Last Updated on October 30, 2020 by admin
आधुनिक युग में अधिकतर लोगों में विटामिन ‘बी 12′ की कमी पाई जाती है। ‘बी 12’ Cobalamin के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन बी 12 के कुल आठ प्रकार होते हैं किंतु यह सभी मनुष्य शरीर में संग्रहित नहीं हो पाते हैं। शरीर में उनका कार्य समाप्त होते ही शरीर उन्हें बाहर निकाल देता है। केवल बी 12 ही ऐसा है, जिसे शरीर लिवर व स्प्लीन में संग्रहित करके रखता है व आवश्यकतानुसार शरीर के रक्त प्रवाह में आता रहता है। शरीर इसका निर्माण स्वयं नहीं करता है। इसमें कोबाल + प्रोटीन (amino acid) पाया जाता है। यह ज़्यादातर आहार से ही प्राप्त होता है।
विटामिन बी 12 कम होने के कारण क्या है ? (Causes of Vitamin B12 Deficiency in Hindi )
शरीर में विटामिन बी 12 की कमी कई कारणों से हो सकती है जैसे –
- आहार पर ध्यान न देना।
- वृद्ध लोगों में इसकी कमी ज़्यादा पाई जाती है। लगभग 50 की उम्र के बाद इसकी कमी ज़्यादा होती
- शराब पीना, तम्बाकू खाना या अन्य व्यसन करनेवाले व्यक्ति को बी 12 की कमी हो सकती है।
- जिन्हें डायबिटीज़, एसिडिटी या अन्य बीमारी की दवाई जो लंबे समय से चल रही है, उन्हें भी बी 12 की कमी होती है।
- गर्भवती महिलाओं में भी इसकी कमी होती है।
शरीर में विटामिन बी 12 के कार्य क्या है ? (Role of Vitamin B12 in the Body in Hindi)
शरीर में विटामिन बी 12 कई महत्वपूर्ण कार्यों के संपादन में अहम भूमिका निभाता है जैसे –
- कोशिकाओं में पाए जानेवाले जीन को बनाए रखना, उनकी मरम्मत करना और उनसे कार्य करवाना।
- डी एन ए को बनाए रखना।
- शरीर को बीमारियों से बचाता है।
- मस्तिष्क की रक्षा करता है व संतुलन बनाए रखता है।
- रीढ़ की हड्डी की मरम्मत करना।
- सेरोटोनिन लेवल को बनाए रखता है, जिससे व्यक्ति खुश रहता है।
- मेरूदंड (spinal cord) को भी सहारा देता है।
- व्यक्ति को तनाव से बाहर निकालता है।
- मेटाबोलिज़म को बराबर रखता है।
- लाल रक्त कण को बनाता है, जिससे खून की कमी नहीं होती है। शरीर के सभी अंगों को बराबर ऑक्सीजन मिलता है।
शरीर में विटामिन बी 12 की कमी के क्या लक्षण है ? (Symptoms of Vitamin B12 Deficiency in Hindi)
निम्नलिखित संकेतों और लक्षणों से विटामिन बी 12 की कमी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जैसे –
- लाल कोशिकाओं की कमी, खून की कमी, मैक्रोसिटिक एनिमिया होना।
- मस्तिष्काघात होना।
- मांसपेशियाँ व हड्डियाँ कमज़ोर होना।
- थकान महसूस होना।
- डिप्रेशन आना।
- हाथ-पैर सुन्न हो जाना।
- साँस लेने में तकलीफ होना, साँस फूलने लगती है।
- भूख नहीं लगती है, पाचन क्रिया कमज़ोर हो जाती
- एकाग्रता में कमी आने लगती है।
- याददाश्त कमज़ोर हो जाती है।
- आँखों की रोशनी कम होने लगती है, धुंधला दिखाई देना, कभी सही दिखता है तो कभी दिखाई नहीं देता है।
- शरीर में सुई या चुभने जैसा एहसास होता है।
- चक्कर आना।
- घबराहट महसूस होना।
- सिरदर्द भी हो सकता है।
- आलस आना, कोई काम करने की इच्छा न होना।
- त्वचा पीली होने लगती है, आँखों में भी पीलापन दिखता है।
- मुँह में छाले हो जाना, जीभ का आकार बदलना, खाने में स्वाद नहीं आता है।
- जीभ में जलन होना।
- चलने-फिरने में बैलेन्स नहीं रहता है।
- बालों की समस्या भी हो सकती है।
- त्वचा की कई तरह की समस्या हो सकती है।
विटामिन बी 12 की मात्रा प्रति दिन कितनी लेनी है ? (How Much Vitamin B12 Should you Take in Hindi)
