सुख पूर्वक प्रसूति (डिलीवरी) के लिए चमत्कारी आयुर्वेदिक उपाय

Last Updated on October 18, 2022 by admin

महिलाओं को बच्चे को जन्म देने में बहुत सी तकलीफ होती है। इन तकलीफों को कम करने के लिए इन औषधि का सेवन करा सकते हैं।

सुख पूर्वक प्रसूति (डिलीवरी) के लिए घरेलू उपाय :

1. अमलतास : अमलतास के छिलके लगभग 20 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से बच्चे का जन्म आसानी से होता है।

2. कलिहारी : कलिहारी की जड़ को रेशमी धागे में लपेटकर गर्भवती स्त्री के बाएं हाथ में बांधने से प्रसव आसानी से हो जाता है।

3. सरफोंका : सरफोंका की जड़ को गर्भवती महिला की कमर में बांधने से बिना किसी दर्द के बच्चा पैदा होता है।

4. इन्द्रायण : इन्द्रायण की जड़ को बारीक पीसकर देशी घी में मिलाकर स्त्री की योनि में रखने से बच्चे का जन्म आसानी से होता है।

5. दूध : गाय के दूध को 250 मिलीलीटर की मात्रा में लेकर पानी में डालकर गर्भवती महिला को पिलाने से प्रसव यानी डिलीवरी आसानी से होती हैं।

6. अपामार्ग : चिरचिटा (अपामार्ग) की जड़ को स्त्री की योनि में रखने से बच्चा आसानी से पैदा होता है।

7. हुलहुल : हुलहुल (हुरहुर) की जड़ को धागे पर लपेटकर गर्भवती महिला के हाथ या सिर पर बांधने से नवजात शिशु का जन्म आसानी से होता है।

8. केला : केले की गांठ को गर्भवती महिला की कमर पर बांधकर रखने से बच्चे का जन्म आसानी से हो जाता है। ध्यान रहे कि प्रसव और जेर (नाल, खेड़ी) के निकलते ही गांठ को खोलकर फेंक देना चाहिए।

9. सेंहुड : सेंहुड के दूध का स्त्री के हाथ और पांव पर लेप करने से नवजात शिशु का जन्म बिना किसी दर्द के हो जाता है।

10. चीनी : प्रसव यानी डिलीवरी काल के अन्तिम समय में जबकि कोई यांत्रिक अवरोधक न रहे, जरायु (गर्भाशय) की क्रियाहीनता के कारण विलम्ब होता है तो ऐसी स्थिति में शीघ्रता से प्रसव कराने के लिए 25 ग्राम चीनी जल में मिलाकर आधे घंटे के अन्तर से कई बार देने से प्रसव बिना कष्ट के और जल्दी हो जाता है।

11. चित्रक : लगभग 10 ग्राम चित्रक की जड़ के चूर्ण को 2 चम्मच शहद के साथ स्त्री को चटाने से प्रसव सुखपूर्वक होता है।

12. कलौंजी : कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव यानी डिलीवरी में दर्द नहीं होता है।

13. मेथी : 1 किलो दाना मेथी पीसकर देशी घी डालकर सेकें। फिर 1 किलो गुड़ और दुबारा घी डालकर सेंके, जब गुड़, मेथी, घी मिलकर एक से हो जायें तो ठंड़ा करके 20-20 ग्राम के लड्डू बना लें। गर्भवती स्त्री यदि 8वें महीने से रोजाना सुबह एक लड्डू खाती रहे तो 9वें महीने के बाद बच्चे का जन्म काफी सुखपूर्वक होगा।

14. पुनर्नवा : पुनर्नवा की जड़ को तेल में चिकना करके महिलाओं की योनि में रखने से प्रजनन आसानी होता है।

15. पिठवन : पिठवन की जड़ों को पीसकर, इसका लेप नाभि बस्ति (नाभि के नीचे का हिस्सा) और योनि पर करने से बच्चा आसानी से पैदा हो जाता है, बच्चा होते ही लेप को धो देना चाहिए।

16. लघु पंचमूल : पंचमूल और लघु पंचमूल को मिलाकर प्रसूता स्त्री (जिस औरत को बच्चा होने वाला हो) को देने से लाभ होता है। इसी का नाम दशमूल है।

17. सुख प्रसव :

  • इन्द्रायण की जड़ को पीसकर गाय के घी में मिलाकर भग (योनि) पर मलने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
  • इन्द्रायण के फल के रस में रूई का फाया भिगोकर योनि में रखने से बच्चा आसानी से हो जाता है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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