नेपोलियन ने २५ वर्ष की आयु में इटली नी विजय प्राप्त की थी। न्यूटन ने २१ वर्ष का होने से पूर्व ही अपने महत्वपूर्ण आविष्कार कर डाले थे। विक्टर ह्यूगो जब १५ वर्ष के थे तब तक उनने कई नाटक लिख लिये थे और तीनपुरस्कार जीते थे। सिकन्दर जब दिग्विजय को निकला तब कुल २२ वर्ष का था। फ्रांस की क्रांति का नेतृत्व करने वाली देवी जौन १७ वर्ष की थी।
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai)जब वीरगति को प्राप्त हुई तब वह केवल २३ वर्ष की थी। स्वामी विवेकानंद(Swami Vivekananda ) ने केवल ३९ वर्ष का जीवन जिया। भगत सिंह(Bhagat Singh) को जब फाँसी दी गई तब वे भी केवल २३वर्ष के थे। गुरू गोबिंदसिंह जी (Guru Gobind Singh ji)के शहजादों के विषय में तो सभी जानते हैं। वे बाल्यावस्था में हीवीरगति को प्राप्त हो गए थे।
यदि उत्कट इच्छा, अदम्य साहस और प्रबल भावना जागृत हो जाए तो अल्प आयु में भी मनुष्य बहुत कुछ कर सकता है। बहुत कुछ बन सकता है।