Last Updated on July 22, 2019 by admin
परिचय :
अमरूद (जाम) यह भी बहुबीज युक्त गूदे वाला स्वादिष्ट और मीठा फल होता है। आम के बाद लोकप्रियता में इसे द्वितीय स्थान जन-समाज में प्राप्त है।
अमरूद का वैज्ञानिक नाम Psidium guyava है | इसका फल शायद ही किसी को खाने को न मिला हो। अमरूद भारत के सभी भागों में होता है। इसके फूलने और फलने का समय विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न है। आप वर्ष-भर भारत में कहीं न कहीं इसके फल प्राप्त कर सकते हैं।
इसका वृक्ष 20-25′ तक ऊँचा होता है। इसकी छाल पपड़ी जैसी भूरे रंग की होती है। चिकनी छाल के कारण बरसात में इस पर चढ़ना मुश्किल होता है। इसके फल बहुत ही मीठे होते हैं। इलाहाबाद, लखनऊ और बम्बई के नामों के विशेषणों के साथ यह फल विशेष रूप से बेचा जाता है। इसके फल चमगादड़ और तोते बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। इसका कच्चा फल हरा और पकने पर भूरे या पीले रंग का हो जाता है। इसके अन्दर गूदा और बीज होते हैं। जिस फल पर लाल बिन्दियाँ होती हैं, वह बहुत मीठा होता है।
अमरूद का अचार और मुरब्बा भी रखा जाता है और इसे भूनकर भी खाते हैं। इसकी चटनी भी स्वादिष्ट बनती है। अमरूद की अनेक किस्में हैं और एक किस्म ऐसी है जिसमें बीज प्रायः न होने के बराबर होते हैं। इसके पत्ते ऐंठायले होते हैं। इसकी दातुन भी की जाती है।
अमरूद (जाम) के लाभ / फायदे : amrud ke labh / fayde / gun
✦ अमरूद खाने से आंखों में तरावट आती है और पेट की कब्ज दूर होती है ।
✦ अमरूद को भोजन से पहले ही खाना चाहिये, भोजन के बाद अमरूद खाने से कब्ज दूर होती है। कब्ज़ वाले रोगियों को नाश्ते में अमरूद लेना चाहिये ।
✦ अजीर्ण और गैस दूर होगी । भूख लगेगी,
✦ सेंधा नमक के साथ खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
अमरूद (जाम) से रोगों का उपचार :
1- अमरूद के पत्तों का रस ढाई से 5 तोला तक पिलाने से भांग का नशा तुरन्त शान्त हो जाता है।
2-अमरूद के पत्तों का रस चौथाई से ढाई तोला तक प्रत्येक 4-4 घंटे पर सेवन करने से अतिसार और हैजा का वेग थम जाता है। ( और पढ़े – अमरूद खाने के लाभ व उसके 47 औषधीय प्रयोग )
3- अमरूद के पत्तों का रस शहद के साथ सेवन करने से अमरूद खाने से उत्पन्न हुई खाँसी नष्ट हो जाती है।
4- अमरूद के पत्तों का कल्क दाँतों पर मलने से दन्तपीड़ा शान्त होती है। ( और पढ़े – दाँत का दर्द मिटाने के घरेलू उपचार )
5- अमरूद का फल (बीजरहित करके) खाकर ऊपर से सुखोष्ण दुग्धपान. करने से मार्ग चलने की थकावट दूर हो जाती है, क्षुधा शान्त होती है।
6- दस्त- अमरूद की कोमल पत्तियां उबालकर पीने से पुराने दस्तों में लाभ होता है । ( और पढ़े – दस्त रोकने के 33 घरेलु उपाय )
दंत पीड़ा- अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों की पीड़ा दूर होती है या अमरूद के पत्तों का पानी में उबालकर कुल्ले करें, दांतों का दर्द, मसूड़ों का दर्द, सूजन को दूर करता है।
7- कूकर खांसी- अमरूद को भूमल में रख कर सेंककर खाने से कूकर खांसी ठीक हो जाती है । या कच्चे अमरूद का छिलका चबाकर उसका रस चूसने से खाँसी को आराम होता है ।
8- कब्ज- 250 ग्राम अमरूद खाकर ऊपर गर्म दूध पीने से कब्ज दूर होता है । पुराने कब्ज के रोगियों को सुबह-शाम अमरूद खाना चाहिये । ( और पढ़े – कब्ज दूर करने केदेसी घरेलु उपचार )
9- अमरूद की 4-5 नई कोमल पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा काला नमक मिलाकर रोजाना खाने से से जोड़ो के दर्द में काफी राहत मिलती है।
10- अमरूद की पत्तियों का पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से समय से पहले बालों का सफेद होना रुक जाता है | ( और पढ़े – असमय बालों को सफेद होने से रोकेंगे के घरेलु उपचार)
11- अमरुद का सेवन मलेरिया में लाभप्रद होता है। यदि मलेरिया हो जाए तो रोज दिन में तीन बार अमरूद अवश्य खाएं।
अमरूद खाने के नुकसान : amrud (amrood) ke nuksan
1- अमरूद वैसे तो सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक है फिर भी इसके ज्यादा सेवन से बचना चाहिए।
2-अमरूद खाकर जल नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से कफ बढ़कर सर्दी, खांसी की शिकायत उत्पन्न हो जाती है।
3- अमरूद याने जामफल के ज्यादा सेवन से हमारे शरीर में फाइबर की वृद्धि होती है जिसके कारण कुछ अस्थायी पाचन संबंधी परेशानी जैसे सूजन या गैस आदि हो सकती हैं।