Last Updated on September 11, 2023 by admin
प्याज क्या है ? : Onion in Hindi
प्याज पूरे भारत में पाया जाता है। प्याज सफेद और लाल के भेद से दो प्रकार का होता है। प्याज एक उत्तेजक पदार्थ है इसलिए पाचन-सम्बंधी समस्त विकारों (बीमारी) में इसका प्रयोग किया जाता है।
प्याज को लगभग प्रत्येक सब्जी, चपाती, चटनी, सांभर, सूप, सलाद और चाट तक में इस्तेमाल किया जाता है। प्याज के काटने पर प्याज से तेज गंध आती है। प्याज को सूंघने से बंद नाक खुल जाती है।
प्याज कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण करती है, जिसके परिणामस्वरूप कोलेस्ट्रॉल का स्तर घट जाता है। सुबह सोकर उठने पर कच्चे प्याज का 1 चम्मच रस लेना कोलेस्ट्राल का स्तर कम करने के लिए अच्छा रहता है।
प्याज की तासीर : यह प्रकृति में गर्म और खुश्क है।
प्याज के औषधीय गुण : Pyaj ke Gun in hindi
- प्याज पित्तनाशक, उत्तेजक और काफी नींद को लाते है।
- प्याज के बीज बलवर्द्धक, दंतकृमि (दांतों के कीड़े) और प्रमेह (धातु के विकार) को नाश करने वाले हैं।
- यह पीलिया, वातरोग, पित्तवर्धक, कफवर्धक, वेदनास्थापन (दर्द को कम करने वाला), शोथहर (सूजन को हरने वाला), व्रणशोथपाचन (जख्म की सूजन को कम करने वाला) और त्वचा के दोषों को दूर करने वाला है।
- प्याज दीपन (भूख को बढ़ाने वाला), पाचन (पचाने वाला), मूत्रल (पेशाब की मात्रा को बढ़ाने वाला) होता है।
- इसके अतिरिक्त यह शुक्राणुओं को उत्पन्न करने वाला, रक्तस्तम्भक, आर्तवजनन (मासिकस्राव लाने वाला), बाजीकरण (कामोद्दीपन), शक्तिवर्द्धक, खुजलीनाशक और चेहरे की चमक को बढ़ाने वाला वाला होता है।
प्याज के फायदे व घरेलू नुस्खे : Pyaj ke Gharelu Nuskhe
1). बालों का झड़ना (गंजेपन का रोग) :
• प्याज का रस शहद में मिलाकर गंजेपन की जगह लगाने से फिर से बालों का उगना शुरू हो जाता है।
• pyaj ke fayde for hair in hindi – प्याज के रस में नमक और कालीमिर्च का पाउडर मिलाकर मालिश करने से सिर की दाद के कारण सिर के उड़ गये बाल फिर से आने लगते हैं।
2). कफ:
• छोटे बच्चों के कफ रोगों में प्याज के 5-10 मिलीलीटर रस में 10 ग्राम शक्कर मिलाकर बच्चे को देने से लाभ होता है।
• छोटे बच्चों की माताओं को 1-2 प्याज को पीसकर पानी में उबालकर देने से कफ रोगों में लाभ होता है। इससे कफ पतला होकर बाहर निकल जाता है, घबराहट कम हो जाती है और पित्त भी बाहर निकल जाता है।
3). पेट के सभी प्रकार के रोग:
• प्याज के सेवन से भूख का बढ़ना, जिगर (यकृत), तिल्ली तथा पित्त में लाभ होता है तथा गैस दूर होकर अफारा और अन्य प्रकार की पेट की बीमारियों से राहत मिलती है। स्थान और जलवायु के बदलाव के कारण शरीर पर होने वाले दोषों को भी यह दूर करता है।
• प्याज को आग में गर्म करके रस निकाल लें। इस रस को 1 ग्राम नमक मिलाकर पीने से अम्लपित्त (एसिडिटीज) पेट के दर्द में आराम मिलता है।
4). पेट के कीड़े:
• प्याज के 10 मिलीलीटर रस में थोड़ी-सी मात्रा में सेंधानमक मिलाकर पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
• प्याज के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से पेट के अंदर के चुन्ने कीड़े मर जाते हैं।
• प्याज को निचोड़कर प्राप्त हुए रस को छोटे बच्चों को पिलाने से पेट के कीड़ें मर जाते हैं।
• प्याज का रस आधा-आधा चम्मच की मात्रा में पीने से बच्चों के पेट में मौजूद कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
• प्याज का रस 1 चम्मच की मात्रा में 2-2 घण्टे के अंतराल के बाद पीने से पेट के कीडे़ मर जाते हैं और पेट के दर्द में लाभ होता है।
• प्याज का आधा चम्मच रस 2 से 3 दिन तक बच्चों को देने से पेट के कीड़े और दर्द दूर होता है।
5). फुंसी होने पर: गांठ, फोड़े, यौवन पिड़िका, नारू, कंठमाला (गले की गिल्टी) आदि रोगों पर प्याज को घी में तलकर बांधने से या प्याज के रस को लगाने से अच्छा लाभ पहुंचता है।
6). जख्म की सूजन: नाड़ी शूल (नसों का दर्द) या व्रणशोथ (जख्मों की सूजन) के रोग में प्याज के चूर्ण को गर्म करके बांधने से लाभ मिलता हैं।
7). सिर में दर्द होना:
• प्याज को पीसकर पैर के तलुवों पर लेप की तरह से लगा देने से सिर के दर्द में आराम मिलता है।
• प्याज को काटकर सूंघने से लू लगने के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर हो जाता है।
8). पेशाब में जलन:
• प्याज का काढ़ा बनाकर रोगी को पिलाने से पेशाब की जलन दूर होती है।
• 50 ग्राम प्याज को बारीक काटकर आधा किलो पानी में उबाल लें। आधा पानी रहने पर छानकर ठंडा करके पिलाने से पेशाब की जलन दूर होती है।
9). पेशाब के अधिक आने पर: 4 प्याजों को पीसकर चटनी बनाकर और उसमें इतना ही गेहूं का आटा डालकर हलवा बना लें। फिर हल्का सा गर्म रहने पर पेट पर इसका लेपकर लेट जायें। इससे पेशाब का ज्यादा आना बंद हो जाएगा।
10). कांच निकलना (गुदाभ्रंश): प्याज का रस निकालकर 2 से 4 मिलीलीटर बच्चे को रोजाना सुबह-शाम पिलाने से गुदाभ्रंश (कांच निकलना) बंद हो जाता है।
11). जुंए का पड़ना: प्याज का रस सिर में लगाने से जूंए मर जाती हैं।
12). सब्ज मोतियाबिंद: अंधेपन और धूम दृष्टि (आंखों के आगे धुंधलापन छा जाना) में प्याज के रस को शहद में मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आराम आता है।
13). यात्राजन्य रोग: सफर पर जाने से आधे घंटे पहले ही 1 चम्मच प्याज का रस और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर पी लें। इससे सफर में जी नहीं मिचलायेगा (उबकाई नहीं आयेगी) अगर सफर ज्यादा लंबा हो तो यह रस बनाकर अपने साथ ही रख लें। इससे यह रस दुबारा 4 से 6 घंटे के बाद पी सकते हैं।
14). सिर की रूसी: नहाने से पहले प्याज का रस निकालकर बालों की जड़ों में मालिश करें। सूख जाने पर इसे धो लें। इसी तरह कुछ दिनों तक रोजाना ऐसे ही प्रयोग करें। इससे सिर की रूसी कम हो जाएगी।
