य और अतिसार रोग से मुक्त हो जाता है ।
16. रूप निखार : पकी हुई नाशपाती को कद्दूकस पर कसकर उसमें पोदीने की पिसी हुई पत्तियों को मिलाकर लेप बना लें। चेहरे को हल्के गर्म पानी से साफ करके उंगलियों से चेहरे पर लगाएं। 25 मिनट बाद टिश्यू पेपर से चेहरा साफ करके पहले हल्के गर्म और फिर ठंडे पानी से साफ करें। ऐसा करने से चेहरे की त्वचा में अद्भुत निखार आता है।
17.एनीमिया :आयरन का स्रोत होने की वजह से नाशपाती हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता हैं और एनीमिया से ग्रस्त रोगियों को सुरक्षा प्रदान करता हैं।
18.अधिक प्यास लगना :नाशपाती के रस में काला जीरा और काला नमक डालकर पीने से अधिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है।
19. कब्ज : कब्ज होने की स्थिति में स्त्री-पुरूषों को प्रतिदिन नाशपाती खाना चाहिए या उसका रस पीना चाहिए। कब्ज की समस्या शीघ्र नष्ट होती है।
20.स्त्री रोग : Pears Benefits During Pregnancy in Hindi -गर्भावस्था में योनि से किसी तरह का स्राव होने लगे तो नाशपाती का सुबह-शाम सेवन करने से बहुत फायदा होता है।
नाशपाती के दुष्प्रभाव : Nashpati ke Nuksan
आंत्रिक ज्वर (टायफाइड), गला बैठने की स्थिति में नाशपाती का सेवन करना हानिकारक होता है।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)