Last Updated on December 5, 2022 by admin
पेट का कैंसर क्या है ? (Stomach Cancer in Hindi)
कैंसर का अर्थ होता है, बिना किसी उद्देश्य के आकारहीन गांठ का हो जाना, जिसके बढ़ने को रोका न जा सके। इस रोग में पेट में गांठ होकर तेजी से बढ़ता रहता है जिसे एक जगह से काट देने पर दूसरी जगह फिर से हो जाता है, यही पेट का कैंसर कहलाता है। इसमें गांठों का बढ़ना जारी रहता है। शुरुआत में इसका पता ही नहीं लगता है, जब रोग का पता लगता है तो रोग ऐसी अवस्था में पहुंच चुका होता है कि रोगी के प्राणों को बचाना कठिन होता है। यदि कैंसर होने का पता शुरुआत में ही लग जाये तो रोगी को बचाया जा सकता है।
पेट के कैंसर का इलाज (Pet ke Cancer ka Ilaj)
1. लहसुन :
- लहसुन का नियमित रूप से सेवन करते रहने से पेट का कैंसर नहीं होता है।
- लहसुन को पीसकर पानी में घोलकर कुछ सप्ताह तक लगातार पीने से पेट के कैंसर में लाभ होता है।
- खाना खाने के बाद 3 बार लहसुन खाने से पेट साफ रहता है। लहसुन पेट की पेशियों में संकोचन पैदा करता है, जिससें आंतों को काम कम करना पड़ता है। लहसुन खाने से जिगर भी उत्तेजित होता है जिससे आक्सीजन और पेट की कोशिकाओं को रक्त मिलता है।
2. बरगद : कूठ व सेंधानमक को बरगद के दूध में मिलाकर लेप करें, तथा ऊपर छाल का पतला टुकड़ा बांध दें। इसे 7 दिन तक 2 बार प्रयोग करने से पेट की कैंसर की गांठें दूर हो जाती है। गठिया, चोट व मोच पर बरगद का दूध लगाने से दर्द जल्दी कम होता है।
3. तुलसी : तुलसी की 10 से 15 पातियाँ नित्य सुबह खाली पेट सेवन करने से व्यक्ति कैंसर के रोग को दूर कर सकता हैं ।
पेट के कैंसर से लड़ने वाले फल और सब्जियां :
जन एवं पेट के कैंसर के रोगी को लहसुन, टमाटर, गाजर, हरी पत्तियों वाली सब्जियां, बन्दगोभी और अंकुरित अनाज तथा बादाम का सेवन करना चाहिए।
- अधिक फलों से युक्त आहार का सेवन करने से पेट और फेफड़ों के कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है।
- कैरोटिनॉयड्स जैसे गाजर आदि सब्जियों का सेवन करने से फेफड़े, मुख, ग्रसनी और
पेट के कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है। - स्टार्च रहित सब्जियों जैसे ब्रोक्ली, पालक और फलियों का सेवन करने से पेट और ग्रासनाल (इसोफेजियल) के कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है।
- संतरे, बैरी, मटर, शिमला मिर्च, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों तथा विटामिन सी से
युक्तखाद्य पदार्थों का सेवन करने से आप अपने आप को कैंसर से बचा सकते हैं। - लाइकोपिन युक्त फलों एवं सब्जियों जैसे टमाटर, अमरूद और तरबूज का सेवन करने से कैंसर की सम्भावना को कम किया जा सकता है।
फायबर के सेवन से अपने आप को पेट के कैंसर से बचाएं :
- अधिक मात्रा में फाइबर से युक्त आहार का सेवन करने से आप अपने आप को कोलोरेक्टल कैंसर तथा पाचन तंत्र के अन्य हिस्सों जैसे पेट, मुख और ग्रीवा (फैरिंक्स) के कैंसर से बचा सकते हैं।
- फाइबर का पर्याप्त मात्रा में सेवन आपको कब्ज से भी बचाता है।
- फाइबर फलों, सब्जियों और पूर्ण अनाज में पाया जाता है। आमतौर पर भोजन जितना ज्यादा प्राकृतिक और गैर-प्रसंस्कृत होगा, उतनी ही उसमें फाइबर की मात्रा अधिक होगी। मांस, डेयरी उत्पादों, चीनी या ‘सफेद’ भोजन जैसे ब्रेड, सफेद चावल और पेस्ट्री मे फाइबर बिल्कुल नहीं होता है।
- सफेद चावल के बजाय भूरे चावल यानी ब्राउन राईस का इस्तेमाल करें।
- सफेद ब्रेड के बजाय होल ग्रेन ( सम्पूर्ण अनाज की) ब्रेड या मल्टीग्रेन ब्रेड का इस्तेमाल
- करें।