15). स्तनों में दूध की वृद्धि: भोजन के साथ कच्चे प्याज का सेवन अधिक मात्रा में करने से माताओं के स्तनों में दूध में वृद्धि होती है। जब भी माताएं भोजन करें तो कच्चे प्याज का सेवन भोजन के साथ अवश्य करना चाहिए।
16). मसूढ़ों के रोग:
• मसूढ़ों में पीड़ा होने पर प्याज का टुकड़ा दर्द वाली जगह पर दबाकर रखने से मसूढ़ों की पीड़ा खत्म हो जाती है।
• प्याज में नमक मिलाकर खाने से और प्याज को पीसकर मसूढ़ों पर दिन में 2 से 3 बार मलें। यह मसूढ़ों की सूजन खत्म कर मसूढ़ों को स्वस्थ करता है।
17). जुकाम: कच्चे प्याज को खाने से और प्याज के रस को सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है। सर्दी से वजह से होने वाले रोगों में प्याज बहुत ही लाभकारी है।
18). मुंह की दुर्गन्ध: प्याज व लहसुन खाने के बाद गुड़ या पान खाने से इसकी गंध दूसरों को महसूस नहीं होती है।
19). कान का जख्म: प्याज के रस और मुर्गी के अंडे की अंदर की सफेद जर्दी को मिलाकर कान में डालने से कान का जख्म भरकर ठीक हो जाता है।
20). पेशाब की जलन, बहुमूत्रता: 60 ग्राम प्याज को काटकर 1 लीटर पानी में उबाल लें और उसे छानकर पीने से पेशाब की जलन, बहुमूत्रता में लाभ होता है और बंद पेशाब भी खुलकर आने लगता है।
21). यकृत एवं प्लीहा का बढ़ना: प्याज से बनी माला को रोगी के गले में पहनाने से यकृत एवं प्लीहा का बढ़ना बंद हो जाता है।
22). बहरापन: सफेद प्याज के रस को कान में डालने से बहरापन दूर हो जाता है। बहरेपन को दूर करने का यह बहुत ही लाभकारी नुस्खा है।
23). कान का बहना:
• प्याज के रस को थोड़ा सा गर्म करके उसकी 5-7 बूंदे कान में डालने से कान में दर्द, कान से मवाद बहना और बहरेपन का रोग ठीक हो जाता है।
• सफेद प्याज को गर्म राख के अंदर दबाकर रख दें। कुछ समय बाद उस प्याज को निकालकर उसका रस निकाल लें। इस रस को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना बंद हो जाता है।
24). माहवारी अवरोध: कच्चा प्याज खाने से असमय ही रुका हुआ मासिक-धर्म नियमित हो जाता है।
25). कान के रोग:
• कान में ज्यादा तेज दर्द होने पर प्याज के रस में अफीम मिलाकर कान में डालने से कान के दर्द में आराम आता है।
• प्याज के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
• 4 बड़े-बड़े प्याज को गर्म राख के अंदर रख कर भून लें। फिर इसे पीसकर इसका रस निकाल लें। इस 50 मिलीलीटर रस में भुना हुआ सुहागा, 1 ग्राम भुनी हुई फिटकरी और सरसों की 10 बूंदे डालकर मिला लें। इस तेल को गुनगुना करके रोजाना 2-2 बूंदे सुबह-शाम कान में डालने से कान के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
26). खूनी अतिसार (दस्त): प्याज को काटकर, पानी से धोकर ताजे दही के साथ खाने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) की बीमारी से रोगी को छुटकारा दिलाता है।
27). चोट लगने पर:
• 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी, 2 चम्मच प्याज के रस में मिलाकर कपड़े में इसकी पोटली बांधकर सरसों के गर्म तेल में डूबोकर चोट लगे अंग पर सेंक करें और फिर इसे चोट वाली जगह लेप करें और कपड़ा भी लपेटकर रूई लगाकर पट्टी बांध दें। इससे चोट में लाभ मिलता है।
• 2 चम्मच प्याज का रस और 1 चम्मच शहद मिलाकर 2 बार रोजाना चाटने से चोट का दर्द व सूजन ठीक हो जायेगी।
• मोच के लिए प्याज को काटकर कपड़े में बांध लें। इसे मोच वाली जगह पर लपेट लें, इससे सूजन कम हो जायेगी।
• खरोंचे आने पर प्याज का टुकड़ा काटकर खरोंज वाली जगह पर मल दें, लेकिन कटी या फटी त्वचा पर प्याज न लगायें।
28). कान में आवाज होना: प्याज के रस को गुनगुना करके कानों में 3-4 बूंदे डालने से कानों में अजीब सी आवाज सुनाई देना, कानों का दर्द और कान में से मवाद बहना जैसे कान के रोग ठीक हो जाते हैं।
29). लकवा (पक्षाघात-फालिस फेसियल, परालिसिस): लकवे में प्याज का रस पीने से रक्त का संचार होने लगता है जिससे पक्षाघात ठीक हो जाता है।
30). नष्टार्तव (मासिक-धर्म का बंद हो जाना): प्याज का रस प्रतिदिन 2 बार 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में गर्म कर लें या प्याज को कुचलकर काढ़ा तैयार कर लें। इस काढे़ को 28 मिलीलीटर प्रतिदिन 2 बार देने से माहवारी जारी हो जाती है।
31). अपच:
• प्याज के रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पाचन क्रिया में लाभ होता है।
• प्याज और सिरके को पकाकर खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है।
• प्याज को काटकर नींबू को निचोड़कर खाना खाने के बाद खाने से अजीर्ण रोग कम हो जाता है। बच्चों को 5 से 6 बूंदे देने से अजीर्ण रोग में लाभ होता है।
32). घाव: घाव में प्याज का रस लगाने से वह जल्दी भर जाता है।
33). प्यास अधिक लगना: प्यास अधिक लगने पर प्याज, पोदीना और मिश्री को मिलाकर अच्छी तरह से घोटकर पिलायें।
34). बौनापन: बाल अवस्था से ही प्याज और गुड़ का नियमित सेवन कराने से यह शरीर की लम्बाई बढ़ाने में लाभकारी होता है।
35). गिल्टी (ट्यूमर):
• प्याज को घिसकर घी में भूनकर गिल्टी पर बांधने से आराम मिलता है।
• पानी में प्याज को उबालकर उसे अच्छी तरह से पीसकर हल्का गर्म-गर्म ही गिल्टी पर लगाने से गिल्टी जल्द ठीक हो जाती है।
• प्याज को छुरी से काटकर उसे बच्चे के पेशाब में अच्छी तरह से उबालकर रख लें, जब यह पक जाये तब इसकी टिकिया बनाकर गिल्टी पर बांधने से अवश्य लाभ मिलेगा।
36). शीतपित्त:
• प्याज के रस और सरसों के तेल को बराबर मिलाकर लगाने से फायदा होता है।
• पित्ती दोष में प्याज खाने से लाभ होता है।
37). पित्ताशय की पथरी: प्याज, लहसुन, सरसो, महुआ और सहजन की छाल को पानी के साथ पीसकर, पित्ताशय के ऊपर लेप करने से लाभ मिलता है।
38). प्लेग रोग: कच्चे प्याज अकेले या सिरका के साथ प्रतिदिन खाने से प्लेग की बीमारी दूर हो जाती है।
39). वीर्य की कमी: प्याज और अदरक का रस बराबर भाग में लेकर रोज सुबह-शाम शहद के साथ खाने से व्यक्ति वीर्यवान बन जाता है |
40). पेट दर्द:
