Last Updated on January 20, 2023 by admin
बाजीकरण (वाजीकरण) क्या है ? :
मैथुन शक्ति को बढ़ाने के लिए, वीर्य को शुद्ध, गाढ़ा, और शुक्राणुओं की वृद्धि, स्तंभन शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के विद्वानों ने बाजीकरण (वाजीकरण) नाम के अलग विभाग की रचना की है। उनके हिसाब से वीर्य को बढ़ाने के लिए, वीर्य से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए, मैथुन शक्ति और स्तंभन शक्ति बढ़ाने के लिए बाजीकरण औषधि का सेवन करना बहुत जरूरी है। बाजीकरण को वृष्य भी कहते हैं। इसलिए मनुष्य के शरीर में जिन खाद्य पदार्थों, यौगिक क्रियाओं या औषधियों के द्वारा शक्ति प्राप्त होती है उसे बाजीकरण के नाम से जाना जाता है।
बाजीकरण के उपाय एवं नुस्खे :
1. असगंध : 25-25 ग्राम असगंध, ब्रह्मदण्डी और निर्गुण्डी को एकसाथ मिलाकर अच्छी तरह से पीसकर और छानकर इसमें 75 ग्राम खांड मिलाकर रख लें। इसे 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से बाजीकरण के रोग में (यौन शक्ति का कम होना) लाभ मिलता है।
2. इन्द्रजौ : 50-50 ग्राम इन्द्रजौ, तारा मीरा के बीज और उटंगन के बीजों को एकसाथ कूटकर और छानकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद में मिलाकर चाटने से बाजीकरण का रोग (यौन शक्ति का कम होना) दूर हो जाता है।
3. बिदारीकंद : 100 ग्राम बिदारीकंद को कूटकर और छानकर इसमें 100 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में घी में डालकर सुबह-शाम सेवन करने के बाद ऊपर से खांड मिला दूध पीने से यौनशक्ति के कम होने का रोग समाप्त हो जाता है।
4. सफेद मूसली : 50 ग्राम सफेद मूसली, 100 ग्राम तालमखाना और 150 ग्राम देसी गोखरू को एकसाथ कूटकर और छानकर रख लें। फिर इसमें 300 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम हल्के गुनगुने पानी से लेना बाजीकरण (यौन शक्ति का कम होना) रोग में लाभ होता है।
5. उड़द :
- 25 ग्राम उड़द की दाल की पिट्ठी या सिंघाढ़े के आटे को देसी घी में भूनकर लगभग 400 मिलीलीटर दूध में मिलाकर पकायें। पकने के बाद गाढ़ा होने पर कम गर्म में दूध में चीनी मिलाकर सुबह सेवन करने से बाजीकरण के रोग में आराम होता है।
- उड़द की दाल का एक लड्डू रोजाना खाकर उसके बाद दूध पीने से वीर्य बढ़कर धातु पुष्ट होता है मैथुन करने की शक्ति बढ़ती है।
6. काले तिल : काले तिल और गोखरू को 20-20 ग्राम की मात्रा में पीसकर 400 मिलीलीटर दूध में चीनी डालकर अच्छी तरह से पकायें। गाढ़ा होने पर गुनगुने रूप में बाजीकरण से पीड़ित रोगी को सुबह के समय खिलाने से लाभ होता हैं।
7. खजूर : 25 से 50 ग्राम खजूर या पिण्डखजूर को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 3 बार लेने से मैथुन शक्ति बढ़ जाती है।
8. पलास :
- पलास की जड़ के रस को 5-6 बूंद की मात्रा में प्रतिदिन 2 बार सेवन करने से वीर्य का अपने आप निकलने का रोग मिट जाता है और कामशक्ति बढ़ती है।
- पलास के बीजों के तेल की 2 से 4 बूंदे जननेन्द्रिय के ऊपर सुपारी छोड़कर मालिश करने से कुछ ही दिनों में हर तरह की नपुंसकता दूर होती है और कामशक्ति बहुत बढ़ती है।
9. जातीफल : जातीफल का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ वीर्य स्खलन की स्थिति में दिन में 2 बार सेवन करने से लाभ होता है।
