प्राणायाम करने के अदभुत लाभ जो आपको जानना चाहिये | Amazinag Benefits Of Doing Pranayama

Last Updated on July 24, 2019 by admin

पूज्य बापूजी कहते हैं : ‘बहुत-से ऐसे रोग होते हैं जिनमें कसरत करना सम्भव नहीं होता लेकिन प्राणायाम किये जा सकते हैं |pranayam ke fayde in hindi

प्राणायाम करने से होने वाले लाभ –

१] रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है और इस शक्ति से कई रोग्कारी जीवाणु मर जाते हैं |
२] विजातीय द्रव्य नष्ट हो जाते हैं और सजातीय द्रव्य बढ़ते हैं | इससे भी कई रोगों से बचाव हो जाता है |
३] वात – पित्त – कफ के दोषों का शमन होता है | अगर प्राण ठीक से चलने लगेंगे तो शरीर में वात-पित्त-कफ आदि के असंतुलन की जो गड़बड़ी है, वह ठीक होने लगेगी |

★ जैसे उद्योग या पुरुषार्थ करने से दरिद्रता नहीं रहती, वैसे ही भगवत्प्रीत्यर्थ प्राणायाम करने से पाप नहीं रहते | जैसे प्रयत्न करने से धन मिलता है, वैसे ही प्राणायाम करने से आंतरिक सामर्थ्य, आंतरिक बल मिलता है, आरोग्य व प्राणबल, मनोबल और बुद्धिबल बढ़ता है |

★ जो लोग प्राणायाम करते हैं, गहरा श्वास लेते हैं उनके फेफड़ों के निष्क्रिय पड़े वायुकोशों को प्राणवायु मिलने लगती है और वे सक्रिय हो उठते हैं | फलत: शरीर की कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है तथा रक्त शुद्ध होता है | नाड़ियाँ भी शुद्ध रहती हैं, जिससे मन भी प्रसन्न रहता है | इसलिए सुबह, दोपहर और शाम को संध्या के समय प्राणायाम करने का विधान है | प्राणायाम से मन पवित्र व एकाग्र होता है, जिससे मनुष्य में बहुत बड़ा सामर्थ्य आता है |

इसे भी पढ़े : प्राणायाम क्या है व उसके फायदे |

★ यदि कोई व्यक्ति १०- १० प्राणायाम तीनों समय करे और शराब, मांस, बीड़ी या अन्य व्यसनों व फैशन में न पड़े तो ४० दिन में तो उसको अनेक अनुभव होने लगेंगे | शरीर का स्वास्थ्य व मन बदला हुआ मिलेगा, जठराग्नि प्रदीप्त होगी, आरोग्यता व प्रसन्नता बढ़ेगी और स्मरणशक्तिवाला प्राणायाम करने से स्मरणशक्ति में जादुई विकास होगा |

★ प्रात: ३ से ५ बजे तक ( ब्राह्ममुहूर्त के समय ) जीवनीशक्ति विशेषरूप से फेफड़ों में क्रियाशील रहती है | इस समय प्राणायाम करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता का खूब विकास होता है | शुद्ध वायु (ऑक्सीजन) और ऋण आयन विपुल मात्रा में मिलने से शरीर स्वस्थ व स्फूर्तिमान होता है |

सावधानी :

★ ज्यादा प्राणायाम करते रहेंगे तो पित्त चढ़ जायेगा और फिर सूर्यकिरणों के समक्ष खुले में बैठ के प्राणायाम किये तो भी पित्त चढ़ जायेगा | आपके स्वभाव में गुस्सा आ जाय, मूँह सूखने लग जाय तो समझो पित्त अधिक है | और इस कारण बार – बार ठंडा पानी पियोगे तो फिर जठराग्नि मंद हो जायेगी, जल्दी बुढापा आ जायेगा | आम आदमी जो बेचारा ब्रह्मचर्य पाल नहीं पाता, देशी गाय के शुद्ध घी का उपयोग कर नही सकता, वह यदि अधिक प्राणायाम करे तो हानि होगी |

स्त्रोत – ऋषिप्रसाद, दिसम्बर २०१६ से

keywords – pranayam ke fayde ,pranayam ke fayde in hindi ,pranayam ke prakar , अनुलोम विलोम प्राणायाम के लाभ , प्राणायाम का महत्व , कपालभाति प्राणायाम , प्राणायाम कसा करावा , प्राणायाम के प्रकार , प्राणायाम कैसे करें, प्राणायाम की विधि , प्राणायाम के नियम , benefits of pranayama weight loss , how to practice pranayama, pranayama benefits for skin , benefits of pranayama for brain , pranayam benefits in hindi, benefits of pranayama for hair , importance of pranayama , is pranayama really beneficial

Leave a Comment

Share to...