जिस प्रकार प्राचीन काल से ही पुरुष अपने बल एवं पौरुष को अक्षुण बनाये रखने के लिये जागरुक रहा है क्योंकि बल, पौरुष एवं शारीरिक सौष्ठ वही सच्चे अर्थों में पुरुष सौंदर्य का परिचायक रहा है, उसी प्रकार नारी का सौंदर्य है- उसकी कमनीयता, उसका लावण्य एवं उसकी सुकुमार देहयष्टि। इसी की रक्षा एवं निखार के प्रति नारी भी सदा से सचेत रहती आई है।
चेहरे व सौंदर्य की देखभाल के घरेलू उपाय : sundarta badhane ke upay
अपने सौंदर्य में निखार लाने के लिये, उसे अधिक से अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये नारी सदा से सौंदर्य प्रसाधनों की ओर आकृष्ट रही है। प्राचीन काल में सौंदर्य प्रसाधन प्राकृतिक साधनों या जड़ी-बूटियों से ही प्राप्त किये जाते थे, जैसे कच्चा दूध, मलाई या दही का लेप, हल्दी बेसन का उबटन करने के पश्चात गुलाबजल मिश्रित जल से स्नान, उसके बाद चंदन का लेप या फूलों से श्रृंगार । खुश्की होने पर बादाम, चंदन या जैतून के तेल से त्वचा की मालिश। ये सभी साधन सहज एवं सुलभ थे तथा उनके प्रयोग से त्वचा पर कोई कुप्रभाव भी नहीं होता था । अब तो केवल विवाह के अवसर पर वर-वधू को तेलहल्दी चढ़ाना एक रस्म अदायगी के रूप में ही शेष रह गया है। वस्तुत: इसका प्रयोग नित्य प्रति सौंदर्य के निखार के लिये होना चाहिये। हल्दी में जहां एक ओर औषधीय गुण (एंटी सेप्टिक तत्व) होते हैं, वहीं दूसरी ओर इसमें त्वचा में निखार लाने एवं त्वचा को कोमल बनाने का जबर्दस्त गुण भी होता है। कच्चे दूध में बेसन और थोड़ी सी हल्दी का मिश्रण करके उससे शरीर पर उबटन करने से त्वचा पर अद्भुत कांति आ जाती है।
इसी प्रकार चंदन भी औषधीय गुणों से युक्त एवं शीतल होता है। यह बाहरी या शरीर की भीतरी गर्मी से होने वाले त्वचा के रोगों से त्वचा की रक्षा करता है। पहले माथे पर चंदन लगाया जाता था, जिससे मस्तिष्क को ताजगी और शीतलता प्राप्त होती थी।
त्वचा को मैल रहित, कोमल और कांतिमय रखने के लिए कच्चा दूध या दही ‘क्लीनसिंग मिल्क’ का कार्य करता है। त्वचा के रोम-रोम से मैल के कण बाहर निकालता है, त्वचा के छिद्र खोलता है तथा त्वचा का पोषण करता है। शीत ऋतु में त्वचा की खुश्क होने से तथा फटने से रक्षा करता है। अत: रोज नहाने के पूर्व चेहरे तथा हाथ-पैरों पर कच्चे दूध या दही की मॉलिश करना चाहिये।
आजकल आधुनिक सभ्यता के प्रभाव में आकर लोग इन घरेलू प्रयोगों को भूलते जा रहे हैं तथा आकर्षक पैकिंग में बंद कृत्रिम सौंदर्य प्रसाधन महिलाओं को अधिक आकर्षित करने लगे हैं, परंतु उनका प्रयोग महंगा एवं खर्चीला होता है तथा उनके निरंतर प्रयोग से त्वचा पर कुप्रभाव पड़ने की भी आशंका बनी रहती है। प्राय: 28-30 की उम्र के पश्चात अधिकांश स्त्रियाँ ढलती उम्र के भय से ग्रस्त हो जाती हैं और दिनप्रतिदिन इस खिसकती उम्र को मुट्ठी में जकड़ लेने के लिए प्रयत्नशील हो जाती हैं। तब इसके उपचार के लिए वे ‘ब्यूटी क्लिनिक’ (पार्लर) का सहारा लेती हैं। आजकल प्रत्येक शहर में कितने ही ‘ब्यूटी पार्लर’ खुल गये हैं जहां महिलाएं मनमाना धन