10. जावित्री :
- 1 से 3 ग्राम जावित्री के चूर्ण को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 2 बार लेने से वीर्य का जल्दी निकलने का रोग दूर हो जाता है।
- जावित्री, सफेद कनेर की छाल, समुद्रशोष, अफीम, खुरासानी अजवायन, जायफल, पीपल, मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर गुड़ के साथ 4-4 ग्राम की गोलियां बनाकर रख लें। इसमें से एक गोली रात को सोते समय खाने से मैथुन शक्ति बढ़ जाती है।
11. नमक : 1 से 3 ग्राम नमक के चूर्ण को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 2 बार देने से वीर्य स्खलन नहीं होता है।
12. जायफल : 3 ग्राम जायफल, 6 ग्राम रूमी मस्तगी, 6 ग्राम लौंग तथा 6 ग्राम इलायची को पीसकर शहद में मिलाकर बेर के बराबर गोलियां बना लें। यह 1 गोली रात को सोते समय खाना बाजीकरण रोग में लाभदायक होता है।
13. लौंग :
- लौंग, अफीम, भांग, इलायची के दाने, जायफल, जावित्री और कमलगट्टा आदि को बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर 2-2 ग्राम की गोली बनाकर खुराक के रूप में सेवन करने से संभोग शक्ति बढ़ जाती है।
- लौंग, अकरकरा, जायफल, जावित्री और अफीम को बराबर मात्रा में लेकर 2-2 ग्राम की गोली बना लें। रात को सोने से पहले यह 1 गोली खाने से बाजीकरण रोग में लाभ होता है।
14. अदरक : सूखी अदरक, तेजबल, नकछिकनी तथा गुड़ को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इसकी चने के बराबर के आकार की गोलियां बना लें। इस एक गोली को रात को सोते समय खाने से संभोग शक्ति बढ़ जाती है।
15. अकरकरा : अकरकरा, सोंठ, लौंग, केसर, पीपल, जायफल, जावित्री, और सफेद चन्दन को 6-6 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक पीसकर उसमें 20 ग्राम अफीम मिला लें। फिर इसमें शहद मिलाकर उड़द के आकार की गोलियां बनाकर एक-एक गोली खा लें और ऊपर से दूध पी लें। इससे मैथुन करने की कमजोरी दूर होती है।
16. गूलर :
- एक छुहारे की गुठली को निकालकर छुहारे में गूलर के दूध की 25 बूंदे भरकर रोजाना सुबह खाने से वीर्य में शुक्राणु बढ़ते हैं तथा संतानोत्पत्ति में शुक्राणुओं की कमी का दोष दूर हो जाता है।
- 1 चम्मच गूलर के दूध में 2 बताशों को पीसकर रोजाना सुबह-शाम खाकर उसके ऊपर से गर्म दूध पीने से वीर्य की कमजोरी दूर हो जाती है।
- गोखरू और शतावरी का चूर्ण 1-1 चम्मच की मात्रा में, 1 कप पानी में कुछ देर तक उबालकर छान लेते हैं। फिर इसे छानकर पी लेते हैं। इससे शीघ्रपतन की शिकायत दूर हो जाती है और यौनशक्ति भी बढ़ जाती है।
- गोखरू, तालमखाला, असगंध, शतावरी, मूसली, कौंच के बीज, मुलहठी, गंगेरन और खिरैटी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इन औषधियों के चूर्ण के वजन से 8 ग्राम ज्यादा दूध लेकर उसमें यह चूर्ण डालकर हल्की-हल्की आंच पर पकाना चाहिए। फिर उपरोक्त औषधियों की मात्रा के बराबर गाय का घी लेकर इस घी में इन औषधियों के लड्डू बना लेते हैं। यह योग पौरुष शक्ति को बढ़ाने वाला होता है।
- पके हुआ गूलर को सुखाकर और पीसकर चूर्ण बना लेते हैं। गूलर के चूर्ण में उसके बराबर की मात्रा में मिश्री को मिलाकर रोजाना सुबह 2 चम्मच गर्म दूध के साथ फंकी लेने से मर्दाना शक्ति बढ़ जाती है। 2-2 घंटे के अंतराल पर गूलर का दूध या गूलर का यह चूर्ण सेवन करने से दम्पत्ति वैवाहिक सुख को भोगते हुए स्वस्थ संतान को जन्म देते हैं।