• प्याज, पेट की गैस को बाहर निकालकर पेट में दर्द और अफारा को दूर करता है।
• प्याज को आग में गर्म करके पीसकर उसका रस निकाल लें, फिर उसमें 1 ग्राम नमक मिलाकर रोगी को पिलाने से पेट-दर्द ठीक होता है।
• नींबू का रस तथा नमक थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिलाकर प्याज के 1-2 चम्मच रस में मिलाकर पीने से पेट के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
• प्याज का रस, कालानमक और देशी घी में भुनी हुई हींग को मिलाकर सेवन करने से आराम होता है।
• आधा चम्मच प्याज का रस पीने से पेट के दर्द में आराम होता है।
• प्याज के रस में कालानमक और हींग मिलाकर सेवन करने से पेट के दर्द में राहत मिलती है।
41). पेशाब में खून आने पर: 50 ग्राम प्याज को काटकर 500 मिलीलीटर पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी उबलने पर पानी 125 मिलीलीटर के करीब रह जाये तो उसे छानकर ठंडा कर लें और 3-4 दिनों तक लगातार इस पानी को पीने से पेशाब में जलन के रोग में लाभ होता है।
42). चक्कर आना: प्याज के रस को सूंघने से सिर में आने वाले चक्कर ठीक हो जाते हैं।
43). एक्जिमा: प्याज के बीज पीसकर लेप करने से 8 से 10 सप्ताह में एक्जिमा समाप्त हो जाता है।
44). दिल की धड़कन का बढ़ जाना:
• 1 कच्चा प्याज रोजाना खाना खाने से दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है और दिल को ताकत मिलती है।
• जिनके हृदय की धड़कन बढ़ गई हो, हृदय-रोगों से बचना चाहते हैं, वे एक कच्चा प्याज नित्य खाना खाते समय खायें। इससे धड़कन सामान्य हो जायेगी। प्याज का रस उचित मात्रा में लेना खून के बहाव में सहायक है और दिल को कई बीमारियों से सुरक्षित रखता है।
• 1 चम्मच प्याज के रस में जरा-सा नमक डालकर सेवन करें।
45). उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर):
• 25 मिलीलीटर प्याज के रस में 25 ग्राम शहद को मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से कुछ सप्ताह में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) घटने लगता है।
• प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोज 10 ग्राम (दो चम्मच) की मात्रा में दिन में एक बार लेना रक्तचाप का प्रभावशाली इलाज है।
• प्याज स्नायु-संस्थान (नर्वस सिस्टम) के लिए टॉनिक, खून साफ करने वाला, पाचन में सहायक और हृदय की क्रिया को सुधारने वाला तथा अनिद्रा को रोकने वाला है।
• प्याज का रस 200 मिलीलीटर, शहद 200 ग्राम, पिसी हुई मिश्री 100 ग्राम-तीनों को मिलाकर एक शीशी में भर लें। रोज 10 मिलीलीटर पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में लाभ मिलता है।
• 1 चम्मच प्याज का रस, 1 चम्मच लहसुन का रस तथा 1 चम्मच अदरक का रस और थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर सुबह-शाम पिएं। इससे उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) की समस्या आठ-दस दिनों में ही खत्म हो जाएगी।
• 1 चम्मच प्याज का रस शहद के साथ दिन में 2 बार इस्तेमाल करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में बहुत लाभकारी है।
46). हाथ-पैरों की अकड़न: हाथ-पैरों का ऐंठन या अकड़न दूर करने के लिए प्याज का रस निकालकर गर्म करके गर्म-गर्म रस को पैरों के तलवों पर मालिश करने से अकड़न ठीक हो जाती है।
47). हाथ-पैरों में ठेक: प्याज का रस रूई में भिगोकर हाथ-पैरों पर बांधने से इस रोग से आराम मिलता है।
48). त्वचा के रोग : प्याज को आग में भूनकर गर्म-गर्म ही गिल्टी (गांठों) और फोड़ों-फुसियों पर बांधने से वे फूट जाती हैं और उनका मवाद बाहर आ जाता है। इससे सूजन, जलन, दर्द आदि भी ठीक हो जाते हैं और जख्म भी जल्दी भर जाते हैं। इन्फेक्शन (संक्रमण) का जख्म भी नहीं रहता है। एक भाग प्याज के रस को 4 भाग पानी में मिलाकर सड़े हुए, मवाद से भरे हुए जख्म को धोने और बाद में इसी घोल में भीगा हुआ (कपड़ा) जख्म पर बांधने से जख्म ठीक हो जाता है। यह खून को साफ करता है और कीटाणुओं को मारकर खुजली को मिटाता है। प्याज को कच्चा या पकाकर खाने से त्वचा का पीलापन और मुरझायी हुई त्वचा अच्छी और चमकदार हो जाती है।
49). हाथ-पैरों की जलन: प्याज का रस और सरसों के तेल बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से रोगी को रोग में जल्द लाभ मिलता है।
50). हृदय रोग: शहद में प्याज (Pyaz/Pyaj)का रस समान मात्रा में मिलाकर 2 चम्मच रोजाना सेवन करने से रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है तथा स्नायु दुर्बलता, अनिद्रा एवं हृदय की धड़कन में लाभ पहुंचाती है।
51). दाद के रोग:
• प्याज के बीज को नींबू के रस के साथ पीसकर रोजाना 2 बार लगभग 2 महीने तक दाद पर लगाने से दाद बिल्कुल ठीक हो जाता है।
• प्याज को पीसकर सिरके में मिलाकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
52). गठ्ठे (गांठे) बनने पर:
• जंगली प्याज के कन्द (फल) को पीसकर पका लें और गर्म-गर्म ही गांठ पर बांधने से बहुत जल्दी आराम आ जाता है।
• घट्टा होने पर प्याज का रस प्रतिदिन 3 बार मालिश करने से घट्टा ठीक हो जाता है।
53). सिर का दाद: 1 कप प्याज का रस लें और इसमें आधा चम्मच नमक और आधी चम्मच कालीमिर्च का पाउडर मिलाकर रोजाना 2 या 3 बार सिर पर मालिश करें। इससे सिर का दाद ठीक हो जाता है।
54). चेहरे के दाग-धब्बे: प्याज के रस में शहद को मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की झांईयां मिट जाती हैं।
55). मस्सा और तिल:
• जंगली प्याज के चूर्ण को मस्सों पर मलने से मस्से ठीक हो जाते हैं।
• प्याज के रस को मस्से पर लगाने से मस्से समाप्त हो जाते हैं।
• प्याज को नमक के साथ मिलाकर पीस लें और उसे मस्सों पर पट्टी की तरह बांधने से या लगाने से मस्से ठीक हो जाते हैं।
56). बच्चों के रोग:
• 1 गिलास पानी में 1 बड़ा चम्मच प्याज का रस मिलाकर बालों को धोने से लाभ होता है।
• प्याज के रस में शहद को मिलाकर बालों की जड़ो में रोजाना लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