व्यय करके अपने को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं। प्रायः इन ब्यूटी क्लिनिकों में मालिश एवं व्यायाम के आधुनिक उपकरणों एवं आधुनिक कृत्रिम (रासायनिक) सौंदर्य प्रसाधनों के माध्यम से उपचार किया जाता है जो कि समय साध्य एवं व्यय साध्य है। सौंदर्य के प्रति जागरुक जो मध्यमवर्गीय महिलाएं चाहकर भी ये साधन नहीं अपना सकतीं, वे घर पर ही घरेलू सामग्रियों से सफलतापूर्वक अपने सौंदर्य की रक्षा कर सकती हैं और अपने रंगरूप में निखार ला सकती हैं। कुछ तथ्य यहाँ प्रस्तुत हैं
त्वचा को निखारने के उपाय : twacha ko sunder banane ke upay
(1) शरीर की त्वचा तेजस्वी, कांतिमय एवं तरोताजा दिखे इसके लिये खानपान में संतुलन होना अत्यंत आवश्यक है। ( और पढ़े –गोरा होने के 16 सबसे कामयाब घरेलु नुस्खे )
(2) मौसमी फल, हरी सब्जियां, कच्चा एवं अंकुरित आहार का भोजन में अधिक से अधिक समावेश हो।
(3) जल का सेवन अधिक करें। प्रात:काल उठते ही एक ग्लास जल या गुनगुने जल में नींबू निचोड़ कर पीना त्वचा के कांतिवर्धन के लिए बहुत आवश्यक है।( और पढ़े – चेहरे की झुर्रियां दूर करेंगे यह 19 घरेलू उपाय)
(4) त्वचा की कांति और चेहरे की रौनक के लिये आवश्यक है कि कब्ज न रहे। कब्ज न हो इसके लिये रात्रि में सोते समय दूध या जल के साथ त्रिफला या गुलकंद का सेवन करना चाहिये।
(5) प्रात:काल खुली हवा में चहलकदमी करें । ओस से भीगी हरी घास पर नंगे पैरों चलना बहुत ही लाभदायक है। ( और पढ़े –त्वचा की 6 प्रमुख समस्या और उनके उपाय )
नींबू के प्रयोग – खूबसूरती बढ़ाने के नुस्खे : khubsurti badhane ke upay
सौंदर्य प्रसाधन हेतु नींबू के प्रयोग –
नींबू एक ऐसा गुणकारी फल है जिसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करके इससे विविध लाभ लिये जा सकते हैं। यह प्राकृतिक गुणों से युक्त है अत: इसके सामने बनावटी और महंगे सौंदर्य प्रसाधन बेकार मालूम पड़ते हैं। अपने अनुभव में गुणकारी सिद्ध होने वाले कुछ प्रयोग प्रस्तुत हैं-
■ त्वचा की चमक – इसके लिए एक कप पानी में एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद घोल लें। इस पानी को चेहरे व शरीर की त्वचा पर लगाएं। आधा-एक घंटे बाद कुनकुने गर्म पानी से धो डालें । कुछ ही दिनों में त्वचा चमकदार, चिकनी और मुलायम हो जाएगी।
■ मुंहासे – एक नींबू का रस, इसके बराबर गाजर का रस और 1 चम्मच शकर-तीनों को मिलाकर सुबह कुछ दिन लगातार पीने से मुंहासे ठीक होते हैं। एक शीशी में ग्लिसरीन, नींबू का रस और गुलाब जल समान मात्रा में मिलाकर, सोते समय चेहरे पर लगाएं या 1 चम्मच मलाई व नींबू का रस मिला कर लगाएं और मसलें। सुबह धो डालें। कुछ दिनों में चेहरे पर बहुत निखार आ जाता है और मुंहासे साफ हो जाते हैं।
■ चेचक के दाग – ये दाग कम किये जा सकते हैं। एक चम्मच मुलतानी मिट्टी, आधा चम्मच टेलकम पाउडर, एक चम्मच गुलाब जल, नींबू का रस व ग्लिसरीन 5-5 बूंद-सबको मिला कर गाढ़ा लेप बना कर चेहरे पर लगाएं । जब सूखने लगे और त्वचा में खिंचाव मालूम पड़े तब गुनगुने गर्म पानी से धो लें। यह प्रयोग लगातार प्रतिदिन करती रहें। धीरे-धीरे दाग कम होते जाएंगे।