- 4 से 6 ग्राम गूलर के फल का चूर्ण और बिदारीकंद का चूर्ण एकसाथ मिलाकर उसमें बराबर मात्रा मे मिश्री मिलाकर घी मिले हुए दूध के सुबह-शाम सेवन करने से पौरुष शक्ति की वृद्धि व बाजीकरण की शक्ति बढ़ जाती है। अगर स्त्रियां इस मिश्रण को सेवन करती है तो उनके सारे रोग दूर हो जाते हैं।
17. अकरकरा : अकरकरा, सफेद मूसली और असगन्ध को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम एक कप दूध के साथ नियमित रूप से लेने से पौरुष शक्ति बढ़ जाती है।
18. प्याज :
- प्याज को किसी बर्तन में भरकर, बर्तन का मुंह इस प्रकार बंद कर देना चाहिये कि उसमें हवा न जाने पाये। फिर इस बर्तन को जहां गाय बंधती हो उस जमीन में गाड़ देना चाहिए। 4 महीने बाद इसे निकालकर 1 प्याज रोजाना खाने से कामशक्ति तेज होती है।
- 500 मिलीलीटर प्याज का रस, 2 किलो शहद और 250 ग्राम चीनी, को मिलाकर शर्बत के रूप में रोजाना 25 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से मैथुन शक्ति तेज हो जाती है।
- लगभग 15-20 मिलीलीटर प्याज का रस, शहद और शराब को एकसाथ मिलाकर पीने से कमजोरी दूर होकर शरीर में चुस्ती-फुर्ती आती है।
- 30 प्याज लेकर इतने दूध में डालें कि प्याज दूध में अच्छी तरह डूब जायें। फिर इसे आग पर इतना पकायें की प्याज गल जाये। पकने के बाद इसे आग से नीचे उतार लें, अब इसे प्याज की मात्रा के बराबर गाय के घी और शहद में मिलाकर थोड़ी देर तक पकायें और अंत में इसमें 60-60 ग्राम कुलंजन डालकर 3-4 चम्मच की मात्रा में खाने से शरीर में कामशक्ति तेज होती है।
- प्याज खाने से कामवासना जगती है, प्याज वीर्य को पैदा तथा उत्तेजित करता है। यह देर तक मैथुन करने की ताकत को बढ़ाता है।
- 60 ग्राम लाल प्याज के बारीक टुकड़े को इतने ही घी और 250 मिलीलीटर दूध में मिलाकर गर्म करके गाढ़ा कर लें। फिर इसे ठंडा करके इसमें मिश्री मिलाकर 20 दिन तक रोजाना सेवन करने से खोई हुई मर्दानगी वापस आ जाती है।
- 1 चम्मच प्याज के रस को आधा चम्मच शहद में मिलाकर पीने से वीर्य का पतलापन दूर होता है तथा वीर्य में बढ़ोतरी होती हैं।
19. दूधी : दूधी को पीसकर और छानकर इसके 2 से 5 ग्राम चूर्ण को 2 चम्मच शक्कर के साथ खाने से कामशक्ति बढ़ती है। छोटी दूधी को रोजाना उखाड़कर साफ करके 15 ग्राम की मात्रा में लेकर 6 बादाम की गिरी के साथ अच्छी तरह से पानी के साथ पीसकर एक गिलास में मिश्री मिलाकर दोपहर के समय सेवन करने से गर्मी और शुक्रप्रमेह आदि दूर होकर वीर्यकोष को शक्ति प्राप्त होती है।
20. अलसी : 50 ग्राम अलसी के बीजों और 10 ग्राम कालीमिर्च को मिलाकर पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। फिर चूर्ण में से 1-1 चम्मच को शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
21. धतूरा :
- धतूरा के बीज, अकरकरा और लौंग को एकसाथ मिलाकर पीसकर गोलियां बनाकर खाने से मैथुन शक्ति बढ़ जाती है।
- धतूरा के बीजों के तेल की पैरों के तलुवों पर मालिश करने के बाद स्त्री के साथ मैथुन करने से बहुस्तम्भन होता है।