• प्याज के फायदे बालों के लिए- प्याज का रस बच्चों के जहां गंजापन हो वहां रगड़ने से बाल फिर से उग आते हैं।
• 1 कच्ची तथा एक भुनी हुई प्याज को एक साथ सिलपर पीसकर उसमें 2 ग्राम जीरा और 20 ग्राम मिश्री मिलाकर बच्चे को खिलाने से लू तथा आग की लपट´ की जलन दूर होती है। • प्याज का रस आंख में डालने से बच्चों की
आंख का दर्द´ दूर हो जाता है।
• प्याज का रस निकालकर पिलाने से बच्चों के पेट के कीड़े मर जाते हैं। बच्चों को यदि बदहजमी (भोजन हजम न हो रहा हो) हो जाये तो प्याज के रस की 2-4 बूंदे पिलाने से लाभ होता है।
• प्याज के थोड़े से रस में बाजरे के बराबर अफीम घोलकर पिलाने से दस्त बंद हो जाते हैं।
• 1 ग्राम प्याज के रस में मूंग के दाने के बराबर हींग मिलाकर बच्चे को सुबह-शाम पिलाने से पेट के सभी कीड़े मर जाते हैं।
• अगर पसली चलने का रोग (डिब्बा की बीमारी) हो तो पहले दस्त की दवा दें। उसके बाद प्याज के रस में एलुवा घोलकर पसली पर लगायें या शहद में मिलाकर बच्चे को चटायें।
57). रतौंधी (आंख से कम दिखाई देना) हो, तो प्याज का रस आंखों में लगायें अथवा समन्दर-फल का गूदा पीसकर बकरी के सफेद दाग: प्याज के रस में शहद और सेंधानमक मिलाकर रोजाना दो बार लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाता है।
58). सौंदर्यप्रसाधन: प्याज को पीसकर शहद के साथ मिलाकर लेप करने से झाई और गंजापन पर लगाने से लाभ होता है।
59). कण्ठ रोहिणी :
• पानी को उबालकर, उसमें प्याज का रस डालकर बच्चे को भाप (पानी को गर्म करके उसका धुंआ गले के अंदर लेना) में सांस लेने के पेशाब में मिलाकर आंख में लगायें या लाहौरी नमक को सलाई से आंखों में लगायें अथवा दही के पानी में थूक मिलाकर आंख में लगाए अथवा कालीमिर्च अपने थूक में मिलाकर आंखों में लगायें। इससे रतौंधी (आंख से कम दिखाई देना) में आराम आता है।
• अगर बच्चे की आंख में गर्मी हो तो प्याज के रस में मिश्री मिलाकर आंख में लगाए या लाल चन्दन को पीसकर आंख के ऊपर लगायें।
• अगर बच्चे की आंख में दर्द हो, तो प्याज का रस आंख में डालने से लाभ होता है।
• सफेद प्याज को भूनकर बिल्कुल बारीक पीस लें फिर उसमें घी डालकर गोली बना लें और माथे पर लगाकर ऊपर से एरण्ड का ताजा पत्ता रखकर उसे बांध दें। रोज शाम को वह गोली निकालकर फेंक दें और सिर को बहुत अच्छी तरह से धोकर तलवे पर गाय का घी लगा दें। साथ ही सफेद प्याज का रस, थोड़ी सी मिश्री और जीरा मिलाकर पिलायें। ऐसा करने से बच्चों का बार-बार प्यास लगने का रोग मिट जाता है।
• अगर लू या आग की लपक लग जाये तो एक प्याज को भून लें और एक को कच्चा रखें। फिर उनको एक साथ सिलपर पीसकर और साथ ही 2 ग्राम जीरा और 20 ग्राम मिश्री मिलाकर खिलाने से लाभ होता है।
60). गले के रोग में:
• प्याज को पीसकर सिरके में मिलाकर चाटने से गले के रोगों में लाभ होता है।
• प्याज के रस को गर्म करके गरारे करने से गले की खरास (गले का सूखना) और बैठी हुई आवाज ठीक हो जाती है।
• सावधानी : मूत्रव्याधि (पेशाब से सम्बंधित रोग) में रोगियों के लिए प्याज हानिकारक हो सकता है, क्योंकि प्याज में प्यरतु एसिड नामक पदार्थ पाया जाता है जो पेशाब के रोगों के लिए हानिकारक है। इसके अलावा पेट का फूलना, मस्तिष्क दौर्बल्य (दिमाग की कमजोरी), वात, सिरदर्द आदि रोगों के होने की संम्भावना होती है।
• बचाव : प्याज को उपयोग में लाने से पहले नमक के पानी में अच्छी तरह भिगोकर सेवन करने से इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
61). आंखों के रोग: प्याज(Pyaz/Pyaj) के रस को आंखों में डालते रहने से आंखों की रोशनी बढ़ती है तथा धुंध, नाखून, जाला, गुबार और मोतियाबिंद आदि आंखों के रोग दूर होते हैं।
62). अनिद्रा (नींद का कम आना): कच्चा लाल प्याज या पकाये हुए प्याज को गर्म राख में पकाकर या इसका रस 4 चम्मच पीने से नींद अच्छी आती है।
63). जाला (आंखों की पुतली पर उत्पन्न सफेदी जाला): रूई की बत्ती को प्याज के रस में भिगोकर सुखाकर तिल के तेल में जलाकर लगाने से आंखों का जाला (आंखों की पुतली पर पैदा हुआ सफेद जाला) दूर होता है।
64). ऐंठन: ऐंठन होने और झटके लगने पर प्याज के गर्म-गर्म रस से पैर के तलुओं पर मालिश करने से आराम मिलता है।
65). कुत्ते या सियार के काटने पर: प्याज को पीसकर शहद में मिलाकर जानवर के द्वारा काटे हुए अंग (भाग) पर लगाने और प्याज का रस पिलाने से जहर दूर हो जाता है।
66). मस्से: प्याज का रस लगाने से मस्से नष्ट हो जाते हैं।
67). स्तनों में दूध-वृद्धि: भोजन में कच्चे प्याज का सेवन अधिक मात्रा में करने से स्तनपान कराने वाली औरतों का दूध बढ़ जाता है।
68). मिर्गी (अपस्मार): रोजाना सुबह लगभग 72 मिलीलीटर प्याज का रस थोडा-सा पानी मिलाकर पीने से मिर्गी का दौरा बंद हो जाता है। ऐसा कम से कम 40 दिनों तक कर सकते हैं। मिर्गी के दौरे में प्याज का रस सूंघने से होश में आ जाता है।
69). लू का लगना:
• लगभग 2 ग्राम जीरे के चूर्ण को पीसी हुई प्याज के साथ मिश्री मिलाकर खाने से लू में बहुत लाभ मिलता है।
• प्याज के रस को कनपटियों और छाती पर मसलने से लू ठीक हो जाती है।
• गर्मी के दिनों में धूप में निकलने से पहले एक कच्चा प्याज साथ में ले जाने से लू लगने का खतरा नहीं रहता है।
• रोगी को प्याज का रस लगभग 1 चम्मच की मात्रा में थोड़ी-थोड़ी देर में देते रहने से लू से बचा जा सकता है।
• प्याज तथा सिरका मिलाकर इसकी चटनी बनाकर खाने से लू से राहत मिलती है।
• प्याज का ताजा रस शरीर पर मलने से लू का असर तुरंत नष्ट हो जाता है।
70). कान में दर्द:
• कान में दर्द, कान में पीव और कान में आवाज आना और बहरापन होने पर प्याज के रस को थोड़ा-सा गर्म करके उसकी 5-7 बूंदे कान में डालने से लाभ मिलता है।
• प्याज या लहसुन के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान के दर्द में लाभ होता है।
