Last Updated on July 24, 2020 by admin
माँ सरस्वती का अत्यन्त प्रिय “नील सरस्वती मन्त्र” : nil saraswati mantra
मन्त्र विनियोग –
ॐ अस्य महाविद्या मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, सरस्वती देवता, ममाभीष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोगः ।
नील सरस्वती मन्त्र –
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं क्लीं ह्रीं ऐं ब्लूं स्त्रीं
नीलतारे सरस्वती द्रां द्रीं क्लीं ब्लू सः।
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौंः सौः ह्रीं स्वाहा।
नील सरस्वती मंत्र के लाभ – nil saraswati mantra benefits
शास्त्रों में इसको सरस्वती का अत्यन्त प्रिय मन्त्र बताया है और कहा गया है कि जो इस मन्त्र को सिद्ध कर लेता है वह किसी भी विषय पर धाराप्रवाह बोल सकता है और किसी भी विषय पर शास्त्रार्थ में पूर्ण सफलता प्राप्त कर सकता है।
बालक जब जन्म ले तब स्नान कराकर दूर्वा से इस मन्त्र को उसकी जीभ पर लिखने से उसे समस्त शास्त्र कंठस्थ हो जाते हैं और समस्त संसार में उसे विजय प्राप्त होती है। एक प्रकार से देखा जाय तो वह विद्या के क्षेत्र में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करता है।
सरस्वती मन्त्र : saraswati mantra
विनियोग –
ॐ अस्य सरस्वती मंत्रस्य कण्व ऋषिः, विराट् छंदः, वाग्वादिनी देवता, मम सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियोगः ।
ध्यान –
तरुण शकल मिन्दो बिम्रती शुभ्र कान्ति,
कुचभरनमितांगीसन्निषण्णा सिताब्जे ।
निजकर कमलोघल्लेखनी पुस्तक श्रीः,
सकल विभव सिद्ध्यै पातु वाग्देवता नः॥
सरस्वती मन्त्र –
” वद वद वाग्वादिनि स्वाहा “
मंत्र के लाभ – saraswati mantra jaap ke labh
यह मन्त्र दस लाख जपने से सिद्ध होता है। ब्रह्मचर्य व्रत पालन करके इसको सिद्ध करना चाहिए। इस मन्त्र के सिद्ध होने से वह व्यक्ति ज्ञान के क्षेत्र में पूरे देश में विख्यात होता है।
वाग्देवी मन्त्र : vagdevi mantra
“ ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः “
विद्या मन्त्र :
“ ॐ ह्रीं श्रीं ऐं वाग्वादिनि भगवति अर्हन्मुख निवासिनि सरस्वति ममास्ये प्रकाशं कुरु कुरु स्वाहा ऐं नमः “
मंत्र के लाभ – यह मन्त्र दीपावली की रात्रि को बारह हजार जपने से सिद्ध होता है। साधक को पूर्व मुख बैठकर सफेद वस्त्र धारण कर कमलासन से यह मन्त्र सिद्ध करना चाहिए। इस मन्त्र के सिद्ध होने पर सरस्वती प्रसन्न होती है और अविद्या का नाश होकर उसे विद्या के क्षेत्र में पूर्ण सफलता प्राप्त होती है।
एकाक्षरी सरस्वती मन्त्र : ekakshari saraswati beej mantra
यह मन्त्र एक सिद्ध योगी ने बताया था। यह पूर्णतः गोपनीय मन्त्र माना गया है पर अपने आप में आश्चर्यजनक फल देने में समर्थ है।
एकाक्षरी सरस्वती मन्त्र –
” ऐं “
मंत्र के लाभ – यह मन्त्र सरस्वती का बीज मन्त्र है। सूर्य ग्रहण के समय कुश की डंडी को शहद में भिगोकर इस शब्द को जीभ पर लिखकर साधक तब तक इसका मंत्र जप करता रहे जब तक कि सूर्य ग्रहण समाप्त न हो जाय ।
फिर दूसरे दिन से लगाकर लगातार 11 दिन तक इस मन्त्र का नित्य इक्कीस हजार जप करे।
यह जप दिन को सफेद आसन पर सफेद वस्त्र धारण कर शुद्ध घी का दीपक जलाकर करे।
ऐसा करने से साक्षात् सरस्वती प्रकट होती है और अविद्या का नाश कर सम्पूर्ण विद्याओं में पूर्ण श्रेष्ठता प्राप्त होने का वरदान देती है।
Giruji namsakar Pls forward complete puja process of neela sarswathi