- पेस्ट्री के बजाय ब्राउन मफिन का इस्तेमाल करें।
- आलू के चिप्स या सूखे मेवों के बजाय पॉपकार्न बेहतर और स्वास्थ्यप्रद पोषक स्नैक है
- भाप में पकी गाजर, अजवायन या शिमला मिर्च का सेवन सालसा (सॉस), कम वसा से युक्तसलाद ड्रैसिंग या नींबू के रस के साथ करें ।
- चिप्स या सॉर क्रीम डिप के सेवन से बचें।
- सैण्डविच, पकोड़ा या बर्गर में ग्राउण्ड मीट के बजाय बीन्स का इस्तेमाल करें।
पेट के कैंसर में बचें इन खाद्य पदार्थों से :
1. फ्रेंच फ्राइज एवं चिप्स –
आप प्रतिदिन एक्रिलामाइड (Acrylamide) से युक्त फ्रेंच फ्राइज एवं पोटैटो वेफर्स का आनंद उठाते हैं, जो कुकिंग प्रक्रिया के कारण कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं।
एक्रिलामाइड एक कैंसरजन तत्त्व है, जो 120 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक तापमान पर पकाए, तले अथवा ग्रिल किये जाने वाले खाद्य पदार्थों में उपस्थित होता है।
2. डोनट्स –
डोनट्स कैंसर के खतरे को एक से अधिक प्रकार से बढ़ा सकता है। प्रथमतः, डोनट्स सफेद आटे, चीनी और हाइड्रोजेनेटेड तेलों से बना होता है। इसमें उपस्थित उच्च स्तरीय चीनी की मात्रा शरीर में इन्सुलीन के निर्माण को प्रभावित करती है और कैंसरजन कोशिकाओं की वृद्धि तथा विभाजन को प्रोत्साहित करती है, खासकर अग्नाशय के कैंसर में। तलने के कारण तैयार हुये कैंसरजन बाइप्रॉडक्ट्स के साथ सघन शर्करा एवं उच्च- वसा सामग्रियों का संयोजन डोनट्स को कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले सबसे घातक रूप से संभावित खाद्य पदार्थ में शुमार कर देता है।
3. वाइट ब्रेड –
कोई भी सफेद खाद्य सामग्री अस्वास्थ्यकर होती है, क्योंकि वह संसाधित होने के कारण सफेद होती है। वाइट ब्रेड विरंजित (ब्लीच्ड) आटे से तैयार होता है, लेकिन अविरंजित (अनब्लीच्ड) सफेद आटा भी संसाधित होता है तथा इसमें संतृप्त वसा की उच्च स्तरीय मात्रा समाहित होती है। संतृप्त वसा का निकट संबंध स्तन कैंसर से है।
4. सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक्स –
इसमें रासायनिक तत्त्वों, चीनी एवं कैफीन का सम्मिश्रण होता है। अब तो यह सभी को मालूम होना चाहिए कि सोडा और कोला सॉफ्ट ड्रिंक्स मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होते हैं। सप्ताह में दो बार सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से अग्नाशय के कैंसर का खतरा दोगुना बढ़ जाता है।
5. अचार –
सभी को खाने में अचार बहुत पसंद होता है, क्योंकि यह किसी भी नीरस व्यंजन के स्वाद को बढ़ा देता है। लेकिन दुर्भाग्यवश अचार युक्त खाद्य पदार्थ संभवतः पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं, खासकर जब उसमें बहुत अधिक नमक मिला होता है।
6. मांस –
मांस से युक्त आहार आपके लिए अच्छा नहीं है, खासकर तब जबकि आपकी जीवनशैली गतिहीन है। इसके अलावा लाल मांस के सेवन से आंत के कैंसर की सम्भावना बढ़ जाती है। आप जानवरों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को कम करके और आहार के पोषक विकल्प चुनकर कैंसर की सम्भावना को काफी हद तक कर सकते है ।
महत्त्वपूर्ण जानकारी :
पेट का कैंसर होने पर रोगी को सबसे पहले अपने त्वचा, फेफड़ों, गुर्दों और आंतों को साफ करना चाहिए। गुर्दो की सफाई के लिए एनिमा क्रिया लाभकारी रहती है। इसके बाद रोगी को 4 दिन तक सिर्फ रसदार फलों का ही सेवन करना चाहिए जैसे- संतरा, अंगूर, नाशपाती, नींबू और टमाटर आदि। इसके अलावा गाजर आदि कच्ची सब्जियों का भी सेवन किया जा सकता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)