• 1 प्याज को गर्म राख में रखकर भून लें और इसे पीस लें। फिर इसका रस निकालकर गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है।
• गधे की लीद (टट्टी) का रस, गुलाबजल, सिरका और प्याज के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है।
• प्याज के बीच के हिस्से को निकालकर गर्म कर लें। फिर इस गर्म भाग को कान में रखने से कान का दर्द चला जाता है।
• प्याज के रस को गर्म करके उसकी 2-4 बूंदे कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है।
71). बिच्छू के काटने पर: प्याज को काटकर उस पर बुझा हुआ चूना लगाकर बिच्छू के डंक पर रगड़ने से बिच्छू के काटे का जह़र तुरंत उतर जाता है।
72). गंज (सिर पर कहीं से बाल उड़ जाने को गंज कहते हैं): प्याज के फायदे बालों के लिए- गंज वाले भाग पर प्याज का रस रगड़ने से बाल वापस उगने लगते हैं और बाल गिरने रुक जाते हैं।
73). हिचकी (हिक्का):
• प्याज को काटकर और धोकर नमक डालकर रोगी को खिलाने से हिचकी रुक जाती है।
• 10 मिलीलीटर प्याज के रस में 10 ग्राम शहद को मिलाकर उसे चाटकर खाने से हिचकी जल्द बंद हो जाती है।
• प्याज काटकर नमक डालकर हर घंटे के अंतर से खाने से हिचकी नहीं आती है।
• 10 ग्राम प्याज के रस में थोड़ा-सा काला नमक और सेंधानमक मिलाकर चाटने से हिचकी आना बंद हो जाती है।
• हिचकी उठने पर प्याज के रस को शहद के साथ सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
• प्याज का रस 1 चम्मच में शहद को मिलाकर सेवन करने से हिचकी में लाभ होगा।
74). जलोदर (पेट में जल का भरना) :
• प्याज का रोजाना सेवन करने से बुखार, जलोदर (पेट में पानी का भरना), जुकाम, पुरानी खांसी आदि रोगों में लाभ पहुंचता है।
• कच्चा प्याज खाने से पेशाब खुलकर आता है जिससे जलोदर (पेट में पानी भरना) की बीमारी ठीक हो जाती है।
• प्याज को खाने से जलोदर (पेट में पानी के भरने से पेट का फूलना) में आराम मिलता है।
75). आमाशय की कमजोरी: 1-2 प्याज को 50 मिलीलीटर सिरके के साथ मिलाकर खाने से आमाशय को ताकत मिलती है।
76). कब्ज :
• कच्चा प्याज रोजाना भोजन के साथ खाने से कब्ज का रोग ठीक होता है।
• प्याज के काढ़े को बनाकर रोज 40 मिलीलीटर दिन में 2-3 बार सेवन करने से लाभ होता है।
77). पेट में कृमि (कीड़े) और अजीर्ण: 1 चम्मच प्याज के रस को हर 2-2 घंटे के बाद रोगी को पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और बदहजमी भी ठीक हो जाती है।
78). अम्लपित्त (एसिडिटी):
• 60 ग्राम सफेद प्याज के टुकड़ों को 30 ग्राम दही में मिलाकर रोजाना 3 बार खाने से कम से कम 7 दिनों तक सेवन करने से अम्लपित्त (एसिडिटी) के रोग में लाभ होता है।
• प्याज के रस में नींबू को निचोड़कर पीने से पेट, छाती और पेशाब की जलन शांत होती है।
79). अजीर्ण:
• लाल प्याज को काटकर उस पर नींबू निचोड़कर खाने से अजीर्ण (भूख का कम लगना) का रोग दूर होता है।
• बच्चों के अजीर्ण (भूख का कम लगना) में प्याज के रस की 5 बूंद पिलाने से लाभ होता है।
80). पेचिश (मल में खून का आना) : आंव (एक प्रकार का सफेद तरल पदार्थ), खून के दस्त आने पर एक प्याज को काटकर, पानी से धोकर गाय के ताजे दही के साथ खाने से लाभ मिलता है।
81). दस्त : प्याज (Pyaz)को पीसकर नाभि पर लेप करने से दस्त रुक जाते हैं।
• 30 मिलीलीटर प्याज के रस में 1 राई के बराबर अफीम मिलाकर रोगी को पिलाने से दस्त, मरोड़ आना बंद हो जाते हैं।
• प्याज को बारीक पीसकर पेस्ट बनाकर नाभि पर लगाने से भी दस्त में लाभ मिलता है।
• प्याज के रस को पीने से भोजन करने के कारण होने वाले दस्त में लाभ मिलता है।
• प्याज के रस में बहुत थोड़ी-सी मात्रा में अफीम को मिलाकरं सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।
82). जी मिचलाने पर: प्याज में नमक को लगाकर खाने से जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
83). स्त्रियों को हिस्टीरिया या बेहोश हो जाना: अगर औरत हिस्टीरिया के रोग की वजह से बेहोश हो गई हो तो प्याज के रस को उसे सुंघाने से औरत को तुरंत होश आ जाता है।
84). पीलिया (पाण्डु):
• छोटे प्याज को छीलकर उनको चौकोर काटकर सिरके या नींबू के रस में डाल दें, ऊपर से नमक, कालीमिर्च डालकर खा लें, इस तरह रोजाना सुबह और शाम प्याज खाने से पीलिया का रोग दूर होता है।
• आधा कप सफेद प्याज के रस में गुड़ और पिसी हुई हल्दी मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ होता है।
85). बिवाइयां (पैरों की एड़ियों का फटना): कच्चा प्याज पीसकर एड़ियों पर बांधने से फटी एड़ियां ठीक हो जाती हैं।
86). खूनी बवासीर:
• 100 मिलीलीटर प्याज के रस में 50 ग्राम शक्कर मिलाकर पीने से खूनी बवासीर के रोग में लाभ मिलता है।
• प्याज के 125 मिलीलीटर रस में 20 ग्राम मिश्री मिलाकर रोजाना 1 बार रोगी को पिलाने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है।
• प्याज का रस 4 चम्मच निकालकर इसे चीनी के साथ पीयें और 1 कच्चा प्याज रोज खायें। इससे खूनी बवासीर ठीक होती है।
• 2 प्याज को गर्म करके राख में भूनकर पीस लें और फिर उन्हें घी में सेंककर गर्म लुगदी से मस्सों की जगहों पर सेंककर बांध दें। इससे बवासीर के मस्सों का दर्द ठीक हो जाता है।
• बवासीर के रोग में आधा कप प्याज का रस, 1 चम्मच घी और 3 चम्मच चीनी को मिलाकर खाने से आराम मिलता है।
• 2 प्याज को पीसकर लेप करने से बवासीर और गुदाभ्रंश (कांच का बाहर निकलना) के रोग में लाभ होता है।
• बवासीर के मस्सों को दूर करने के लिए 2 प्याज को भूमल (धीमी आग या राख की आग) सेंककर छिलका उताकर लुगदी बनाकर मस्सों पर बांधने से मस्से तुरंत नष्ट हो जाते हैं।
87). पेशाब की रुकावट: 1 लीटर पानी में 45 ग्राम प्याज के टुकड़े डालकर घुमाएं और उबाल लें। फिर इसे छानकर रोजाना 3 बार रोगी को पिलाने से पेशाब खुलकर तथा बिना कष्टों के आता है। इससे बार-बार पेशाब आना भी ठीक हो जाता है। यदि पेशाब बंद हो गया हो तो वह भी आने लगता है।