विटामिन बी 12 की सभी को ज़रूरत है। चाहे वह महिला हो, पुरुष हो या बच्चा हो। इसकी मात्रा अंदाज से है।
0-6 महीने | 0.4 mcg हर दिन |
7-12 महीने | 0.5 mcg हर दिन |
1-3 साल | 0.9 mcg हर दिन |
4-8 साल | 1.2 mcg हर दिन |
9-13 साल | 0.4 mcg हर दिन |
14-18 साल | 2.4 mcg हर दिन |
18 से ऊपर | 2.5 mcg हर दिन |
गर्भवती महिला | 2.6 mcg हर दिन |
बच्चे को दूध पिलाती महिला | 2.8 mcg हर दिन |
शरीर में सामान्यतः विटामिन बी 12 की कितनी मात्रा होनी चाहिए ? :
बी 12 की जाँच प्रयोगशाला में ही होती है। यह थोड़ा खर्चिला है, लेकिन एक बार ऊपरवाले लक्षण हों तो ज़रूर जाँच करवा लें।
शरीर में विटामिन बी 12 200 mcg से 900 mcg तक होना चाहिए। यदि इससे ज़्यादा मात्रा में है तो बी 12 लिवर और स्प्लीन में स्टोर हो जाता है। ज़रूरत पड़ने पर रक्त के साथ शरीर में फैल जाता है।
आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथ) में विटामिन बी 12 की कमी का उपचार क्या है ? (Vitamin B12 Deficiency Treatment in Hindi)
प्रयोगशाला में जाँच करने के बाद यदि बी 12 लेवल कम आता है तो डॉक्टर की सलाह से दवाइयाँ व इंजेक्शन ले सकते हैं।
1). ओरल टैबलेट : Methylcobalamin नामक गोली ले सकते हैं। सुबह-शाम या डॉक्टर के कहे अनुसार 90 दिन तक लेना है। यदि बीच में बंद कर दी तो इसका प्रभाव समाप्त हो जाता है।
2). इंजेक्शन : बी 12 की कमी होने पर इंजेक्शन Intravenous या Intramuscular ले सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ऐसे इंजेक्शन Intravenous जिसमें फोलिक एसिड, साइनोकोबालामिन तथा methylcobalamin नामक तत्त्व होते हैं, वह ले सकते हैं जो विटामिन 12 बनाते हैं।
डॉक्टर कहे अनुसार 12 से 15 इंजेक्शन लेना होता है। पहले सप्ताह में 1 दिन छोड़कर लेना है, ऐसे 5 लेने हैं। फिर सप्ताह में 2 लेना है फिर 1 लेना है। फिर 15 दिन में एक, महीने में 1, इस तरह पूरा कोर्स कर लेना है। इसके बाद फिर से रक्त की जाँच करवानी है।
1साल के बाद फिर यह कोर्स कर सकते हैं क्योंकि शरीर में बी 12 कम होने लगता है। गोलियाँ, इंजेक्शन ले सकते हैं। घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। खान-पान में भी ध्यान रखना होगा।
योगा द्वारा विटामिन बी 12 की कमी का इलाज :
सभी तरह के योगा शरीर के हिसाब से कर सकते हैं। कपालभाती, प्राणायाम ज़्यादा करना है।
विटामिन बी 12 के आहार स्रोत और कमी के घरेलू उपचार (Vitamin B12 Rich Foods in Hindi)
हमने अभी तक बी 12 के बारे में बहुत कुछ जान लिया है। उसके एलोपैथी का इलाज भी देख लिया है। यहाँ पर हम कुछ विटामिन बी 12 के समृद्ध आहार स्रोत और घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे , जो सामान्य व्यक्ति भी कम खर्च में कर सकता है परंतु इसे लगातार करते रहना है। बी 12 लेवल में आने में समय लगता है।
विटामिन बी 12 के समृद्ध आहार स्रोत –
1). दूध व दूध से बनी चीजें : दही में सबसे ज़्यादा विटामिन बी 12 पाया जाता है। दूध में इसकी मात्रा ज़्यादा होती है। कभी भी दही में नमक डालकर नहीं खाना है। चीज व पनीर में इसकी मात्रा कम है। आइस्क्रीम में भी बी 12 पाया जाता है।
2). अंकुरित अनाज : मूंग + मोठ + देसी चने + मूंगफली दाने + सोयाबीन, तिल, गेहूँ, मेथी, जवार आदि जो भी आपको पसंद हो उसे रात को भिगो दें। सुबह कपड़े में बाँधकर रखें। अंकुरित होने पर रोज़ एक छोटी कटोरी चबा-चबाकर खाना है, दो बार भी खा सकते हैं। इसमें मसाला, ककड़ी, गाजर, टमाटर डालकर सलाद बनाकर खा सकते हैं। इन सभी में बी 12 की मात्रा बहुत ज़्यादा है।