■ बालों की रूसी – 10 ग्राम महीन पिसी काली मिर्च, 20 ग्राम नींबू का रस, आधा प्याला कच्चा दूध-तीनों मिला कर सिर के बालों की जड़ों व बालों में खूब अच्छी तरह लगाकर मसलें। यह प्रयोग सप्ताह में तीन बार करें। सिर की रूसी समाप्त हो जाएगी।
कुछ ऐसी आदतें, जो पहुँचा रही हैं आपके सौंदर्य को नुकसान :
क्या नहीं करना चाहिये –
(1) अधिक गर्म जल से स्नान न करें क्योंकि इससे त्वचा की कोमलता एवं स्निग्धता नष्ट होती है और त्वचा झुलस कर खुश्क और झुर्रियों वाली होने लगती है। ताजे जल से स्नान करना स्फूर्ति दायक, आलस्य व थकावट मिटाने वाला और ठंड को दूर करने वाला होता है। गर्म पानी से ही नहाना हो तो पानी ठंड छूट यानि कुनकुना गर्म होना चाहिए।
(2) बासा अन्न, तेज मिर्च-मसाले, उष्ण प्रकृति के पदार्थ जैसे चाय-कॉफी, मदिरा और धूम्रपान, अधिक खटाई, तले हुए पदार्थ आदि का सेवन स्त्री सौंदर्य को नष्ट करते हैं। इनसे बचना चाहिए।
(3) चेहरे की सुंदरता के साथ मन और विचारों का सुंदर होना भी ज़रूरी है। कई बार देखा गया है कि कितना ही सुंदर चेहरा क्यों न हो यदि दर्प, क्रोधया चिन्ता के भाव मन में हो तो चेहरा कुरूप हो जाता है । क्रोध, झुंझलाहट, चिड़चिड़ापन, ईष्र्या और कुढ़न की आदत रखने वालों के चेहरे पर स्थायी रूप से ये भाव झलकते रहते हैं और इसके तनाव से चेहरे पर झुर्रियाँ पड़ने लगती हैं । अत: चेहरे को सौम्य, लावण्य मय और आकर्षक रखने के लिए हमें इन मानसिक विकारों से बचकर मन शुद्ध रखना होगा। आपने अंग्रेजी की कहावत सुनी ही होगी-फेस इज़ दी इंडेक्स ऑफ हार्ट-यानि चेहरा मन का दर्पण होता है।
(4) मेकअप (श्रृंगार) करने के लिए कृत्रिम व आधुनिक सौंदर्य प्रसाधनों की अपेक्षा प्राकृतिक घरेलू उपाय ही काम में लें । श्रृंगार अधिक भड़कीला, उत्तेजक और बहुत ज्यादा करना शोभास्पद नहीं, सादगी और सुरुचि पूर्ण ढंग से किया गया मेकअप अधिक सुहावना और अच्छा प्रभाव डालने
वाला होता है।
(5) त्वचा के सौंदर्य और देह यष्टि के संतुलन को बनाए रखने में मालिश बहुत उपयोगी रहती है। लगभग 15-20 मिनट तक मालिश करना चाहिए। ठंड में सरसों के तेल या जैतून के तेल और गर्मी में खोपरे या मूंगफली के तेल से मालिश करनी चाहिए। रोज न कर सकें तो सप्ताह में एक दिन मालिश और उबटन का प्रयोग स्नान से पूर्व अवश्य करना चाहिए। इससे शरीर फुर्तीला, सबल और सुडौल रहता है और त्वचा चिकनी व चमकदार रहती है।
अंत में एक महत्वपूर्ण बात और कहना चाहेंगे कि शिष्ट शालीन ढंग से किया गया मेकअप एवं श्रृंगार देखने वालों के मन में आपके प्रति आदर मान का भाव पैदा करेगा, जबकि उत्तेजक, भड़कीला और अति-रंजित ढंग से किया गया मेकअप देखने वालों के मन में उत्तेजना, कुत्सित भावना और अनावश्यक खिंचाव पैदा करने वाला सिद्ध होगा, जो उचित नहीं ।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
रुप निखार के सुंदर और सरल कुदरती तरीके I हमें इन तरीकों को अपनाना चाहिए I
Super