88). बालों को काले करना: onion for hair in hindi –प्याज को पीसकर बालों पर लेप करने से बाल काले रंग के उगने लगते हैं।
89). पथरी:
• प्याज के रस में चीनी डालकर शर्बत बनाकर पीने से पथरी कट-कटकर बाहर निकल जाती है।
• 50 मिलीलीटर प्याज के रस को सुबह भूखे पेट रोजाना पीते रहने से वृक्क (गुर्दों) व मूत्राशय की पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है।
• प्याज के 10-20 मिलीलीटर ताजा रस को दिन में 3 बार तक 3 महीने तक पीने से गुर्दे और मसाने की पथरी गलकर निकल जाती है और पेशाब साफ होता है।
• प्याज का रस निकालकर 2 चम्मच रस में मिश्री मिलाकर 20 से 25 दिनों तक प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
• पेशाब की पथरी को दूर करने के लिए प्याज के रस में पुराना गुड़ मिलाकर खाना चाहिए।
90). विरेचन (पेट को साफ करना): सामान्य प्रकार के 3 प्याज और 10-15 ग्राम इमली के पत्तों की गोली बनाकर रोगी को खिलाने से विरेचन (दस्त) होता है और पेट साफ होता है।
91). मूत्रवर्धक (पेशाब का अधिक आना): प्याज के बीजों के 5-10 मिलीलीटर तेल का सेवन करने से मूत्र साफ हो जाता है और कफनि:सारक रोग में लाभ मिलता है।
92). श्वास (दमा) रोग:
• प्याज को पीसकर सूंघने से खांसी, सांस, गले के रोग, टांन्सिल और फेफडे़ के रोग में आराम होता है। प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी लाभ मिलता है।
• 40-60 मिलीलीटर प्याज के काढ़े को सुबह-शाम रोगी को पिलाने से दमा के रोग में लाभ होता है।
• प्याज का रस, अदरक का रस, तुलसी के पत्तों का रस और शहद सभी को 3-3 मिलीलीटर की मात्रा में लेकर चाटकर खाने से अस्थमा रोग नष्ट हो जाता है।
• सफेद प्याज के रस में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से दमा ठीक हो जाता है।
93). पाचन (भोजन को पचाने की शक्ति): प्याज के रस के पीने से आंतों की क्रिया शक्ति (कार्य करने की क्षमता) बढ़ती है और दस्त साफ आते हैं।
94). रक्तस्राव (खून का बहना): सफेद प्याज के 20 से 30 मिलीलीटर रस को दिन में 2-3 बार पीने से खून का बहना बंद हो जाता है। सफेद प्याज को छाछ के साथ देना भी लाभदायक होता है।
95). अफारा (गैस का बनना):
• 20 मिलीलीटर प्याज के रस में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग हींग और 1 ग्राम कालानमक मिलाकर दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से वादी का दर्द और पेट का फूलना बंद हो जाता है।
• प्याज के रस में हींग और कालानमक पीसकर मिलाकर पीने से अफारा और पेट का दर्द दूर हो जाता है।
96). फोड़े-फुंसियां:
• प्याज को कूटकर पीस लें, उसमें हल्दी, गेहूं का आटा, पानी और शुद्ध घी मिलाकर थोड़ी देर आग पर पकाकर पोटली बनाकर फोड़े पर बांधने से फोड़ा फूट जाता है और आराम मिलता है।
• प्याज को पीसकर उसकी पोटली बनाकर फोड़े पर बांधने से फोड़ा फूट जाता है और उसकी मवाद निकलने के बाद फोड़ा सूख जाता है।
• प्याज को पीसकर घी में भूनकर फोड़े या घाव पर पोटली की भांति बांधने से इसमें बहुत लाभ मिलता है।
• प्याज को गर्म राख में भूनकर और इसको कुचलकर गुड़ के साथ मिलाकर फोड़े पर बांधने से फोड़ा पक जाता है।
97). गठिया (जोड़ों का दर्द):
• सरसों के तेल और प्याज के रस को मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
• प्याज का रस और राई के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से गठिया का रोग नष्ट हो जाता है।
• गठिया दर्द को दूर करने के लिये जंगली प्याज को कूटकर पोटली बनाकर बांधने से रोगी को लाभ मिलता है।
98). बद या गांठ: 1-2 प्याज के रस को बच्चे के पेशाब में पीसकर गर्म करके बंद गांठ पर लगाने से बंदगांठ टूटकर निकल जाती हैं।
99). सफेद कुष्ठ (दाग): प्याज के बीजों का लेप करने से सफेद दागों में लाभ मिलता है।
100). रक्त विकार (खून की खराबी़): 50 मिलीलीटर प्याज का रस, 10 ग्राम मिश्री तथा सफेद भुना हुए जीरे को 1 ग्राम की मात्रा में रोजाना खाने से छाजन (खुजली), पामा और खून की खराबी के रोग दूर होते हैं।
101). हैजा (विसूचिका):
• हैजा होने पर लगभग 25 मिलीलीटर प्याज के रस में थोड़ा-सा नमक डालकर हर 1-1 घंटे के बाद रोगी को पिलाने से लाभ होता है।
• 20 मिलीलीटर प्याज का रस गुनगुना करके घंटे-घंटे भर बाद थोड़ा-सा नमक डालकर पिलाना चाहिए।
• 10 मिलीलीटर प्याज के रस में 5 ग्राम शहद मिलाकर रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर बाद दें।
• हैजा में प्याज का रस चूने के पानी में घोलकर पिलाते रहने से पूर्ण लाभ होता है। प्याज के रस की मिलीलीटर 10 से 20 ग्राम लें।
• 25 ग्राम प्याज को 6-7 कालीमिर्च के साथ अच्छी तरह पीसकर, पानी में घोटकर रोगी को पिला दें। पिलाते ही घबराहट प्यास, उल्टी एवं दस्त में आराम आ जाएगा।
• प्याज के रस में पोदीने का रस मिलाकर हर 10-10 मिनट में 1-1 चम्मच रोगी को पिलाना हैजे के रोग के लिए हितकारी होता है।
• हैजा फैलने से बचने के लिए 25 मिलीलीटर प्याज का रस, 1 कप पानी, 1 नींबू, थोड़ा-सा नमक, कालीमिर्च और अदरक के रस को एक साथ मिलाकर रोजाना दिन में 4 बार पिलाते रहने से हैजा नहीं होता है।
• 6 मिलीलीटर प्याज का रस, लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कालीमिर्च का बारीक चूर्ण, लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कपूर और 25 मिलीलीटर चूने या केले का पानी मिलाकर 15-15 मिनट के या आधे घंटे के बाद रोगी को देने से वमन (उल्टी) तथा दस्त बंद हो जाते हैं तथा शरीर की ऐंठन भी दूर हो जाती है।
• प्याज के रस में चूने के पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर रोगी को पिलाने से हैजे का रोग ठीक हो जाता है।
• रोगी के मुंह में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कपूर डालकर ऊपर से 10 मिलीलीटर प्याज का रस डाल देने से असाध्य (बिगड़ा हुआ) हैजे का रोग भी दूर हो जाता है।