- धतूरा के 15 फलों को बीज सहित लेकर पीसकर बने बारीक चूर्ण को 20 लीटर दूध में डालकर दही जमा देते हैं। अगले दिन दही को मथकर घी निकाल लेते हैं। इस घी की एक चौथाई ग्राम से कम मात्रा को पान में रखकर खाने से बाजीकरण (संभोग शक्ति तेज होना) होता है तथा लिंग पर इस घी की मालिश करने से उसकी शिथिलता दूर हो जाती है।
22. विदारीकन्द :
- विदारीकन्द के 3 ग्राम चूर्ण को विदारीकन्द के ही 10 ग्राम रस में मिलाकर तथा 5 ग्राम घी व 10 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से मैथुन शक्ति बढ़ती है।
- विदारीकन्द के 2 चम्मच चूर्ण में 1 चम्मच घी मिलाकर दूध के साथ रोजाना कुछ दिनों तक सेवन करने से वीर्य पुष्ट होता है।
23. निर्गुण्डी :
- 40 ग्राम निर्गुण्डी और 40 ग्राम शुंठी को एकसाथ पीसकर 8 खुराक बनाकर एक खुराक के रूप में रोजाना दूध के साथ सेवन करने से कामशक्ति में वृद्धि होती हैं।
- निर्गुण्डी को घिसकर लिंग पर लगाने से लिंग की कमजोरी दूर हो जाती हैं।
24. सेहुंड :
- सेहुंड को पकाकर सेवन करने से अथवा दूध के साथ इसके चूर्ण की खीर बनाकर खाने से मैथुन करने की शक्ति बढ़ती है।
- सेहुंड और शतावरी के घी के द्वारा शरीर की मालिश करने से कमजोरी समाप्त होती है और बल-वीर्य बढ़ता है।
25. भांगरा : 10 ग्राम शुद्ध गंधक के बारीक चावल जैसे टुकड़े करके उन्हें 7 दिन तक धूप में रखकर भांगरा के रस की भावना देते हैं। फिर उसमें जायफल, जावित्री, कपूर और लौंग का 2-2 ग्राम चूर्ण मिलाकर गुड़ के साथ घोटकर आधे-आधे ग्राम की गोलियां बना लेते हैं। प्रतिदिन सुबह 1 या 2 गोली खाकर उसके ऊपर से 3 कालीमिर्च चबाकर, 250 ग्राम दूध पीने से मैथुन करने की शक्ति बढ़ जाती है।
26. पीपल :
- पीपल के फल का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार दूध के साथ सेवन करते रहने से नपुंसकता दूर होकर, बल, वीर्य तथा पौरूष बढ़ता है।
- पीपल के फल को छाया में सुखाकर और पीसकर छान लें। इस चौथाई चम्मच चूर्ण को 250 मिलीलीटर गर्म दूध में मिलाकर रोजाना पीने से वीर्य की बढ़ोतरी होती है और नपुंसकता दूर होती है। इसका सेवन यदि बांझ स्त्री करें, तो उसे सन्तान उत्पन्न होती है।
27. अनार : प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है और कामेन्द्रियों को बल मिलता है।
28. बरगद :
- बरगद के पके फलों को छाया में सुखाकर कूटकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को इतनी ही मात्रा में मिश्री के साथ पीस लें। एक चम्मच की मात्रा में यह चूर्ण सुबह खाली पेट और सोने से पहले एक कप दूध से रोजाना सेवन करते रहने से कुछ हफ्तों में ही यौनशक्ति बढ़ जाती है।
- बरगद के पेड़ के फल को सुखाकर बारीक पाउडर बनाकर इसमें मिश्री पाउडर मिला लें। इसे सुबह 6 ग्राम की मात्रा मे दूध के साथ सेवन करने से वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन आदि रोग दूर होते हैं।
- बरगद के पके फल और पीपल के फल को सुखाकर बारीक पाउडर बना लें। इस 25 ग्राम चूर्ण को 25 ग्राम घी में भूनकर, हलवा बनाकर सुबह-शाम खाने से तथा ऊपर से बछड़े वाली गाय का दूध पीने से विशेष बल वृद्धि होती है। अगर इसे स्त्री-पुरुष दोनों खायें तो रस वीर्य शुद्ध होकर सुन्दर सन्तान जन्म लेती है।
- बरगद की सूखी कोपलों के पाउडर मे मिश्री मिलाकर 7 दिन तक रोजाना खाली पेट 7 से 10 ग्राम की मात्रा में दूध की लस्सी के साथ खाने से वीर्य का पतलापन मिट जाता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)