( और पढ़े – अंकुरित अनाज खाने के फायदे )
3). मशरूम : मशरूम भी खा सकते हैं, उसमें बी 12 है।
( और पढ़े – मशरूम खाने के फायदे और नुकसान )
4). ग्रीन टी : ग्रीन टी पी सकते हैं।
5). मीठा नीम (कड़ीपत्ता) : इसे हम सब्ज़ी के छोंकमें डालते हैं। मीठे नीम में विटामिन बी 12 की मात्रा बहुत ज़्यादा है। इसे धोकर कच्चा खा सकते हैं। इसे पानी में उबालकर, फिर छानकर गुनगुना पानी सुबह-सुबह पीने से बी 12 की कमी दूर होती है।
6). बादाम : बादाम व अखरोट भी रोज़ खाने से फायदा होता है। जो लोग इसे Afford कर सकते हैं उनके लिए।
7). दही : चावल को पकाकर एक छोटी कटोरी में निकाल लें। उसमें ज़रूरत के हिसाब से दही मिलाकर रातभर रखें। गर्मी है तो फ्रिज में रखें। सर्दी में बाहर भी रख सकते हैं। सुबह खाली पेट यह दही वाला चावल खाएँ। लगभग 1 महीने इसका प्रयोग करें फिर विटामिन बी 12 की जाँच करवाएँ। यदि बी 12 लेवल सही आ जाए तो ठीक है नहीं तो वापस यह प्रयोग कर सकते हैं, ज़रूर फायदा होगा।
( और पढ़े – दही खाने के फायदे और सेवन में सावधानियां )
8). धनिया : 100 ग्राम गुड़, 20 ग्राम धनिया पाउडर, 1 चम्मच गाय का घी मिक्स करें। चूल्हे पर पकाएँ। अच्छे से मिक्स हो जाए तब छोटी-छोटी गोल गोलियाँ बना लें। खाना खाने से पहले मुँह में रखकर चूसनी है।
9) आम : कच्चे आम के अंदर की सफेद गुठली को खाना है। सेंककर भी खा सकते हैं। इसमें विटामिन बी 12 अच्छी मात्रा में मिलता है।
10). हरी सब्जियां : हरी सब्जियों में भी बी 12 की मात्रा ज़्यादा होती है। जूस के रूप में लेने से फायदा है। पकाने से विटामिन कम हो जाते हैं।
11). गाजर : गाजर, मूली, आलू, शकरिया इत्यादि लेने से भी फायदा है।
12). मेथी : मेथी दाना, मेथी की सब्ज़ी ज़रूर खाएँ। मेथी दाना रात को भिगोकर सुबह खाली पेट खाना है। रात को भी खा सकते हैं। जिन्हें एसिडिटी की तकलीफ है वे लोग डॉक्टर से पूछकर खाएँ। मेथी दाना अंकुरित करके भी खा सकते हैं, बी 12 की मात्रा ज़्यादा होती है।
( और पढ़े – मेथी भाजी के चमत्कारी फायदे )
13). सोयाबीन : सोयाबीन का सेवन भी लाभदायक है। उसमें भी बी 12 भरपूर मात्रा में होता है। सोयाबीन का दूध लें। सोयाबीन का आटा गेहूँ के आटे में मिला सकते हैं या गेहूँ पीसते समय गेहूँ में सोयाबीन डाल दें।
14). खजूर : खजूर 10 से 15 ग्राम खाएँ, इसके बाद दूध पीना ज़रूरी है बहुत फायदा होगा। 1 से 1 1/2 महीने लें।
15). जूस : फल व सब्ज़ियों का जूस खाना खाने के 1 घंटे पहले या 1 घंटे बाद में लेना है। बी 12 पूर्ण रूप से मिलता है।
विटामिन बी 12 लेने के बाद भी बी 12 नहीं बढ़ता है क्यों ? :
ज़्यादातर लोगों को यह शिकायत रहती है कि हमने सभी इलाज किए पर बी 12 बढ़ नहीं रहा है। उसके कई कारण है।
- बूढ़े लोग बी 12 को अब्ज़ॉर्व नहीं कर पाते हैं। उन्हें कोई बीमारी है तो बी 12 कम मात्रा में जाता है। इससे ऑक्सीजन कम मिलता है, बीमारियाँ नहीं मिटती हैं।
- अल्सर या कोई ऑपरेशन किया हुआ है तो भी व्यक्ति बी 12 को नहीं पचा सकता है।
- जो लोग एसिडिटी की दवा लंबे समय से ले रहे हैं, वे लोग भी बी 12 को प्राप्त नहीं कर सकते।
- डायबिटीज़ के रोगी और रोज़ शराब पीनेवाले व्यक्ति बी 12 प्राप्त नहीं कर सकते।
ऊपर बताए उपचार डॉक्टर की सलाह लेकर लेने है ।