102). दांतों की टी.बी: कच्चे प्याज को खाने से मुंह के हानिप्रद कीटाणु समाप्त हो जाते हैं और यह दांतों की टी.बी. को रोकता है और सांस की बदबू को भी समाप्त कर देता है।
103). दिल का दौरा: सुबह 1 प्लेट प्याज के टुकड़े करके उसको तले या उबाल लें। इस प्याज के रोजाना सेवन करने से व्यक्ति को दिल के दौरे नहीं पड़ते हैं।
104). सुजाक (गिनोरिया) रोग: 6 मिलीलीटर प्याज का रस, 4 ग्राम गाय का घी और 3 ग्राम शहद को मिलाकर सुबह-शाम चाटने से तथा रात को दूध पीने से हस्तमैथुन के कारण उत्पन्न नपुंसकता (नामर्दी) और सुजाक प्रमेह का रोग दूर होता है।
105). शरीर को शक्तिशाली बनाना:
• प्याज, शहद और मिश्री को एक साथ मिलाकर खाने से पेट से सम्बंधित रोग खत्म हो जाते हैं और शरीर में ताकत की वृद्धि होती है।
• प्याज के रस को घी में मिलाकर पीने से शरीर में शक्ति के साथ ही साथ संभोग (सेक्स) करने की क्षमता भी बढ़ती है।
• लगभग 10 मिलीलीटर की मात्रा में सफेद प्याज के रस को 10 ग्राम शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम को लगातार 40 दिनों तक चाटने से संभोग करने की क्षमता में वृद्धि होती है।
• लगभग 8 मिलीलीटर की मात्रा में सफेद प्याज का रस, लगभग 6 मिलीलीटर की मात्रा में अदरक का रस, लगभग 4 ग्राम की मात्रा में शहद और 20 मिलीलीटर की मात्रा में घी मिलाकर चाटने से शरीर मजबूत होता है और शरीर के अंदर ताकत आती है।
• प्याज के रस में समान मात्रा में शुद्ध देशी घी मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
• 1 चम्मच प्याज के रस को 2 चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से शरीर को ताकत मिलती है।
106). नशा उतारना: जो व्यक्ति नशे में होता है उस व्यक्ति को 1 प्याज का रस रोजाना पिलाने से उसका नशा उतर जाता है।
107). घट्टा (पैर का गोखरू): प्याज का रस प्रतिदिन पैर में लगाने से पैर नर्म हो जाने पर घट्टे को काटकर फेंक दें।
108). वीर्यवर्धक :
• प्याज के सेवन से वीर्य अधिक बनता है।
• 60 ग्राम लाल प्याज के बारीक टुकड़े को इतने ही घी और 250 मिलीलीटर दूध में मिलाकर गर्म करें। फिर इसमें मिश्री मिलाकर 20 दिनों तक रोजाना सेवन करने से खोई हुई ताकत वापस आ जाती है।
• 1 चम्मच प्याज के रस को आधा चम्मच शहद में मिलाकर पीने से वीर्य का पतलापन दूर होता है तथा वीर्य में बढ़ोत्तरी होती है।
• प्याज को किसी बर्तन में भरकर, बर्तन का मुंह इस प्रकार बंद कर देना चाहिए कि उसमें हवा न जाने पाये, फिर इस बर्तन को जहां गाय बंधती हो उस जमीन में गाड़ देना चाहिए। 4 महीने बाद निकालकर 1 प्याज रोजाना खाने से वीर्यशक्ति बढती है।
• आधा किलो प्याज का रस, 2 किलो शहद और 250 ग्राम चीनी को मिलाकर शर्बत के रूप में रोजाना 25 मिलीलीटर तक पीने से वीर्यशक्ति बढ़ती है।
• लगभग 15-20 मिलीलीटर प्याज का रस, शहद और शराब को मिलाकर पीने से शरीर में चुस्ती-फूर्ती रहती है।
• 30 प्याज को इतने ताजे दूध में डालें कि प्याज दूध में अच्छी तरह डूब जायें, फिर इसे आग पर इतना पकायें की प्याज गल जाये, पकने के बाद इसे आग से नीचे उतार लें, अब इसे प्याज की मात्रा के बराबर गाय के घी और शहद में मिलाकर थोड़ी देर तक पकायें और अंत में इसमें 60-60 ग्राम कुलंजन डालकर 3-4 चम्मच की मात्रा में खाने से शरीर में वीर्यशक्ति तेज होती है।
109). स्वप्नदोष (नाइटफॉल): 10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस, 8 मिलीलीटर अदरक का रस, 5 ग्राम शहद और 3 ग्राम घी को एकसाथ मिलाकर रात को सोते समय पीने स्वप्नदोष का रोग नहीं होता है।
110). सांप के काटने पर: 15 मिलीलीटर प्याज के रस और 15 मिलीलीटर सरसों के तेल को अच्छी तरह मिलाकर रोगी को 1 दिन में 3 बार आधे-आधे घंटे के बाद पिलाने से सांप का जहर उतर जाता है और रोगी ठीक हो जाता है।
111). जुकाम: 10-20 मिलीलीटर प्याज के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार चाटने से नजला दूर हो जाता है।
112). रतौंधी (रात को दिखाई न देना):
• प्याज के फल को दबाकर निकाले हुए रस में जरा सा लवण (नमक) मिलाकर आंख में 2-2 बूंद करके डालें। इससे रतौंधी (रात में दिखाई न देना) के रोग में लाभ मिलता है।
• प्याज का रस आंखों में डालने से या लगाने से रतौंधी रोग धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।
113). आंखों की रोशनी: प्याज के रस को शहद में मिलाकर आंखों में लगाने से आंखो की रोशनी तेज होती है।
114). काले दाग: चेहरे के काले दागों पर प्याज का रस लगाने से दागों का कालापन दूर होता है और चेहरे की चमक बढ़ती है।
115). नकसीर:
• नकसीर (नाक से खून आने पर) में प्याज का रस नाक में डालने से नाक और गले का संक्रमण ठीक हो करके नकसीर के रोग में लाभ पंहुचता है।
• प्याज के रस को बूंद-बूंद करके नाक में डालने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग ठीक हो जाता है।
• प्याज और पुदीने के रस को मिलाकर सूंघने से नकसीर (नाक से खून बहना) रुक जाती है।
• प्याज के रस को नाक से सूंघने से नाक से खून आना बंद हो जाता है।
116). यक्ष्मा (टी.बी.):
• कच्चे प्याज पर नमक डालकर खाने से यक्ष्मा (टी.बी.) के कीटाणुओं को खत्म करके लाभ होता है।
• प्याज का रस अथवा प्याज का सूप बनाकर पीने से टी.बी. रोग का कफ नष्ट हो जाता है।
117). खून की कमी (एनीमिया):
• कच्चे प्याज में लोहा, विटामिन `सी´, गन्धक और तांबे आदि खनिज पाये जाते हैं, जिसके कारण पाचन अंगों में उत्तेजना उत्पन्न होती है और खून की कमी पूरी होने के साथ-साथ शारीरिक ताकत भी बढ़ती है।
• प्याज के रस को निकालकर 2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर प्रतिदिन सेवन करना खून के रोगियों को लाभ होता है।
118). उल्टी:
• 2 चम्मच अदरक और प्याज का रस पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
• 5-5 मिलीलीटर प्याज और नींबू का रस लेकर उसमें नमक मिलाकर पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
119). जहरीले कीड़ों के काटने पर:
