बुजुर्गों के लिए सर्दियों में सेहत की देखभाल – Winter Care Tips for Old Age

Last Updated on November 5, 2021 by admin

बुजुर्ग और बीमार रहें सर्दी में सावधान :

सर्दियों का सुहाना मौसम बुजुर्गों के लिए कष्टप्रद साबित होता है। इस मौसम में पैदा होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए उन्हें ख़ास तौर पर सजगता बरतनी चाहिए।

आमतौर पर सर्दियों को हेल्दी सीज़न माना जाता है, लेकिन बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है। सर्दियों में वायरस और बैक्टीरिया ज्यादा सक्रिय होते हैं। बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है। इस वजह से सर्द मौसम में खांसी-जुक़ाम और बुख़ार जैसी समस्याएं उन्हें परेशान करने लगती हैं। इन समस्याओं को सीज़नल इफेक्टिव डिसॉर्डर कहा जाता है।

इसके अलावा जिन बुजुर्गों को आइटिस, एस्थमा, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी समस्याएं होती हैं, मौसम का कम तापमान उनकी समस्या और बढ़ा देता है। आइए जानते हैं कि इस मौसम में कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं बुजुर्गों को ज्यादा परेशान करती हैं। अतः इस मौसम में उन्हें विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए। आइये जाने सर्दियों में होने वाली बुजुर्गों की समस्या उनके उपाय और बुजुर्गों की देखभाल के बारे में ।

( और पढ़े – बुढ़ापे के रोग और उनके घरेलू उपचार)

सर्दियों के मौसम में बुजुर्ग ऐसे रखें सेहत का ध्यान :

1. ठंडक का आघात हाइपोथर्मिया :

इस मौसम के ठंडक की वजह से बुजुर्गों के शरीर का तापमान भी कम हो जाता है। ठंड के प्रति उनका शरीर बेहद संवेदनशील हो जाता है, जिससे उनकी मांसपेशियों और हड्डियों में अकड़न आ जाती है।

बचाव- इस समस्या से बचने के लिए बुजुर्गों को इनर के साथ पर्याप्त मात्रा में ऊनी कपड़े पहनने चाहिए। उनके कमरे के तापमान को नियंत्रित करने के लिए घर भीतर हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए। इस मौसम में शरीर की गर्म सिंकाई करने वाले हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल भी उन्हें राहत दिलाता है।

2. सचेत रहें ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज़ :

बढ़ती उम्र के साथ वैसे तो ज्यादातर लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस हो जाता है, पर मेनोपॉज़ के बाद प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन की कमी की वजह से स्त्रियों को यह समस्या ज्यादा परेशान करती है। इस मौसम में ठंड से मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। इस समस्या से ग्रस्त बुजुर्गों के हाथपैरों का दर्द बढ़ जाता है।

बचाव- इस समस्या से बचने के लिए सुबह-शाम मोज़े और दस्ताने ज़रूर पहनें। नहाने के लिए हमेशा गर्म पानी का इस्तेमाल करें। रात को सोने से पहले नमक मिले गुनगुने पानी में पैर डुबो कर बैठना भी दर्द से राहत दिलाता है। प्रतिदिन थोड़ी देर धूप में ज़रूर बैठे। सूर्य किरणों से मिलने वाला विटमिन डी बुजुर्गों की हड्डियों के लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है। खानपान में मिल्क प्रोडक्ट्स को प्रमुखता से शामिल करें। अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह पर आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है।

3. एस्थमा भी बढ़ाती है सर्दी  :

सर्दी के मौसम में वातावरण में मौजूद एलर्जी फैलाने वाले तत्वों के प्रति बुजुर्गों की श्वास-नलिकाएं अति संवेदनशील होकर सिकुड़ जाती हैं। इसलिए इस मौसम में बुजुर्गों को एस्थमा यानी सांस लेने में तक़लीफ़ होती है। इस मौसम के शुष्क वातावरण की वजह से बुजुर्गों को सांस लेने में बहुत तक़लीफ़ होती है।