• मधुमक्खी, विषैले कीड़े, बिच्छू, भिड़ आदि के काटने पर प्याज को पीसकर काटे हुए स्थान पर लेप करने से जहर उतर जाता है। बिच्छू के काटने पर प्याज के टुकड़ों पर नमक डालकर रोगी को खिलाने से आराम मिलता है।
• जहरीले कीड़ों के काटने पर प्याज के रस को काटे हुए स्थान पर मलने से कटे हुए अंग की जलन शांत हो जाती है।
120). दांतों एवं मसूढ़ों में दर्द: प्याज का टुकड़ा मुंह में दर्द वाले भाग पर रख देने से दांतों और मसूढ़ों की पीड़ा कम हो जाती है।
121). स्नायुविक (नर्वस सिस्टम) व वातरोग: प्याज को खाने से स्नायुविक (नर्वस सिस्टम) और वातरोग में लाभ मिलता है।
122.खांस: बच्चों और बूढ़ों के सारे कफ विकारों में (यदि यह बिना बुखार के हो) तो प्याज बहुत उपयोगी होता है। कच्चे प्याज के रस में मिश्री मिलाकर बच्चों को चटाया जाता है। बूढ़ों के लिए प्याज को पकाकर या प्याज की लुगदी को गरम-गरम सेवन करना चाहिए।
123). दांतों का दर्द: प्याज और कलौंजी को बराबर मात्रा में लेकर चिलम में भरकर उसका धुंआ गले में लेने से मसूढ़ों की सूजन और दांतों का दर्द मिट जाता है।
124). बुखार: 1 प्याज के बीच की मोटाई के ऊपर कालीमिर्च को छिड़ककर दिन में 2 बार सेवन करने से गंदी हवा के कारण पैदा हुआ बुखार दूर हो जाता है।
125). मोतियाबिंद:
• 10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस, 10 मिलीलीटर अदरक का रस, 10 मिलीलीटर नींबू का रस और 50 मिलीलीटर शहद को मिलाकर इस रस की 2-2 बूंदे रोजाना आंखों में डालने से मोतियाबिंद कट जाता है।
• 10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस, 10 ग्राम असली शहद (छोटी मक्खियों का पतला शहद), 2 ग्राम भीमसेनी कपूर इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर शीशी में रख लें। रात को सोने से पहले कांच की सलाई से आंखों में लगाने से शुरूआती मोतियाबिंद जल्दी ही रुक जाता है। यदि उतरा हुआ भी हो तो साफ हो जाता है।
• 10-10 मिलीलीटर प्याज और अदरक के रस को 40 ग्राम शहद में मिलाकर आंखों में सुबह-शाम लगाने से मोतियाबिंद में आराम आता है।
126). गले के रोग: प्याज को सिरके में पीसकर चाटने से गले के रोग ठीक हो जाते हैं।
127). कान की सूजन: अलसी को प्याज के रस में पकाकर छान लें, इसकी 4-8 बूंद कान में डालने से कान के अंदर की सूजन समाप्त हो जाती है।
128). स्वरभंग (आवाज़ का खराब होना): प्याज को आग में दबाकर उसका भुर्ता बना लें। रोगी को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग भुना सुहागा खिलाकर ऊपर से प्याज का भुर्ता खिलाने से आवाज ठीक हो जाती है।
129). मासिक-धर्म नियमित लाना: कच्चे प्याज को रोजाना खाने से मासिक-धर्म समय पर आता है।
130). आमातिसार: प्याज के अंदर लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग अफीम रखकर उसको सेंककर रोगी को खिलाने से आमातिसार (आंवयुक्त दस्त) ठीक हो जाते हैं।
131). कनखजूरा के जहर पर: प्याज और लहसुन को बराबर मात्रा में पीसकर लगाने से कनखजूरे का जहर उतर जाता है।
132). रोग से बचाव के लिए: वायु के कारण फैलने वाले रोगों के उपद्रवों से बचने के लिए प्याज को काटकर पास में रखने या दरवाजे पर बांधने से बचाव होता है।
133). वायुप्रणाली की सूजन (ब्रोंकाइटिस): वायु प्रणाली की पुरानी सूजन में प्याज(Pyaz/Pyaj) लाभकारी होती है। बच्चों को प्याज के रस में मिश्री मिलाकर देना चाहिए। वृद्धों को प्याज पकाकर सेवन करना चाहिए। इससे वायुप्रणाली का शोथ नष्ट हो जाता है।
134). अण्डकोष की खुजली: प्याज का रस सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से कण्डू और अन्य प्रकार की खुजली मिट जाती है।
135). फेफड़ों के विकार: प्याज पकाकर सेवन करने से लाभ मिलता है। बच्चों के प्याज के रस में मिश्री मिलाकर सेवन करने से फेफड़ों के विकार नष्ट हो जाते हैं।
136). आंखों के रोहे, फूले: प्याज का रस आंखों के फूलों को समाप्त कर देता है। इसे 1 से 2 बूंद रोजाना 2 से 3 बार आंखों में डाले।
137). नपुसंकता (नामर्दी):
• सफेद प्याज का रस 8 मिलीलीटर, अदरक का रस 6 मिलीलीटर, शहद 4 मिलीलीटर और घी 3 मिलीलीटर मिलाकर 6 हफ्ते खाने से नपुंसकता खत्म हो जाती है।
• सफेद प्याज को कूटकर 2 लीटर रस निकाल लें। इसमें 1 किलो शुद्ध शहद मिलाकर धीमी आग पर पकायें जब सिर्फ शहद ही बचकर रह जाये तो आग से उतार लें और उसमें आधा किलो सफेद मूसली का चूर्ण मिलाकर चीनी या शीशे के बर्तन में भर दें। 10 से 20 ग्राम तक दवा सुबह-शाम खाने से नामर्दी मिट जाती है।
• प्याज के रस में घी और शहद मिलाकर खाने से नपुंसकता दूर होती है। प्याज का रस 10 से 20 मिलीलीटर रोज सुबह-शाम लें।
• प्याज का रस 10 से 20 मिलीलीटर मिश्री मिले दूध के साथ सुबह-शाम लेने से नपुंसकता दूर होती है।
138). मलेरिया का बुखार: आधा प्याज का टुकड़ा पीसकर रस निकाल लें। इस रस में 1 चुटकी कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है।
139). दांतों का दर्द: दांतों में दर्द होने पर प्याज का टुकड़ा दर्द वाले दांतों के नीचे दबाकर रखें या प्याज को चबाकर दांतों के नीचे दबाकर रखें। इससे दांतों के दर्द में आराम मिलता है।
140). आंखों का फूला जाला:
• रूई की बत्ती प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। इसे तिल के तेल में जलाकर काजल बनाकर लगाने से आंख का जाला दूर हो जाता है।
• प्याज का रस गुलाब जल में मिलाकर आंखों में डालने से जाला दूर हो जाता है।
141). प्याज की गंध : धनिया, इलायची या शक्कर खाने से प्याज की गंध नहीं आती है।
• साग-सब्जी में से प्याज की गंध को दूर करने के लिए पकाने के बाद थोड़ी-सी चीनी पानी में घोलकर सब्जी में डालने से प्याज की गंध कम हो जाती है।
• बर्तन से प्याज की गंध दूर करने के लिए बर्तनों को नमक मिले गुनगुने पानी से साफ करने से उनमें से गंध नहीं आती है।
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।
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