बचाव : इस मौसम में सुबह के समय वातावरण में मौजूद धूल कणों और गाड़ियों के धुएं का गहरा आवरण छाया रहता है, जिसे स्मॉग कहा जाता है। यह प्रदूषण एस्थमा के रोगियों के लिए बहुत नुकसानदेह होता है। इसलिए इस मौसम में बुजुर्गों को मॉर्निग वॉक पर जाने के बजाय घर पर ही एक्सरसाइज़ करनी चाहिए। रात को | सोते समय कमरे की सभी खिड़कियां बंद न करें। अपने कमरे में ज्यादा देर तक हीटर या ब्लोअर न चलाने दें। इससे कमरे का स्वाभाविक ऑक्सीज़न नष्ट हो जाता है और सांस लेने में दिक्क़त होती है। अगर कभी रात को अचानक तेज़ खांसी आने के बादआपकी नींद टूट जाती है तो थोड़ी देर के लिए खुली खिड़की के सामने खड़े हो जाएं। नेब्यूलाइज़र और पफ हमेशा अपने साथ रखें। ताकि आकस्मिक स्थिति में उसका इस्तेमाल कर सकें। अपने क़रीबी लोगों और डॉक्टर का नंबर हमेशा अपने पास रखें, ताकि ज़रूरत पड़ने पर उनसे सहायता ले सकें।( और पढ़े –अस्थमा–दमा-श्वास के 170 आयुर्वेदिक घरेलु उपचार )

4. हाई ब्लडप्रेशर और ठंड :

इस मौसम के साथ हाई ब्लडप्रेशर का बड़ा ही क़रीबी रिश्ता है। ज़्यादातर बुजुर्गों को हाई ब्लडप्रेशर की समस्या होती है और वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में यह पाया गया है कि सर्दी के मौसम में 33 प्रतिशत लोगों का ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है। इस मौसम में अंत:स्रावी ग्रंथियों से कुछ ऐसे हॉर्मोन्स निकलते हैं, जो ब्लडप्रेशर
बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।

बचाव : भोजन में नमक का इस्तेमाल कम से कम मात्रा में करें। शराब, सिगरेट, नॉनवेज और तल-भुनी चीज़ों से दूर रहने की कोशिश करें। सात्विक आहार और व्यायाम के माध्यम से अपना वज़न संतुलित रखने की कोशिश करें।( और पढ़े –उच्च रक्तचाप(हाई ब्लड प्रेशर)का सरल घरेलु आयुर्वेदिक उपचार )

5. हृदय रोग में सावधानी :

इस मौसम में दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा सबसे ज्यादा होता है। सर्दियों में ठंड के कारण रक्तवाहिका नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे उनकी सक्रियता कम हो जाती है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ठंड से बचाव की प्रतिक्रिया स्वरूप इस मौसम में शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। इससे हार्ट पर ज़्यादा दबाव पड़ता है और इसी से सर्दियों में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। बुजुर्गों में हृदय रोग की समस्या ज्यादा होती है। इसलिए उन्हें इस मौसम में विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए।

बचाव : इस मौसम में 10-15 दिन ऐसे ज़रूर होते हैं, जब तापमान बहुत कम होता है। ऐसी स्थिति में दिल के मरीजों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे तक धूप में ज़रूर बैठे। सूरज की किरणों से मिलने वाला विटमिन डी हमारे शरीर को हार्ट अटैक से बचाता है। इस सुहावने मौसम में पार्टियों और पिकनिक का दौर चलाता रहता है। इससे कई बार ओवरईटिंग हो जाती है, जो दिल के मरीज़ों के लिए नुकसानदेह साबित होती है। ऐसी समस्या से बचने के लिए सादा और संतुलित आहार अपनाएं।( और पढ़े –हृदय रोग (दिल की बीमारी) के घरेलू उपचार )

6. साइको-जेरीएट्रिक डिसॉर्डर्स :

उम्र बढ़ने के साथ बुजुर्गों को जिन मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें साइको-जेरीएट्रिक डिसॉर्डर्स कहा जाता है। सर्दी के मौसम में ऐसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध से यह साबित हो चुका है कि सर्दी के मौसम में बुजुर्ग की शारीरिक गतिविधियां बेहद सीमित हो जाती हैं। ठंड से बचने के लिए उनका अधिकांश समय घर के भीतर व्यतीत होता है। ऐसे में अकेलेपन और बोरियत की वजह से उन्हें डिप्रेशन और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं।

बचाव : ऐसी समस्याओं से बचने के लिए फ़ोन और इंटरनेट के माध्यम से अपने क़रीबी लोगों से बातचीत करते रहें। जब भी धूप खिली हो, घर से बाहर निकल कर घूमने ज़रूर जाएं। अगर सेहत इज़ाजत दे तो बागवानी करें, विडियो गेम्स खेलें, पास-पड़ोस के बच्चों को पढ़ाएं, अपने घरेलू कार्यों में परिवार के अन्य सदस्यों का सहयोग करें। इससे आपको अकेलापन महसूस नहीं होगा और आप मानसिक रूप से प्रसन्न रहेंगे।
( और पढ़े –मानसिक रोग के कारण व घरेलु उपचार )

Leave a Comment

Share to...